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मज्ज़ूब

(शाब्दिक) खींचा गया, जज़्ब अर्थात अवशोषित किया गया

मज्ज़ूबा

مجذوب کی تانیث ؛ مجذوب عورت ۔

मज्ज़ूबाना

मज्जूबों की भाँति, मज्जूबों-जैसा (काम आदि)

मज्ज़ूब होना

वली होना, असर वाला होना । उसे तो मजज़ूब होना चाहिए

मज्ज़ूबी

मजज़ूब होना, मजज़ूब होने की कैफ़ीयत या रुतबा, मजज़ूबीत

मज्ज़ूब-मिनल्लाह

(تصوف)جو توفیق الٰہی سے مجذوب (رک : معنی نمبر ۵) کی منزل و مقام تک پہنچا ہو ۔

मज्ज़ूबियत

जज्ब, मज्जूब का भाव, तन्मयता, तल्लीनता, दर्जा या मर्तबा, मजज़ूबी

मज्ज़ूबाना बातें

مجذوب کی سی باتیں ، بے سروپا باتیں ، بے معنی باتیں ۔

मज्ज़ूब-सिफ़त

जिसमें मज्जूबों- जैसी बातें हों।

मज्ज़ूब की बड़

वह निरर्थक और क्रमहीन बातें जो अधिकतर ब्रह्मलीन अथवा मस्त फ़क़ीर करते रहते और उसी में प्रश्न करने वाले की बात का जवाब दे देते हैं

ख़िल्त-ए-मज्ज़ूब

جذب ہونے والا خلط .

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जगन नाथ के भात को किन ने न पसारा हाथ के अर्थदेखिए

जगन नाथ के भात को किन ने न पसारा हाथ

jagan naath ke bhaat ko kin ne na pasaaraa haathجَگَن ناتھ کے بھات کو کِن نے نَہ پَسارا ہاتھ

कहावत

जगन नाथ के भात को किन ने न पसारा हाथ के हिंदी अर्थ

  • ऐसी बात को जिस में कोई झगड़ा ना हो कौन नहीं पसंद करता

جَگَن ناتھ کے بھات کو کِن نے نَہ پَسارا ہاتھ کے اردو معانی

Roman

  • ایسی بات کو جس میں کوئی جھگڑا نہ ہو کون نہیں پسند کرتا

Urdu meaning of jagan naath ke bhaat ko kin ne na pasaaraa haath

Roman

  • a.isii baat ko jis me.n ko.ii jhag.Daa na ho kaun nahii.n pasand kartaa

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मज्ज़ूब

(शाब्दिक) खींचा गया, जज़्ब अर्थात अवशोषित किया गया

मज्ज़ूबा

مجذوب کی تانیث ؛ مجذوب عورت ۔

मज्ज़ूबाना

मज्जूबों की भाँति, मज्जूबों-जैसा (काम आदि)

मज्ज़ूब होना

वली होना, असर वाला होना । उसे तो मजज़ूब होना चाहिए

मज्ज़ूबी

मजज़ूब होना, मजज़ूब होने की कैफ़ीयत या रुतबा, मजज़ूबीत

मज्ज़ूब-मिनल्लाह

(تصوف)جو توفیق الٰہی سے مجذوب (رک : معنی نمبر ۵) کی منزل و مقام تک پہنچا ہو ۔

मज्ज़ूबियत

जज्ब, मज्जूब का भाव, तन्मयता, तल्लीनता, दर्जा या मर्तबा, मजज़ूबी

मज्ज़ूबाना बातें

مجذوب کی سی باتیں ، بے سروپا باتیں ، بے معنی باتیں ۔

मज्ज़ूब-सिफ़त

जिसमें मज्जूबों- जैसी बातें हों।

मज्ज़ूब की बड़

वह निरर्थक और क्रमहीन बातें जो अधिकतर ब्रह्मलीन अथवा मस्त फ़क़ीर करते रहते और उसी में प्रश्न करने वाले की बात का जवाब दे देते हैं

ख़िल्त-ए-मज्ज़ूब

جذب ہونے والا خلط .

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जगन नाथ के भात को किन ने न पसारा हाथ

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