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इमरोज़

आज, अद्य, आज का दिन

इमरोज़ा

आज का, आज के युग का

इमरोज़-ओ-फ़र्दा

आज और कल, बहुत जल्द, इन दिनों में से एक

इमरोज़-फ़र्दा

टाल मटोल, बहानेबाज़ी

फ़िक्र-ए-इमरोज़

आज की चिंता, हाल की फ़िक्र

'इशरत-ए-इमरोज़

वह सुख जो आज प्राप्त हो, अर्थात् सांसारिक सुख ।

कार-ए-इमरोज़ ब-फ़र्दा मगुज़ार

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आज का काम कल पर ना छोड़, काम को बरवक़्त अंजाम देने के लिए बतौर ताकीद-ओ-हिदायत बोला जाता है

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में दया धर्म का मोल है बाप मोल अभियान, तुलसी दया न छाड़िए जब लग घट में प्राण के अर्थदेखिए

दया धर्म का मोल है बाप मोल अभियान, तुलसी दया न छाड़िए जब लग घट में प्राण

dayaa dharm kaa mol hai baap mol abhiyaan, tulsii dayaa na chhaa.Diye jab lag ghaT me.n praanدَیا دَھرْم کا مول ہے باپ مول اَبِھیان، تُلسی دَیَا نہ چھاڑِئے جَب لَگ گَھٹ میں پَران

कहावत

दया धर्म का मोल है बाप मोल अभियान, तुलसी दया न छाड़िए जब लग घट में प्राण के हिंदी अर्थ

  • दी्या धर्म की जड़ है . ग़रूर गुनाह की, जब तक ज़िंदगी ही दिया करनी चाहीए

دَیا دَھرْم کا مول ہے باپ مول اَبِھیان، تُلسی دَیَا نہ چھاڑِئے جَب لَگ گَھٹ میں پَران کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • دیّا دھرم کی جڑ ہے . غرور گناہ کی ، جب تک زندگی ہی دیا کرنی چاہیئے .

Urdu meaning of dayaa dharm kaa mol hai baap mol abhiyaan, tulsii dayaa na chhaa.Diye jab lag ghaT me.n praan

  • Roman
  • Urdu

  • diiXyaa dharm kii ja.D hai . Garuur gunaah kii, jab tak zindgii hii diyaa karnii chaahii.e

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आज, अद्य, आज का दिन

इमरोज़ा

आज का, आज के युग का

इमरोज़-ओ-फ़र्दा

आज और कल, बहुत जल्द, इन दिनों में से एक

इमरोज़-फ़र्दा

टाल मटोल, बहानेबाज़ी

फ़िक्र-ए-इमरोज़

आज की चिंता, हाल की फ़िक्र

'इशरत-ए-इमरोज़

वह सुख जो आज प्राप्त हो, अर्थात् सांसारिक सुख ।

कार-ए-इमरोज़ ब-फ़र्दा मगुज़ार

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आज का काम कल पर ना छोड़, काम को बरवक़्त अंजाम देने के लिए बतौर ताकीद-ओ-हिदायत बोला जाता है

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

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