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"घड़ी में गाँव जले नौ घड़ी का भद्रा" शब्द से संबंधित परिणाम

देह

शरीर

देह

गाँव, ग्रामीण क्षेत्र, खेड़ा

देही

ग्रामीण, देहाती, गाँव से संबंधित, ग्राम्य, गांव से संबंध रखने वाला या वाली

देहली

द्वार की चौखट की वह लकड़ी जो नीचे होती है और जिसे लाँघकर लोग भीतर घुसते हैं

देह-दारी

گان٘و کی حفاظت ، دیکھ بھال ، رکھوالی.

देह-ब-देह

گان٘و گان٘و.

देहाती

देहात-संबंधी, देहात अर्थात गाँव में रहने वाला, नगरीय जीवनशैली से अनभिज्ञ, अशिष्ट, गंवार

देह-त्याग

शरीर का बलिदान

देहरी

द्वार के चौखट की वह लकड़ी जो नीचे होती है और जिसे लाँघते हुए लोग भीतर घुसते हैं, दहलीज

देहक़ानी

किसान से संबंधित, गंवार, कृषक, किसान, किसान का, गाँव का निवासी

देह-भिमान

(लाक्षणिक) दुनिया के अच्छे-बुरे से मुक्त होना

देहलविया

دلّی کے ؛ (مجازاً) اہلِ دہلی ، دہلی والے

देहाड़ा

دن.

देहांत

देह का अंत, मृत्यु

देहक़ानियत

गंवारपन, उजड्डपन, सुविधाहीनता, ग्रामीण जीवन शैली, ग्राम्यता, किसानों की जीवनशैली और उनके जीवन का तरीका

देहातियत

देहातीपन, गंवार पन, अशिष्टता या अभद्रता की स्थिति

देहातीपन

देहाती होने की अवस्था या भाव, ग्राम्यता, गँवारपन, पिछड़ापन

देही-इम्दाद

(अर्थशास्त्र) गाँव और देहातों के विकास के लिए स्थापित किया हुआ विभाग जिसके द्वारा राशि देहातियों को दी जाती है

देहर

नदी के किनारे की वह नीची भूमि जो बाढ़ के समय जलमग्न रहती है

देही-ज़िंदगी

Rural life

देहली-ए-मरहूम

दिवंगत दिल्ली

देहात

गाँव, ग्राम, ग्रामाण क्षेत्र

देही-जमा'अत

دیہات کے لوگ ، دیہات کے رہنے والے ، دیہات کے باشندوں کے خاندان.

देहरा

जैनियों या हिंदूओं का, मंदिर, देवालय, देवावास

देहात-सुधार

ایک محکمہ جو گان٘و کے لوگوں کا معیار زندگی بلند کرنے کے لئ ان کی اصلاح و فلاح کے کام کرتا ہے.

देही-बिरादरी

دیہات کے لوگ ، دیہات کے رہنے والے ، دیہات کے باشندوں کے خاندان.

देहाती-ए-इस्लाह

گان٘و کے سُدھار سے متعلق کام ، گان٘و سُدھا.

देहात-ए-ख़ालिसा

Government village.

देहात-ए-इस्तिमरारी

village held at a fixed rent

देहक़ानी करना

काशतकारी का काम करना

देही-इम्दादी-तज्वीज़

رک : دیہات سدھار.

देहली का बाज

ستار میں لگا ہوا ایک قسم کا ساز جس کو شاہ سوارنگ نے ترتیب دیا.

देही-फ़िर्क़ा-वारी-ज़मींदारी

जात-पात के अंतर और वर्गों के अनुसार भूमि का विभाजन

देहातन

دیہاتی (رک) تانیث.

देहली का कोतवाल

(लाक्षणिक) अहंकारी व्यक्ति, चिड़चिड़ा

देहातन होना

अव्यवस्थित, उजड्ड, जीवन के तौर-तरीक़ों से अनजान होना

फ़रेब-देह

धोखा देने वाला

आज़ार-देह

कष्ट देने वाला, दुखदायी, परेशान, सताने वाला, दुख देने वाला

कोर-देह

कम आबादी वाला छोटा गाँव जो मशहूर न हो, ऐसा गाँव जो बड़ी बुरी जगह बसा हो और जहाँ ज़रूरत की कोई वस्तु न मिले

ज़ीनत-देह

शोभा बढ़ानेवाला, सुशोभित करनेवाला, ज़ीनत देनेवाला।

नुक़सान-देह

हानिकर, नुक़्सान पहुँचाने वाला, नुकसानदायक, अनिष्टकारी, अहितकारी

तकलीफ़-देह

पीड़ा देने वाला, दुःखदायी, रंज पहुँचाने वाला, तकलीफ़ देने वाला, दुख पहुंचाने वाला, तकलीफ़ वाला

अज़िय्यत-देह

कष्टदायी, दुःखदायी, तकलीफ़ देनेवाला।

हिसाब-देह

उत्तरदायी, जवाबदेह, ज़िम्मेदार

निशान देह

इंगित करने वाला, संकेत देने वाला, वह जो इंगित करता है

जवाब-देह

जिस पर किसी कार्य का पूरा उत्तर दायित्व हो, उत्तरदाता, जवाब देनेवाला, उत्तरदायी

अपनी तो ये देह भी नहीं

मनुष्य का अपने शरीर पर भी अधिकार नहीं यह ईश्वर का है

नामश कलाँ व देह वीराँ

نام بڑا گاؤں ویراں

मनुष देह धारण करना

इन्सान की सूरत में उतार लेना

मैला कपड़ा पातर देह, कुत्ता काटे कौन संदेह

गंदे कमज़ोर आदमी को कुत्ता भी काटता है, गंदे कमज़ोर को कमज़ोर से कमज़ोर भी तंग करता है

सोंटा हाथ, देह में हाँगा, उस ने भेंटे सब कुछ माँगा

जिसकी लाठी उसकी भैंस

बिना वसीले चाकरी बिना बुद्धि के देह, बिना गुरू का बालका सर में डाले खेह

नौकरी बिना माध्यम एवं अनुशंसा के नहीं मिल सकती एवं शरीर बिना बुद्धि के बेकार है और जिस चेले का गुरू नहीं वह दुष-चरित्र हो जाता है

दीमक के खाए पेड़, सोच के मारे देह किसी काम के नहीं रहते

दीमक का खाया दरख़्त और फ़िक्र का मारा हुआ बदन बे कार होते हैं

त्रिया पुरुख बिन है दुखी जैसे अन्न बिन देह, जले बले है जेवड़ा जों खेती बिन मेंह

बिना पति के स्त्री इस तरह दुख एवं पीड़ा में रहती है जैसे शरीर बिना अनाज के और इस तरह जलती है जैसे खेती बिना बारिश के

लग गई जूती उड़ गई खे, फूल पान सी हो गई देह

बेशरम आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं कि जूतीयां लगने से शर्मिंदा होने की बजाय ढिटाई से कहता है कि इस से मिट्टी झड़ गई और जिस्म हल्का हो गया

लग गई जूती उड़ गई खे, फल पान सी हो गई देह

बेशरम आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं कि जूतीयां लगने से शर्मिंदा होने की बजाय ढिटाई से कहता है कि इस से मिट्टी झड़ गई और जिस्म हल्का हो गया

सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

संदेह

doubt, suspicion, anxiety, hesitation

संदेह

उक्त के आधार पर साहित्य में, एक प्रकार का अर्थालंकार जिसमें किसी चीज या बात को देखकर उसकी यथार्थता या वास्तविकता के संबंध में मन में संदेह बने रहने का उल्लेख होता। इस प्रकार का कथन कि जो कुछ सामने है, वह अमुक है अथवा कुछ और ही है। यथा (क) कैधौं फूली दुपहरी, कंधों फूली साँझ। मतिराम। (ख) निद्रा के उस अलसित वन में वह क्या भावों की छाया। दृग पलकों में विचर रही या वन्य देवियों की माया।-पंत।

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में घड़ी में गाँव जले नौ घड़ी का भद्रा के अर्थदेखिए

घड़ी में गाँव जले नौ घड़ी का भद्रा

gha.Dii me.n gaa.nv jale nau gha.Dii kaa bhadraaگَھڑی میں گاؤں جَلے نَو گَھڑی کا بَھدْرا

अथवा : घड़ी में घर जले नौ घड़ी का भद्रा

कहावत

घड़ी में गाँव जले नौ घड़ी का भद्रा के हिंदी अर्थ

  • मुसीबत एक दम में आती है जबकि ख़ुशी की घड़ी देर में आती है
  • ज्योतिषियों पर व्यंग है कि एक आफ़त ने तो काम कर दिया अब भविष्य की आफ़तों को कौन झेल सकेगा या किस तरह झेला जाएगा
  • गाँव में आग लग गई है, पर नौ घड़ी तक भग नक्षत्र है, जिसमें कोई काम नहीं किया जाता इसलिए अब आग कैसे बुझे

    विशेष पाठा.-घड़ी में घर...। आवश्यक कार्य के लिए टालमटोल करने पर कहावत है। ज्योतिषियों पर व्यंग्य भी कहावत में है। वे हर काम शुभ घड़ी में ही करने को कहते हैं।

گَھڑی میں گاؤں جَلے نَو گَھڑی کا بَھدْرا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • مصیبت ایک دم میں آتی ہے جبکہ خوشی کی گھڑی دیر میں آتی ہے
  • نجومیوں پر طنز ہے کہ ایک آفت نے تو کام کر دیا اب آئندہ کی آفتوں کو کون جھیل سکے گا یا کس طرح جھیلا جائے گا
  • گاؤں میں آگ لگ گئی ہے لیکن نو گھڑی تک 'بھَگ نَشَکۡتر' ہے، جس میں کوئی کام نہیں کیا جاتا اس لئے اب آگ کیسے بجھے

Urdu meaning of gha.Dii me.n gaa.nv jale nau gha.Dii kaa bhadraa

  • Roman
  • Urdu

  • musiibat ek dam me.n aatii hai jabki Khushii kii gha.Dii der me.n aatii hai
  • nujuumiyo.n par tanz hai ki ek aafat ne to kaam kar diyaa ab aa.indaa kii aafto.n ko kaun jhiil sakegaa ya kis tarah jhelaa jaa.egaa
  • gaanv me.n aag lag ga.ii hai lekin nau gha.Dii tak 'bhag nashakৡtar' hai, jis me.n ko.ii kaam nahii.n kiya jaataa is li.e ab aag kaise bujhe

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देह

शरीर

देह

गाँव, ग्रामीण क्षेत्र, खेड़ा

देही

ग्रामीण, देहाती, गाँव से संबंधित, ग्राम्य, गांव से संबंध रखने वाला या वाली

देहली

द्वार की चौखट की वह लकड़ी जो नीचे होती है और जिसे लाँघकर लोग भीतर घुसते हैं

देह-दारी

گان٘و کی حفاظت ، دیکھ بھال ، رکھوالی.

देह-ब-देह

گان٘و گان٘و.

देहाती

देहात-संबंधी, देहात अर्थात गाँव में रहने वाला, नगरीय जीवनशैली से अनभिज्ञ, अशिष्ट, गंवार

देह-त्याग

शरीर का बलिदान

देहरी

द्वार के चौखट की वह लकड़ी जो नीचे होती है और जिसे लाँघते हुए लोग भीतर घुसते हैं, दहलीज

देहक़ानी

किसान से संबंधित, गंवार, कृषक, किसान, किसान का, गाँव का निवासी

देह-भिमान

(लाक्षणिक) दुनिया के अच्छे-बुरे से मुक्त होना

देहलविया

دلّی کے ؛ (مجازاً) اہلِ دہلی ، دہلی والے

देहाड़ा

دن.

देहांत

देह का अंत, मृत्यु

देहक़ानियत

गंवारपन, उजड्डपन, सुविधाहीनता, ग्रामीण जीवन शैली, ग्राम्यता, किसानों की जीवनशैली और उनके जीवन का तरीका

देहातियत

देहातीपन, गंवार पन, अशिष्टता या अभद्रता की स्थिति

देहातीपन

देहाती होने की अवस्था या भाव, ग्राम्यता, गँवारपन, पिछड़ापन

देही-इम्दाद

(अर्थशास्त्र) गाँव और देहातों के विकास के लिए स्थापित किया हुआ विभाग जिसके द्वारा राशि देहातियों को दी जाती है

देहर

नदी के किनारे की वह नीची भूमि जो बाढ़ के समय जलमग्न रहती है

देही-ज़िंदगी

Rural life

देहली-ए-मरहूम

दिवंगत दिल्ली

देहात

गाँव, ग्राम, ग्रामाण क्षेत्र

देही-जमा'अत

دیہات کے لوگ ، دیہات کے رہنے والے ، دیہات کے باشندوں کے خاندان.

देहरा

जैनियों या हिंदूओं का, मंदिर, देवालय, देवावास

देहात-सुधार

ایک محکمہ جو گان٘و کے لوگوں کا معیار زندگی بلند کرنے کے لئ ان کی اصلاح و فلاح کے کام کرتا ہے.

देही-बिरादरी

دیہات کے لوگ ، دیہات کے رہنے والے ، دیہات کے باشندوں کے خاندان.

देहाती-ए-इस्लाह

گان٘و کے سُدھار سے متعلق کام ، گان٘و سُدھا.

देहात-ए-ख़ालिसा

Government village.

देहात-ए-इस्तिमरारी

village held at a fixed rent

देहक़ानी करना

काशतकारी का काम करना

देही-इम्दादी-तज्वीज़

رک : دیہات سدھار.

देहली का बाज

ستار میں لگا ہوا ایک قسم کا ساز جس کو شاہ سوارنگ نے ترتیب دیا.

देही-फ़िर्क़ा-वारी-ज़मींदारी

जात-पात के अंतर और वर्गों के अनुसार भूमि का विभाजन

देहातन

دیہاتی (رک) تانیث.

देहली का कोतवाल

(लाक्षणिक) अहंकारी व्यक्ति, चिड़चिड़ा

देहातन होना

अव्यवस्थित, उजड्ड, जीवन के तौर-तरीक़ों से अनजान होना

फ़रेब-देह

धोखा देने वाला

आज़ार-देह

कष्ट देने वाला, दुखदायी, परेशान, सताने वाला, दुख देने वाला

कोर-देह

कम आबादी वाला छोटा गाँव जो मशहूर न हो, ऐसा गाँव जो बड़ी बुरी जगह बसा हो और जहाँ ज़रूरत की कोई वस्तु न मिले

ज़ीनत-देह

शोभा बढ़ानेवाला, सुशोभित करनेवाला, ज़ीनत देनेवाला।

नुक़सान-देह

हानिकर, नुक़्सान पहुँचाने वाला, नुकसानदायक, अनिष्टकारी, अहितकारी

तकलीफ़-देह

पीड़ा देने वाला, दुःखदायी, रंज पहुँचाने वाला, तकलीफ़ देने वाला, दुख पहुंचाने वाला, तकलीफ़ वाला

अज़िय्यत-देह

कष्टदायी, दुःखदायी, तकलीफ़ देनेवाला।

हिसाब-देह

उत्तरदायी, जवाबदेह, ज़िम्मेदार

निशान देह

इंगित करने वाला, संकेत देने वाला, वह जो इंगित करता है

जवाब-देह

जिस पर किसी कार्य का पूरा उत्तर दायित्व हो, उत्तरदाता, जवाब देनेवाला, उत्तरदायी

अपनी तो ये देह भी नहीं

मनुष्य का अपने शरीर पर भी अधिकार नहीं यह ईश्वर का है

नामश कलाँ व देह वीराँ

نام بڑا گاؤں ویراں

मनुष देह धारण करना

इन्सान की सूरत में उतार लेना

मैला कपड़ा पातर देह, कुत्ता काटे कौन संदेह

गंदे कमज़ोर आदमी को कुत्ता भी काटता है, गंदे कमज़ोर को कमज़ोर से कमज़ोर भी तंग करता है

सोंटा हाथ, देह में हाँगा, उस ने भेंटे सब कुछ माँगा

जिसकी लाठी उसकी भैंस

बिना वसीले चाकरी बिना बुद्धि के देह, बिना गुरू का बालका सर में डाले खेह

नौकरी बिना माध्यम एवं अनुशंसा के नहीं मिल सकती एवं शरीर बिना बुद्धि के बेकार है और जिस चेले का गुरू नहीं वह दुष-चरित्र हो जाता है

दीमक के खाए पेड़, सोच के मारे देह किसी काम के नहीं रहते

दीमक का खाया दरख़्त और फ़िक्र का मारा हुआ बदन बे कार होते हैं

त्रिया पुरुख बिन है दुखी जैसे अन्न बिन देह, जले बले है जेवड़ा जों खेती बिन मेंह

बिना पति के स्त्री इस तरह दुख एवं पीड़ा में रहती है जैसे शरीर बिना अनाज के और इस तरह जलती है जैसे खेती बिना बारिश के

लग गई जूती उड़ गई खे, फूल पान सी हो गई देह

बेशरम आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं कि जूतीयां लगने से शर्मिंदा होने की बजाय ढिटाई से कहता है कि इस से मिट्टी झड़ गई और जिस्म हल्का हो गया

लग गई जूती उड़ गई खे, फल पान सी हो गई देह

बेशरम आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं कि जूतीयां लगने से शर्मिंदा होने की बजाय ढिटाई से कहता है कि इस से मिट्टी झड़ गई और जिस्म हल्का हो गया

सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

संदेह

doubt, suspicion, anxiety, hesitation

संदेह

उक्त के आधार पर साहित्य में, एक प्रकार का अर्थालंकार जिसमें किसी चीज या बात को देखकर उसकी यथार्थता या वास्तविकता के संबंध में मन में संदेह बने रहने का उल्लेख होता। इस प्रकार का कथन कि जो कुछ सामने है, वह अमुक है अथवा कुछ और ही है। यथा (क) कैधौं फूली दुपहरी, कंधों फूली साँझ। मतिराम। (ख) निद्रा के उस अलसित वन में वह क्या भावों की छाया। दृग पलकों में विचर रही या वन्य देवियों की माया।-पंत।

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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