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आख़िरत

परलोक, यमलोक, स्वर्ग, बैकुंठ, देव लोक, दूसरा लोक; इस लोक से भिन्न लोक, वो दुनिया जहाँ क़ियामत के बाद दुनियावी कर्मों का हिसाब किताब होगा और जज़ा सज़ा मिलेगी

आख़िरत का ज़ाद-ए-राह

अच्छे और शुभ कार्य, बंदों की मदद और अल्लाह ताला की इबादत

आख़िरत बनना

आख़िरत (परलोक) बनाना का अकर्मक

आख़िरत बनाना

ऐसे पुण्य कार्य करना जिनका फल न्याय के दिन अच्छा मिले

आख़िरत सँवरना

रुक : आख़िरत बनना

आख़िरत बिगड़ना

आकरत बिगाड़ना (रुक) की लाज़िम

आख़िरत बिगाड़ना

दुनिया में ऐसे काम करना जिन की सज़ा नरक में भुगतना पड़े, बुरे काम करना

आख़िरत का भला

क़यामत के दिन अज़ाब से निजात, गुनाहों की माफ़ी

आख़िरत की ख़ैर

पुनरुत्थान के दिन पीड़ा से मुक्ति, पापों की क्षमा

आख़िरत का सौदा

वह अच्छे कर्म जिनसे क़यामत के दिन लाभ प्राप्त हो

आख़िरत सँवारना

अच्छे काम करना, अच्छे कर्म करना

आख़िरत की कमाई

नेक काम, अच्छे कर्म

तोशा-ए-आख़िरत

provision for the next world, laying up treasure in heaven, good deeds

ज़ख़ीर-ए-आख़िरत

परलोक में काम आनेवाले कर्म

मज़र'आ-ए-आख़िरत

परलोक की खेती, अर्थात पाप और पुण्य

मता'-ए-आख़िरत

परलोक के लिए पूंजी, पुण्य, अच्छे काम।

'आलम-ए-आख़िरत

परलोक, यमलोक, दूसरा संसार, वह दुनिया जहाँ मरने के बाद मनुष्य जाता है

ना'मा-ए-आख़िरत

स्वर्ग में मिलने वाली सौगातें

मज़रा'-ए-आख़िरत

good deeds for the next world

'इल्म-ए-आख़िरत

a branch of hadith science that deals with the preaching of the Prophethood and covers all kinds of deeds and their punishments

स'आदत-ए-दुनिया-ओ-आख़िरत

दोनों लोकों का कल्याण या भलाई, इस लोक और परलोक की ख़ुशी

सफ़र-ए-आख़िरत

अंतिम यात्रा, संसार से प्रस्थान, परलोक यात्रा, मरना, मरण

रोज़-ए-आख़िरत

न्याय का दिन

लिबास-ए-आख़िरत

कफ़न

सवाब-ए-आख़िरत

पुनरुत्थान के दिन मिलने वाला पुण्य

ज़ाद-ए-आख़िरत

वह काम जो परलोक में काम आए

दुनिया-ओ-आख़िरत

लोक और परलोक, दोनों संसार

दह दर दुनिया सद दर आख़िरत

दुनिया में यदि किसी से दस दर्जा भलाई करोगे तो आख़िरत मैं उस का सत्तर दर्जा पुण्य मिलेगा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में घोड़ी को टाँग मर्द को बाँग के अर्थदेखिए

घोड़ी को टाँग मर्द को बाँग

gho.Dii ko Taa.ng mard ko baa.ngگھوڑی کو ٹانگ مَرْد کو بانگ

कहावत

घोड़ी को टाँग मर्द को बाँग के हिंदी अर्थ

  • रुक : घोड़े को तंग आदमी को जंग, नादान सख़्ती करने से मानता है ओराक़ल मंद को इशारा काफ़ी होता है

گھوڑی کو ٹانگ مَرْد کو بانگ کے اردو معانی

Roman

  • رک : گھوڑے کو تنگ آدمی کو جنگ ، نادان سختی کرنے سے مانتا ہے اورعقل مند کو اشارہ کافی ہوتا ہے .

Urdu meaning of gho.Dii ko Taa.ng mard ko baa.ng

Roman

  • ruk ha gho.De ko tang aadamii ko jang, naadaan saKhtii karne se maanata hai oraaqal mand ko ishaaraa kaafii hotaa hai

खोजे गए शब्द से संबंधित

आख़िरत

परलोक, यमलोक, स्वर्ग, बैकुंठ, देव लोक, दूसरा लोक; इस लोक से भिन्न लोक, वो दुनिया जहाँ क़ियामत के बाद दुनियावी कर्मों का हिसाब किताब होगा और जज़ा सज़ा मिलेगी

आख़िरत का ज़ाद-ए-राह

अच्छे और शुभ कार्य, बंदों की मदद और अल्लाह ताला की इबादत

आख़िरत बनना

आख़िरत (परलोक) बनाना का अकर्मक

आख़िरत बनाना

ऐसे पुण्य कार्य करना जिनका फल न्याय के दिन अच्छा मिले

आख़िरत सँवरना

रुक : आख़िरत बनना

आख़िरत बिगड़ना

आकरत बिगाड़ना (रुक) की लाज़िम

आख़िरत बिगाड़ना

दुनिया में ऐसे काम करना जिन की सज़ा नरक में भुगतना पड़े, बुरे काम करना

आख़िरत का भला

क़यामत के दिन अज़ाब से निजात, गुनाहों की माफ़ी

आख़िरत की ख़ैर

पुनरुत्थान के दिन पीड़ा से मुक्ति, पापों की क्षमा

आख़िरत का सौदा

वह अच्छे कर्म जिनसे क़यामत के दिन लाभ प्राप्त हो

आख़िरत सँवारना

अच्छे काम करना, अच्छे कर्म करना

आख़िरत की कमाई

नेक काम, अच्छे कर्म

तोशा-ए-आख़िरत

provision for the next world, laying up treasure in heaven, good deeds

ज़ख़ीर-ए-आख़िरत

परलोक में काम आनेवाले कर्म

मज़र'आ-ए-आख़िरत

परलोक की खेती, अर्थात पाप और पुण्य

मता'-ए-आख़िरत

परलोक के लिए पूंजी, पुण्य, अच्छे काम।

'आलम-ए-आख़िरत

परलोक, यमलोक, दूसरा संसार, वह दुनिया जहाँ मरने के बाद मनुष्य जाता है

ना'मा-ए-आख़िरत

स्वर्ग में मिलने वाली सौगातें

मज़रा'-ए-आख़िरत

good deeds for the next world

'इल्म-ए-आख़िरत

a branch of hadith science that deals with the preaching of the Prophethood and covers all kinds of deeds and their punishments

स'आदत-ए-दुनिया-ओ-आख़िरत

दोनों लोकों का कल्याण या भलाई, इस लोक और परलोक की ख़ुशी

सफ़र-ए-आख़िरत

अंतिम यात्रा, संसार से प्रस्थान, परलोक यात्रा, मरना, मरण

रोज़-ए-आख़िरत

न्याय का दिन

लिबास-ए-आख़िरत

कफ़न

सवाब-ए-आख़िरत

पुनरुत्थान के दिन मिलने वाला पुण्य

ज़ाद-ए-आख़िरत

वह काम जो परलोक में काम आए

दुनिया-ओ-आख़िरत

लोक और परलोक, दोनों संसार

दह दर दुनिया सद दर आख़िरत

दुनिया में यदि किसी से दस दर्जा भलाई करोगे तो आख़िरत मैं उस का सत्तर दर्जा पुण्य मिलेगा

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