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बे-हुनर

जिसे कोई हुनर न आता हो, जिसमें कोई हुनर न हो, जो कुछ भी काम न कर सकता हो, निर्गुण, गुणहीन, फूहड़, मूर्ख

बे-हुनरी

किसी प्रकार का हुनर या गुण न होने की अवस्था या भाव, गुण का न होना, निर्गुणता, वैगुण्य

हुनर-वर दर बे हुनराँ ख़र

(फ़ारसी कहावत) बे हुनरों में हुनरमंद गधे की मानिंद है , बदों में अच्छा निको बिन के रह जाता है

हुनर ज़ादा बे हुनर चूँ बुवद, पिदर टर्रा बाशद पिसर टूँ बुवद

(फ़ारसी कहावत) बाप दादा का असर कुछ ना कुछ औलाद में ज़रूर आता है

दस्त-ए-बे-हुनर कफ़्चा-ए-गदाई अस्त

जिस हाथ में कोई हुनर ना हो वो गदाई का कफ़चा (भीक का पियाला) है, जिस शख़्स को कोई हुनर नहीं आता उसे भीक मान पड़ती है

हर 'ऐब कि सुल्तान ब पसनंदद हुनर अस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) बादशाह जिस ऐब को पसंद करता है वो हुनर समझा जाता है , बड़ों के ऐब भी ख़ूबी हो जाते हैं , बरी बात जो हाकिम करता है लोग उसी की तक़लीद करते हैं

हुनर ब-चश्म-ए-'अदावत बुज़ुर्ग तर 'ऐब अस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) अदावत की आँख से हुनर भी बड़ा ऐब मालूम होता है

बा'इस-ए-'अर्ज़-ए-हुनर

reason for presenting competence

बा'इस-ए-अफ़्सुर्दगी-ए-हाल-ए-हुनर

cause of the poor state of skill

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ग़ुलाम को और चने को मुँह न लगावे के अर्थदेखिए

ग़ुलाम को और चने को मुँह न लगावे

Gulaam ko aur chane ko mu.nh na lagaaveغُلام کواور چَنے کو مُنھ نَہ لَگاوے

कहावत

ग़ुलाम को और चने को मुँह न लगावे के हिंदी अर्थ

  • ग़ुलाम दिलेर जाता है और चुने का मज़ा नहीं छूटता

غُلام کواور چَنے کو مُنھ نَہ لَگاوے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • غلام دلیر جاتا ہے اور چنے کا مزہ نہیں چھوٹتا .

Urdu meaning of Gulaam ko aur chane ko mu.nh na lagaave

  • Roman
  • Urdu

  • Gulaam diler jaataa hai aur chune ka mazaa nahii.n chhuuTtaa

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बे-हुनर

जिसे कोई हुनर न आता हो, जिसमें कोई हुनर न हो, जो कुछ भी काम न कर सकता हो, निर्गुण, गुणहीन, फूहड़, मूर्ख

बे-हुनरी

किसी प्रकार का हुनर या गुण न होने की अवस्था या भाव, गुण का न होना, निर्गुणता, वैगुण्य

हुनर-वर दर बे हुनराँ ख़र

(फ़ारसी कहावत) बे हुनरों में हुनरमंद गधे की मानिंद है , बदों में अच्छा निको बिन के रह जाता है

हुनर ज़ादा बे हुनर चूँ बुवद, पिदर टर्रा बाशद पिसर टूँ बुवद

(फ़ारसी कहावत) बाप दादा का असर कुछ ना कुछ औलाद में ज़रूर आता है

दस्त-ए-बे-हुनर कफ़्चा-ए-गदाई अस्त

जिस हाथ में कोई हुनर ना हो वो गदाई का कफ़चा (भीक का पियाला) है, जिस शख़्स को कोई हुनर नहीं आता उसे भीक मान पड़ती है

हर 'ऐब कि सुल्तान ब पसनंदद हुनर अस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) बादशाह जिस ऐब को पसंद करता है वो हुनर समझा जाता है , बड़ों के ऐब भी ख़ूबी हो जाते हैं , बरी बात जो हाकिम करता है लोग उसी की तक़लीद करते हैं

हुनर ब-चश्म-ए-'अदावत बुज़ुर्ग तर 'ऐब अस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) अदावत की आँख से हुनर भी बड़ा ऐब मालूम होता है

बा'इस-ए-'अर्ज़-ए-हुनर

reason for presenting competence

बा'इस-ए-अफ़्सुर्दगी-ए-हाल-ए-हुनर

cause of the poor state of skill

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