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फ़ातिहा

शुभारम्भ, श्रीगणेश

फ़ातिहा

कुरान की पहली सूरत या आयत

फ़ातिहाना

जीतनेवालों की तरह, विजयपूर्ण

फ़ातिहा करना

मृतकों के लिए प्रार्थना करना

फ़ातिहा होना

ईसाल-ए-सवाब के मरासिम अदा होना , फ़ातिहा पढ़ा जाना

फ़ातिहा देना

फ़ातिहा दिलाना, पवित्र क़ुरआन पढ़ कर मृतक को पुण्य पहुँचाना

फ़ातिहा पढ़ो

आशा छोड़ दो

फ़ातिहा-ख़्वान

फ़ातिहा पढ़ने वाला, फ़ातिहा के संसकार करने वाला

फ़ातिहा पड़ना

۳. किसी चीज़ से हाथ उठाना, मायूस होजाना, नाउम्मीद हो जाना, हाथ धो बैठना

फ़ातिहा-दुरूद

मृतक की आत्मा की शांति के लिए पवित्र क़ुरआन, दुरूद का पाठ इत्यादि जिसमें क़ुरआन से अलहम्द और दुरूद सम्मिलित हों

फ़ातिहा-ए-ख़ैर

भलाई की दुआ, तिलांजलि

फ़ातिहा पढ़ना

किसी व्यक्तित्व या कार्य के लिए भलाई माँगना, पुन्य पहुँचाने की नीयत से अलहम्द-शरीफ़ आदि का पाठ करना, क्षमा की दूआ करना

फ़ातिहा दिलाना

मुरदे को सवाब पहुंचाने के लिए नयाज़, नज़र या फ़ातिहा के मरासिम अदा करना, ईसाल-ए-सवाब के लिए करानी सूरतें पढ़ना और पढ़वाना और दुआ-ए-ख़ैर करना

फ़ातिहा दिलवाना

मुरदे को सवाब पहुंचाने के लिए नयाज़, नज़र या फ़ातिहा के मरासिम अदा करना, ईसाल-ए-सवाब के लिए करानी सूरतें पढ़ना और पढ़वाना और दुआ-ए-ख़ैर करना

फ़ातिहा-ख़्वानी

मर्दे की आत्मा की शान्ति के लिए कुरआन की सुरत 'फातिहा' को पढ़ने की क्रिया

फ़ातिहा-ए-ख़ैर पढ़ना

लाश का संसकार करने के बाद मृतक के घर पहुंच कर उसके सगे-संबंधियों को सांत्वना के उद्देश्य से सूरा-फ़ातिहा का पाठ करना और फिर परिवार के लोगोंं को धीरज रखने के लिए कहना

फ़ातिहा-ए-ख़ैर से याद करना

نام پر فاتحہ پڑھنا، مصنفان عموماً کتاب پڑھنے والوں سے درخواست کرتے ہیں

फ़ातिहा न दुरूद खा गए मरदूद

अयोग्य लोग चीजों को बर्बाद कर देते हैं

फ़ातिहा न दुरूद मर गए मर्दूद

ऐसे निःसंतान की मृत्यु पर बोला जाता है जो दुष्ट एवं दुर्व्यवहारी भी हो

फ़ातिहा न दुरूद खाने को मौजूद

बिना परिश्रम एवंं कठिनाई के खाने को तैयार, बिना मेहनत मज़दूरी माँगना

फूल-फ़ातिहा

मुसलमानों में किसी के मरने के दिन से तीसरा दिन (इस दिन मृतक के संबंधी गरीबों को रोटियाँ बाँटते और कुछ पाठ करते हैं), (मृतक का) तीजा

सूरा-ए-फ़ातिहा

कुरान की सर्वप्रथम सूरत, क़ुरआन के एक अध्याय अल-हम्द को कहते हैं (इस्लिए भी कहा जाता है कि इसके साथ ही नमाज़ में पाठ शुरू किया जाता है)

रुसूम-ए-फ़ातिहा

मुसलमानों में किसी के मरने के दिन से तीसरा दिन (इस दिन मृतक के संबंधी गरीबों को रोटियाँ बाँटते और कुछ पाठ करते हैं)

अटकल की फ़ातिहा देना

बे-समझे बूझे कुछ कहना, कभी कुछ कहना और कभी कुछ

दिया फ़ातिहा को, लगी लुटाने

जिस काम के लिए दिया था वो न किया उसके अतिरिक्त अपव्यय आरम्भ कर दिया

हल्वाई की दुकान नाना जी की फ़ातिहा

ग़ैर के माल के बे दरेग़ ख़र्च करने के मौक़ा पर बोलते हैं, अपनी गिरह से कुछ ना निकाले मगर दूसरे के माल को पढ़ पढ़ कर सिर्फ़ करे

भटयारी के तन्नूर पे नाना की फ़ातिहा

पराए माल को अपना समझ कर अंधाधुंध व्यय करना, दूसरे के धन पर मज़े उड़ाना

हल्वाई की दुकान दादा जी की फ़ातिहा

ग़ैर के माल के बे दरेग़ ख़र्च करने के मौक़ा पर बोलते हैं, अपनी गिरह से कुछ ना निकाले मगर दूसरे के माल को पढ़ पढ़ कर सिर्फ़ करे

मर गए मर्दूद जिन की फ़ातिहा न दुरूद

बद-म'आश और बुरे व्यक्ति को कोई शुभ नाम से याद नहीं करता

जैसा तेल का मलीदा वैसे अटकल का फ़ातिहा

कुप्रबंधन का काम प्रायः ख़राब ही हुआ करता है, कुप्रबंधन प्रायः भयावह होता है

हम अभी से फ़ातिहा के लिए हाथ उठाते हैं

(महिला) जब कोई झूट-मूट मरने की धमकी देता है तो औरतें कहती हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में इर्ति'आश-ए-दस्त-ए-दु'आ के अर्थदेखिए

इर्ति'आश-ए-दस्त-ए-दु'आ

irti'aash-e-dast-e-du'aaاِرْتِعاشِ دَسْتِ دُعا

वज़्न : 21222212

इर्ति'आश-ए-दस्त-ए-दु'आ के हिंदी अर्थ

  • पूजा में सिहरते हुए हाथ

English meaning of irti'aash-e-dast-e-du'aa

  • trembling of praying hands

Urdu meaning of irti'aash-e-dast-e-du'aa

  • Roman
  • Urdu

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शुभारम्भ, श्रीगणेश

फ़ातिहा

कुरान की पहली सूरत या आयत

फ़ातिहाना

जीतनेवालों की तरह, विजयपूर्ण

फ़ातिहा करना

मृतकों के लिए प्रार्थना करना

फ़ातिहा होना

ईसाल-ए-सवाब के मरासिम अदा होना , फ़ातिहा पढ़ा जाना

फ़ातिहा देना

फ़ातिहा दिलाना, पवित्र क़ुरआन पढ़ कर मृतक को पुण्य पहुँचाना

फ़ातिहा पढ़ो

आशा छोड़ दो

फ़ातिहा-ख़्वान

फ़ातिहा पढ़ने वाला, फ़ातिहा के संसकार करने वाला

फ़ातिहा पड़ना

۳. किसी चीज़ से हाथ उठाना, मायूस होजाना, नाउम्मीद हो जाना, हाथ धो बैठना

फ़ातिहा-दुरूद

मृतक की आत्मा की शांति के लिए पवित्र क़ुरआन, दुरूद का पाठ इत्यादि जिसमें क़ुरआन से अलहम्द और दुरूद सम्मिलित हों

फ़ातिहा-ए-ख़ैर

भलाई की दुआ, तिलांजलि

फ़ातिहा पढ़ना

किसी व्यक्तित्व या कार्य के लिए भलाई माँगना, पुन्य पहुँचाने की नीयत से अलहम्द-शरीफ़ आदि का पाठ करना, क्षमा की दूआ करना

फ़ातिहा दिलाना

मुरदे को सवाब पहुंचाने के लिए नयाज़, नज़र या फ़ातिहा के मरासिम अदा करना, ईसाल-ए-सवाब के लिए करानी सूरतें पढ़ना और पढ़वाना और दुआ-ए-ख़ैर करना

फ़ातिहा दिलवाना

मुरदे को सवाब पहुंचाने के लिए नयाज़, नज़र या फ़ातिहा के मरासिम अदा करना, ईसाल-ए-सवाब के लिए करानी सूरतें पढ़ना और पढ़वाना और दुआ-ए-ख़ैर करना

फ़ातिहा-ख़्वानी

मर्दे की आत्मा की शान्ति के लिए कुरआन की सुरत 'फातिहा' को पढ़ने की क्रिया

फ़ातिहा-ए-ख़ैर पढ़ना

लाश का संसकार करने के बाद मृतक के घर पहुंच कर उसके सगे-संबंधियों को सांत्वना के उद्देश्य से सूरा-फ़ातिहा का पाठ करना और फिर परिवार के लोगोंं को धीरज रखने के लिए कहना

फ़ातिहा-ए-ख़ैर से याद करना

نام پر فاتحہ پڑھنا، مصنفان عموماً کتاب پڑھنے والوں سے درخواست کرتے ہیں

फ़ातिहा न दुरूद खा गए मरदूद

अयोग्य लोग चीजों को बर्बाद कर देते हैं

फ़ातिहा न दुरूद मर गए मर्दूद

ऐसे निःसंतान की मृत्यु पर बोला जाता है जो दुष्ट एवं दुर्व्यवहारी भी हो

फ़ातिहा न दुरूद खाने को मौजूद

बिना परिश्रम एवंं कठिनाई के खाने को तैयार, बिना मेहनत मज़दूरी माँगना

फूल-फ़ातिहा

मुसलमानों में किसी के मरने के दिन से तीसरा दिन (इस दिन मृतक के संबंधी गरीबों को रोटियाँ बाँटते और कुछ पाठ करते हैं), (मृतक का) तीजा

सूरा-ए-फ़ातिहा

कुरान की सर्वप्रथम सूरत, क़ुरआन के एक अध्याय अल-हम्द को कहते हैं (इस्लिए भी कहा जाता है कि इसके साथ ही नमाज़ में पाठ शुरू किया जाता है)

रुसूम-ए-फ़ातिहा

मुसलमानों में किसी के मरने के दिन से तीसरा दिन (इस दिन मृतक के संबंधी गरीबों को रोटियाँ बाँटते और कुछ पाठ करते हैं)

अटकल की फ़ातिहा देना

बे-समझे बूझे कुछ कहना, कभी कुछ कहना और कभी कुछ

दिया फ़ातिहा को, लगी लुटाने

जिस काम के लिए दिया था वो न किया उसके अतिरिक्त अपव्यय आरम्भ कर दिया

हल्वाई की दुकान नाना जी की फ़ातिहा

ग़ैर के माल के बे दरेग़ ख़र्च करने के मौक़ा पर बोलते हैं, अपनी गिरह से कुछ ना निकाले मगर दूसरे के माल को पढ़ पढ़ कर सिर्फ़ करे

भटयारी के तन्नूर पे नाना की फ़ातिहा

पराए माल को अपना समझ कर अंधाधुंध व्यय करना, दूसरे के धन पर मज़े उड़ाना

हल्वाई की दुकान दादा जी की फ़ातिहा

ग़ैर के माल के बे दरेग़ ख़र्च करने के मौक़ा पर बोलते हैं, अपनी गिरह से कुछ ना निकाले मगर दूसरे के माल को पढ़ पढ़ कर सिर्फ़ करे

मर गए मर्दूद जिन की फ़ातिहा न दुरूद

बद-म'आश और बुरे व्यक्ति को कोई शुभ नाम से याद नहीं करता

जैसा तेल का मलीदा वैसे अटकल का फ़ातिहा

कुप्रबंधन का काम प्रायः ख़राब ही हुआ करता है, कुप्रबंधन प्रायः भयावह होता है

हम अभी से फ़ातिहा के लिए हाथ उठाते हैं

(महिला) जब कोई झूट-मूट मरने की धमकी देता है तो औरतें कहती हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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