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दरवेश

भिक्षुक, फ़क़ीर, साईं, संत, ईश्वर का ध्यान करने वाला, वो फ़क़ीर जो मुसलसल सफ़र में रहे

दरवेशाना

दरवेशों-जैसा, दरवेशों की जिंदगी सीधी-सादी और मोटी-मोटी जीवन-चर्या, गरीब, सरल, विनम्र

दरवेश-चेहरा

فقیروں جیسا ، مِسکین چہرہ ، درویش صِفت.

दरवेश-मज़हब

वह व्यक्ति जिसके विचार दुर्वेशों की तरह हों

दरवेशी

ग़रीबी, फ़क़ीरी, संन्यास

दरवेश-दोस्त

फ़क़ीरों की मदद करने वाला

दरवेश-शक्ल

वह व्यक्ति जिसकी शक्ल-सूरत दरवेशों की तरह हो

दरवेश-मनिश

رک: درویش صفت ، مُنکسر المزاج.

दरवेश-ख़सलत

वह व्यक्ति जिसकी विशेषताएँ फकीरों या संतों की तरह हों, सादे स्वभाव वाला

दरवेश-सफ़ा

فِرقۂ محمودیہ کا ایک روحانی درجہ.

दरवेश-सूरत

वह व्यक्ति जिसकी शक्ल-सूरत दरवेशों की तरह हो

दरवेश-मिज़ाज

वह व्यक्ति जिसके स्वभाव में सादगी हो दिखावा न हो

दरवेश-ख़याल

وہ شخص جس کے خیالات درویشوں کی طرح ہوں ؛ نیک .

दरवेश-मनिशी

فقیری ، مُنکسر المزاجی.

दरवेश-परवरी

दुरवेश या फ़क़ीरों की परवरिश करना, ग़ुरबा परवरी

क़हर-ए-दर्वेश

رک : قہرِ درویش بجانِ ، درویش جس کی یہ تخفیف ہے.

जुब्बा-ए-दर्वेश

(शाब्दिक) फ़क़ीर का पहनावा

क़हर-ए-दरवेश ब-जान-ए-दरवेश

ग़रीब आदमी ग़ुस्सा करेगा तो किसी का क्या लेगा अपनी ही जान को अज़ाब में डालेगा, ग़रीब का ग़ुस्सा अपने ही ऊपर चलता है, किसी की मजबूरी या बेबसी के मौक़ा पर बोलते हैं

क़हर-ए-दरवेश बर-जान-ए-दरवेश

ग़रीब आदमी ग़ुस्सा करेगा तो किसी का क्या लेगा अपनी ही जान को अज़ाब में डालेगा, ग़रीब का ग़ुस्सा अपने ही ऊपर चलता है, किसी की मजबूरी या बेबसी के मौक़ा पर बोलते हैं

अव्वल ख़्वेश बा'दहू दरवेश

उन लोगों की सहायता पहले करना चाहिए जो निकट हों उसके बाद दूसरों की, अपने से बचे तो दूसरे को दें

आप बाबू मँगते बाहर खड़े दरवेश

जिसके पास कुछ न हो दूसरे को क्या दे सकता है

बर्ग-ए-सब्ज़ अस्त तोहफ़ा-ए-दरवेश

यह फ़क़ीर का नाचीज़ उपहार है स्वीकार कीजिये (कोई उपहार देने के अवसर पर नम्रता के लिए प्रयुक्त)

शक्ल ए दरवेश सूरत सवाल अस्त

फ़ारसी मक़ूला उर्दू में मुस्तामल, फ़क़ीर की सूरत ही सवाल है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में गोरी तेरे संग में गई 'उमरिया बीत, अब चाली संग छोड़ के ये न रीत प्रीत के अर्थदेखिए

गोरी तेरे संग में गई 'उमरिया बीत, अब चाली संग छोड़ के ये न रीत प्रीत

gorii tere sang me.n ga.ii 'umariyaa biit, ab chaalii sang chho.D ke ye na riit priitگوری تیرے سَنگ میں گَئی عُمَرِیا بِیت، اَب چالی سَنگ چھوڑ کے یہ نَہ رِیت پِرِیت

कहावत

गोरी तेरे संग में गई 'उमरिया बीत, अब चाली संग छोड़ के ये न रीत प्रीत के हिंदी अर्थ

  • मरते समय आदमी आत्मा से कहता है कि हे प्रेमिका तेरे साथ आयु बीत गई, अब तू साथ छोड़ रही है तो ये प्रेम के विरुद्ध है

گوری تیرے سَنگ میں گَئی عُمَرِیا بِیت، اَب چالی سَنگ چھوڑ کے یہ نَہ رِیت پِرِیت کے اردو معانی

Roman

  • موت کے وقت آدمی روح کو مخاطب کرتا ہے کہ اے محبوبہ ترے ساتھ عمر بیت گئی، اب تُو ساتھ چھوڑ رہی ہے تو یہ محبت کے خلاف ہے

Urdu meaning of gorii tere sang me.n ga.ii 'umariyaa biit, ab chaalii sang chho.D ke ye na riit priit

Roman

  • maut ke vaqt aadamii ruuh ko muKhaatab kartaa hai ki e mahbuuba tire saath umr bait ga.ii, ab to saath chho.D rahii hai to ye muhabbat ke Khilaaf hai

खोजे गए शब्द से संबंधित

दरवेश

भिक्षुक, फ़क़ीर, साईं, संत, ईश्वर का ध्यान करने वाला, वो फ़क़ीर जो मुसलसल सफ़र में रहे

दरवेशाना

दरवेशों-जैसा, दरवेशों की जिंदगी सीधी-सादी और मोटी-मोटी जीवन-चर्या, गरीब, सरल, विनम्र

दरवेश-चेहरा

فقیروں جیسا ، مِسکین چہرہ ، درویش صِفت.

दरवेश-मज़हब

वह व्यक्ति जिसके विचार दुर्वेशों की तरह हों

दरवेशी

ग़रीबी, फ़क़ीरी, संन्यास

दरवेश-दोस्त

फ़क़ीरों की मदद करने वाला

दरवेश-शक्ल

वह व्यक्ति जिसकी शक्ल-सूरत दरवेशों की तरह हो

दरवेश-मनिश

رک: درویش صفت ، مُنکسر المزاج.

दरवेश-ख़सलत

वह व्यक्ति जिसकी विशेषताएँ फकीरों या संतों की तरह हों, सादे स्वभाव वाला

दरवेश-सफ़ा

فِرقۂ محمودیہ کا ایک روحانی درجہ.

दरवेश-सूरत

वह व्यक्ति जिसकी शक्ल-सूरत दरवेशों की तरह हो

दरवेश-मिज़ाज

वह व्यक्ति जिसके स्वभाव में सादगी हो दिखावा न हो

दरवेश-ख़याल

وہ شخص جس کے خیالات درویشوں کی طرح ہوں ؛ نیک .

दरवेश-मनिशी

فقیری ، مُنکسر المزاجی.

दरवेश-परवरी

दुरवेश या फ़क़ीरों की परवरिश करना, ग़ुरबा परवरी

क़हर-ए-दर्वेश

رک : قہرِ درویش بجانِ ، درویش جس کی یہ تخفیف ہے.

जुब्बा-ए-दर्वेश

(शाब्दिक) फ़क़ीर का पहनावा

क़हर-ए-दरवेश ब-जान-ए-दरवेश

ग़रीब आदमी ग़ुस्सा करेगा तो किसी का क्या लेगा अपनी ही जान को अज़ाब में डालेगा, ग़रीब का ग़ुस्सा अपने ही ऊपर चलता है, किसी की मजबूरी या बेबसी के मौक़ा पर बोलते हैं

क़हर-ए-दरवेश बर-जान-ए-दरवेश

ग़रीब आदमी ग़ुस्सा करेगा तो किसी का क्या लेगा अपनी ही जान को अज़ाब में डालेगा, ग़रीब का ग़ुस्सा अपने ही ऊपर चलता है, किसी की मजबूरी या बेबसी के मौक़ा पर बोलते हैं

अव्वल ख़्वेश बा'दहू दरवेश

उन लोगों की सहायता पहले करना चाहिए जो निकट हों उसके बाद दूसरों की, अपने से बचे तो दूसरे को दें

आप बाबू मँगते बाहर खड़े दरवेश

जिसके पास कुछ न हो दूसरे को क्या दे सकता है

बर्ग-ए-सब्ज़ अस्त तोहफ़ा-ए-दरवेश

यह फ़क़ीर का नाचीज़ उपहार है स्वीकार कीजिये (कोई उपहार देने के अवसर पर नम्रता के लिए प्रयुक्त)

शक्ल ए दरवेश सूरत सवाल अस्त

फ़ारसी मक़ूला उर्दू में मुस्तामल, फ़क़ीर की सूरत ही सवाल है

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गोरी तेरे संग में गई 'उमरिया बीत, अब चाली संग छोड़ के ये न रीत प्रीत

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