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शैख़

(तसव्वुफ़) वो इंसान जो शरीयत-ओ-तरीक़त में कामिल हो और बैअत लेता हुआ, मुर्शिद, पीर-ए-तरीक़त, सज्जादा नशीन

शैख़ा

بزرگ خاتون ، شیخ کی بیوی .

शैख़ा

(निंदात्मक) शेख़

शैख़-ए-वक़्त

अपने समय का सबसे बड़ा धर्मगुरु

शैख़-ए-हरम

काबा के महान व्यक्ति अर्थात: विद्वान और पल्पिट के मालिक

शैख़ों

venerable ones/chiefs

शैख़ैन

प्रतीकात्मक: हज़रत अबु-बकर और हज़रात उम्र

शैख़ानी

शेख़ की पत्नी, शेख़ बिरादरी की औरत

शैख़-ओ-बरहमन

a muslim elderly religious head and brahmin

शैख़-ए-मकतब

school teacher

शैख़-साहब

Mr. Shaikh

शैख़-ओ-शाब

बूढ़े और जवान, अर्थात सब लोग

शैख़-सद्दू

a legendary evil spirit supposed to possess women

शैख़-चिल्ली

एक कल्पित मूर्ख व्यक्ति जिसके संबंध में बहुत सो विलक्षण और हँसानेवाली कहानियाँ कही जाती हैं, बैठे बैठे बड़े बड़े मंसूबै बाँधने वाला, झूठमूठ बड़ी बड़ी बातों हाँकने वाला, मूर्ख, मसखरा, बेवकूफ, मसखरा, काल्पनिक दुनिया में रहने वाला

शैख़-नजदी

शैतान

शैख़-ए-कामिल

पहुँचा हुआ पीर, ब्रह्म- लीन धर्मगुरु, पूर्ण धर्माचार्य ।

शैख़-चमूना

पंजाब में पाया जाने वाला एक छोटा सा पक्षी जो पिद्दी के बराबर और चिड़िया से छोटा होता है इसकी कई क़िस्में हैं

शैख़ूख़िय्यत

پچاس برس کے بعد سے آخیر عمر تک کا زمانہ، بڑھاپا .

शैख़-उल-मदीना

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, पुलिस का आला अफ़्सर

शैख़-उल-इस्लाम

इस्लामी धर्मशास्त्र का सबसे बड़ा विद्वान्

शैख़-उल-मशाइख़

پیرِ مشائخ، بہت بڑا بزرگ، عالمِ دین ، تمام عالموں اور فاضلوں کا سرگروہ.

शैख़-उल-असहाब

मक्का शरीफ़

शैख़ का बकरा

वह बकरा जो शैख़ सिद्दू के नाम पर ज़बह करते हैं

शैख़ुत्तरीक़त

धर्मगुरु, पीर, मुर्शिद।

शैख़ुन्नज्द

شیطان کا لقب جو ایک پیر مرد کی شکل میں کفّارِ مکہ کو شبِ ہجرت رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کے قتل کی تدبیر بتانے آیا تھا.

शैख़ तेरी फ़ितरत

शैख़ बहुत चतुर और चालाक होता है

शैख़ चिल्ली का मंसूबा

प्रतीकात्मक: खयाली पुलाव, हवाई क़िले बनाना, खयाली मंसूबा

शैख़ और तीन काने

अनावश्यक शेख़ी और दिखावा

शैख़ी-बाज़

डींगें मारने वाला, घमंडी

शैख़ पुकारें तंदूरी क़ंदूरी

ग़रज़मंद को अपने मतलब की सूझती है

शैख़ क्या जाने साबुन का भाव

जिससे कुछ संबंध न हो उस चीज़ की स्थिति क्या मालूम हो सकती है

शैख़ुत्ताइफ़ा

अपने गोत्र या पार्टी का अध्यक्ष, दलपति।

शैख़ ने कछवे को भी दग़ा दी

शैख़ बहुत मक्कार होते हैं, एक शैख़ नदी पार होना चाहता था, कछुवे से वादा हुआ कि पार जाकर उसके लिए एक बकरा ज़बह करेगा, उसने पीठ पर चढ़ा कर पार उतार दिया, शैख़ जी ने सर से जूँ निकाल कर मार दी और चलते बने

शैख़ चंडाल न छोड़े मक्खी न छोड़े बाल

ऐसे शख़्स के बारे में कहते हैं जो हरीस हो बहुत लालची, हर चीज़ हड़प कर जाने वाला

शैख़ चंडाल न रहे मक्खी न छोड़े बाल

ऐसे शख़्स के बारे में कहते हैं जो हरीस हो बहुत लालची, हर चीज़ हड़प कर जाने वाला

शैख़ चंडाल न रहे मक्खी न रहे बाल

ऐसे शख़्स के बारे में कहते हैं जो हरीस हो बहुत लालची, हर चीज़ हड़प कर जाने वाला

शैख़ों की शेख़ी और पठानों की टर

शेख़ों की डींग और पठानों की तर्क-वितर्क प्रख्यात है

शैख़ी ख़ोरे से कहा तेरा घर जला है, कहा बला से मेरी शैख़ी तो मेरे पास है

नुक़्सान के बावजूद शेखी मारने वाले की निसबत कहते हैं

शैख़ी ख़ोरे से कहा तेरा घर जलता है, कहा बला से मेरी शैख़ी तो मेरे पास है

नुक़्सान के बावजूद शेखी मारने वाले की निसबत कहते हैं

हज़रत-ए-शैख़

उर्दू साहित्य में वह धार्मिक व्यक्ति जो बुरे कामों से रोकता, शराब से मना करता और नमाज़ आदि की पाबंदी के लिये समझाता है

आँखों के अंधे नाम शैख़ रौशन

रूपया तो शैख़, नहीं तो जुलाहा

रुपया से आदमी की इज़्ज़त होती है, ज़र है तो नर है वर्ना ख़र है

रूपया तो शैख़, नहीं तो जुलाहा

रुपया से आदमी की सम्मान होता है

गुदड़ी से बीवी आईं शैख़ जी किनारे हो

सारा दिन तो बाज़ार में फुर्ती रही घर आ कर पर्दा याद आया

मन में शैख़ फ़रीद, बग़ल में ईंटें

बाहर कुछ अंदर कुछ, दिखावा करते हैं, ढोंगी हैं

गुदड़ी से बीवी आईं शैख़ जी किनारे हुए

सारा दिन तो बाज़ार में फुर्ती रही घर आकर पर्दा याद आया, पछताने के मौक़ा पर मुस्तामल

देखे भाले शैख़ जी और चपड़े सय्यद होएँ

समय अनुकूल हो तो तुच्छ श्रेष्ठ बन जाता है, ग़ल्ला चूँ अर्ज़ां शवद इमसाल सय्यद मी शवम

सुख सोवें शैख़ और चोर न भाँडे ले

आदमी ग़फ़लत करे तो नुक़्सान उठाता है, शेख़ आराम की नींद सविता है, क्योंकि उस की मुफ़लिसी के बाइस इस के यहां चोरी नहीं होती

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में हज़रत-ए-शैख़ के अर्थदेखिए

हज़रत-ए-शैख़

hazrat-e-shaiKHحضرت شیخ

स्रोत: अरबी

वज़्न : 21221

हज़रत-ए-शैख़ के हिंदी अर्थ

पुल्लिंग

  • उर्दू साहित्य में वह धार्मिक व्यक्ति जो बुरे कामों से रोकता, शराब से मना करता और नमाज़ आदि की पाबंदी के लिये समझाता है

शे'र

English meaning of hazrat-e-shaiKH

Masculine

  • Mr. preacher, a hypocritical devout person

Urdu meaning of hazrat-e-shaiKH

Roman

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शैख़

(तसव्वुफ़) वो इंसान जो शरीयत-ओ-तरीक़त में कामिल हो और बैअत लेता हुआ, मुर्शिद, पीर-ए-तरीक़त, सज्जादा नशीन

शैख़ा

بزرگ خاتون ، شیخ کی بیوی .

शैख़ा

(निंदात्मक) शेख़

शैख़-ए-वक़्त

अपने समय का सबसे बड़ा धर्मगुरु

शैख़-ए-हरम

काबा के महान व्यक्ति अर्थात: विद्वान और पल्पिट के मालिक

शैख़ों

venerable ones/chiefs

शैख़ैन

प्रतीकात्मक: हज़रत अबु-बकर और हज़रात उम्र

शैख़ानी

शेख़ की पत्नी, शेख़ बिरादरी की औरत

शैख़-ओ-बरहमन

a muslim elderly religious head and brahmin

शैख़-ए-मकतब

school teacher

शैख़-साहब

Mr. Shaikh

शैख़-ओ-शाब

बूढ़े और जवान, अर्थात सब लोग

शैख़-सद्दू

a legendary evil spirit supposed to possess women

शैख़-चिल्ली

एक कल्पित मूर्ख व्यक्ति जिसके संबंध में बहुत सो विलक्षण और हँसानेवाली कहानियाँ कही जाती हैं, बैठे बैठे बड़े बड़े मंसूबै बाँधने वाला, झूठमूठ बड़ी बड़ी बातों हाँकने वाला, मूर्ख, मसखरा, बेवकूफ, मसखरा, काल्पनिक दुनिया में रहने वाला

शैख़-नजदी

शैतान

शैख़-ए-कामिल

पहुँचा हुआ पीर, ब्रह्म- लीन धर्मगुरु, पूर्ण धर्माचार्य ।

शैख़-चमूना

पंजाब में पाया जाने वाला एक छोटा सा पक्षी जो पिद्दी के बराबर और चिड़िया से छोटा होता है इसकी कई क़िस्में हैं

शैख़ूख़िय्यत

پچاس برس کے بعد سے آخیر عمر تک کا زمانہ، بڑھاپا .

शैख़-उल-मदीना

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, पुलिस का आला अफ़्सर

शैख़-उल-इस्लाम

इस्लामी धर्मशास्त्र का सबसे बड़ा विद्वान्

शैख़-उल-मशाइख़

پیرِ مشائخ، بہت بڑا بزرگ، عالمِ دین ، تمام عالموں اور فاضلوں کا سرگروہ.

शैख़-उल-असहाब

मक्का शरीफ़

शैख़ का बकरा

वह बकरा जो शैख़ सिद्दू के नाम पर ज़बह करते हैं

शैख़ुत्तरीक़त

धर्मगुरु, पीर, मुर्शिद।

शैख़ुन्नज्द

شیطان کا لقب جو ایک پیر مرد کی شکل میں کفّارِ مکہ کو شبِ ہجرت رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کے قتل کی تدبیر بتانے آیا تھا.

शैख़ तेरी फ़ितरत

शैख़ बहुत चतुर और चालाक होता है

शैख़ चिल्ली का मंसूबा

प्रतीकात्मक: खयाली पुलाव, हवाई क़िले बनाना, खयाली मंसूबा

शैख़ और तीन काने

अनावश्यक शेख़ी और दिखावा

शैख़ी-बाज़

डींगें मारने वाला, घमंडी

शैख़ पुकारें तंदूरी क़ंदूरी

ग़रज़मंद को अपने मतलब की सूझती है

शैख़ क्या जाने साबुन का भाव

जिससे कुछ संबंध न हो उस चीज़ की स्थिति क्या मालूम हो सकती है

शैख़ुत्ताइफ़ा

अपने गोत्र या पार्टी का अध्यक्ष, दलपति।

शैख़ ने कछवे को भी दग़ा दी

शैख़ बहुत मक्कार होते हैं, एक शैख़ नदी पार होना चाहता था, कछुवे से वादा हुआ कि पार जाकर उसके लिए एक बकरा ज़बह करेगा, उसने पीठ पर चढ़ा कर पार उतार दिया, शैख़ जी ने सर से जूँ निकाल कर मार दी और चलते बने

शैख़ चंडाल न छोड़े मक्खी न छोड़े बाल

ऐसे शख़्स के बारे में कहते हैं जो हरीस हो बहुत लालची, हर चीज़ हड़प कर जाने वाला

शैख़ चंडाल न रहे मक्खी न छोड़े बाल

ऐसे शख़्स के बारे में कहते हैं जो हरीस हो बहुत लालची, हर चीज़ हड़प कर जाने वाला

शैख़ चंडाल न रहे मक्खी न रहे बाल

ऐसे शख़्स के बारे में कहते हैं जो हरीस हो बहुत लालची, हर चीज़ हड़प कर जाने वाला

शैख़ों की शेख़ी और पठानों की टर

शेख़ों की डींग और पठानों की तर्क-वितर्क प्रख्यात है

शैख़ी ख़ोरे से कहा तेरा घर जला है, कहा बला से मेरी शैख़ी तो मेरे पास है

नुक़्सान के बावजूद शेखी मारने वाले की निसबत कहते हैं

शैख़ी ख़ोरे से कहा तेरा घर जलता है, कहा बला से मेरी शैख़ी तो मेरे पास है

नुक़्सान के बावजूद शेखी मारने वाले की निसबत कहते हैं

हज़रत-ए-शैख़

उर्दू साहित्य में वह धार्मिक व्यक्ति जो बुरे कामों से रोकता, शराब से मना करता और नमाज़ आदि की पाबंदी के लिये समझाता है

आँखों के अंधे नाम शैख़ रौशन

रूपया तो शैख़, नहीं तो जुलाहा

रुपया से आदमी की इज़्ज़त होती है, ज़र है तो नर है वर्ना ख़र है

रूपया तो शैख़, नहीं तो जुलाहा

रुपया से आदमी की सम्मान होता है

गुदड़ी से बीवी आईं शैख़ जी किनारे हो

सारा दिन तो बाज़ार में फुर्ती रही घर आ कर पर्दा याद आया

मन में शैख़ फ़रीद, बग़ल में ईंटें

बाहर कुछ अंदर कुछ, दिखावा करते हैं, ढोंगी हैं

गुदड़ी से बीवी आईं शैख़ जी किनारे हुए

सारा दिन तो बाज़ार में फुर्ती रही घर आकर पर्दा याद आया, पछताने के मौक़ा पर मुस्तामल

देखे भाले शैख़ जी और चपड़े सय्यद होएँ

समय अनुकूल हो तो तुच्छ श्रेष्ठ बन जाता है, ग़ल्ला चूँ अर्ज़ां शवद इमसाल सय्यद मी शवम

सुख सोवें शैख़ और चोर न भाँडे ले

आदमी ग़फ़लत करे तो नुक़्सान उठाता है, शेख़ आराम की नींद सविता है, क्योंकि उस की मुफ़लिसी के बाइस इस के यहां चोरी नहीं होती

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