खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"चलो सखी वहाँ चलें जहाँ बसें बृज राज, गौ-रस बेचत हरि मिलें एक पंथ दो काज" शब्द से संबंधित परिणाम

ग़म्ज़ा

आँख का संकेत, सैन, हावभाव, चोंचला, नाज़-ओ-अदा, नाज़, नख़रा, इठलाहट

ग़म्ज़ा-ज़न

संकेत एवं इशारे करने वाला

ग़म्ज़ा-ख़ोर

ناز و نخرہ برداشت کرنے والا ، ادا و انداز سہنے والا.

ग़म्ज़ा-बाज़

ناز و نخرہ کرنے والا ، نخریلا .

ग़म्ज़ा करना

नाज़-ओ-अंदाज़ दिखाना, इतराना, नख़रा करना

ग़म्ज़ा-ए-गुल

फूल या कली का खिलना

ग़म्ज़ा उठना

नख़रे सहना, नाज़ उठना

ग़म्ज़ा-बाज़ी

नाज़ नख़्रा दिखलाना

ग़म्ज़ा छाना

नख़रे दिखाना

ग़म्ज़ा जताना

आकर्षित करना, शैली दिखाना, इतराना, नख़रा करना

ग़म्ज़ा उठाना

नाज़बरदारी करना, नाज़उठाना, नख़रा उठाना

ग़म्ज़ा बघारना

नख़रे दिखाना, इतराना

ग़म्ज़ा निकालना

अदा दिखाना, नख़रे दिखाना, चंचलता करना

ग़म्ज़ा ए उश्तुर

بے جا ناز و انداز ، شتر غمزہ.

ग़म्ज़ा-आगीं

नाज़-नख़रे और घमंड से भरा हुआ

ग़म्ज़ा-तिराज़ी

ناز و ادا ، نخرہ ، عشوہ گری .

ग़म्ज़ा-ए-अख़्तर

सितारे का चमकना

ग़म्ज़ा की लेना

नख़रे दिखाना, इतराना, चंचलता दिखाना

ग़म्ज़ा दिखाना

नख़रा करना, नाज़-ओ-अंदाज़ दिखाना, इतराना

ग़म्ज़ा दिखलाना

नख़रा करना, नाज़-ओ-अंदाज़ दिखाना, इतराना

ग़म्ज़ा-ए-बे-जा

अनुचित हाव-भाव अथवा चेष्टा

ग़म्ज़ा-ए-जाँसिताँ

जान लेने वाली चेष्टा

ग़म्ज़ा-ए-जाँ-सिताँ

जान लेने वाला चेष्टा

शुतुर-ग़मज़ा

मक्र, फ़रेब, चालाकी, शरारत

गंड़-ग़म्ज़ा

(अशलील) भोंडा नख़रा

बूढ़ा-ग़म्ज़ा

बूढ़े आदमी (पुरूष या स्त्री) का ग़मज़ा या नख़रा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में चलो सखी वहाँ चलें जहाँ बसें बृज राज, गौ-रस बेचत हरि मिलें एक पंथ दो काज के अर्थदेखिए

चलो सखी वहाँ चलें जहाँ बसें बृज राज, गौ-रस बेचत हरि मिलें एक पंथ दो काज

chalo sakhii vahaa.n chale.n jahaa.n base.n barj raaj, gau-ras bechat hari mile.n ek pa.nth do kaajچَلو سَکھی وَہاں چَلیں جَہاں بَسیں بَرج راج، گؤ رس بیچَت ہرَی ملیں ایک پَنتھ دو کاج

अथवा : चली सखी चलिये वहाँ जहाँ बसें बृज-राज, गौ-रस बेचत हरि मिलें एक पंथ दो काज

कहावत

चलो सखी वहाँ चलें जहाँ बसें बृज राज, गौ-रस बेचत हरि मिलें एक पंथ दो काज के हिंदी अर्थ

  • स्त्रियों का कथन है कि वहाँ अर्थात मथुरा जाने से दूध भी बिक जाता है और कृष्ण जी का दर्शन भी हो जाता है
  • ऐसा काम अच्छा है जिस में दो फ़ायदे हूँ

    विशेष इस दोहे की अंतिम अर्ख़ाली 'एक पंथ...' ही कहावत के रूप में प्रयुक्त होती है।

چَلو سَکھی وَہاں چَلیں جَہاں بَسیں بَرج راج، گؤ رس بیچَت ہرَی ملیں ایک پَنتھ دو کاج کے اردو معانی

Roman

  • عورتوں کا مقولہ ہے کہ وہاں یعنی متھرا جانے سے دودھ بھی بک جاتا ہے اور کرشن جی کا درشن بھی ہو جاتا ہے
  • ایسا کام اچھا ہے جس میں دو فائدے ہوں

Urdu meaning of chalo sakhii vahaa.n chale.n jahaa.n base.n barj raaj, gau-ras bechat hari mile.n ek pa.nth do kaaj

Roman

  • aurto.n ka maquula hai ki vahaa.n yaanii mathuraa jaane se duudh bhii bik jaataa hai aur krishN jii ka darshan bhii ho jaataa hai
  • a.isaa kaam achchhaa hai jis me.n do faayde huu.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

ग़म्ज़ा

आँख का संकेत, सैन, हावभाव, चोंचला, नाज़-ओ-अदा, नाज़, नख़रा, इठलाहट

ग़म्ज़ा-ज़न

संकेत एवं इशारे करने वाला

ग़म्ज़ा-ख़ोर

ناز و نخرہ برداشت کرنے والا ، ادا و انداز سہنے والا.

ग़म्ज़ा-बाज़

ناز و نخرہ کرنے والا ، نخریلا .

ग़म्ज़ा करना

नाज़-ओ-अंदाज़ दिखाना, इतराना, नख़रा करना

ग़म्ज़ा-ए-गुल

फूल या कली का खिलना

ग़म्ज़ा उठना

नख़रे सहना, नाज़ उठना

ग़म्ज़ा-बाज़ी

नाज़ नख़्रा दिखलाना

ग़म्ज़ा छाना

नख़रे दिखाना

ग़म्ज़ा जताना

आकर्षित करना, शैली दिखाना, इतराना, नख़रा करना

ग़म्ज़ा उठाना

नाज़बरदारी करना, नाज़उठाना, नख़रा उठाना

ग़म्ज़ा बघारना

नख़रे दिखाना, इतराना

ग़म्ज़ा निकालना

अदा दिखाना, नख़रे दिखाना, चंचलता करना

ग़म्ज़ा ए उश्तुर

بے جا ناز و انداز ، شتر غمزہ.

ग़म्ज़ा-आगीं

नाज़-नख़रे और घमंड से भरा हुआ

ग़म्ज़ा-तिराज़ी

ناز و ادا ، نخرہ ، عشوہ گری .

ग़म्ज़ा-ए-अख़्तर

सितारे का चमकना

ग़म्ज़ा की लेना

नख़रे दिखाना, इतराना, चंचलता दिखाना

ग़म्ज़ा दिखाना

नख़रा करना, नाज़-ओ-अंदाज़ दिखाना, इतराना

ग़म्ज़ा दिखलाना

नख़रा करना, नाज़-ओ-अंदाज़ दिखाना, इतराना

ग़म्ज़ा-ए-बे-जा

अनुचित हाव-भाव अथवा चेष्टा

ग़म्ज़ा-ए-जाँसिताँ

जान लेने वाली चेष्टा

ग़म्ज़ा-ए-जाँ-सिताँ

जान लेने वाला चेष्टा

शुतुर-ग़मज़ा

मक्र, फ़रेब, चालाकी, शरारत

गंड़-ग़म्ज़ा

(अशलील) भोंडा नख़रा

बूढ़ा-ग़म्ज़ा

बूढ़े आदमी (पुरूष या स्त्री) का ग़मज़ा या नख़रा

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

सुझाव दीजिए (चलो सखी वहाँ चलें जहाँ बसें बृज राज, गौ-रस बेचत हरि मिलें एक पंथ दो काज)

नाम

ई-मेल

प्रतिक्रिया

चलो सखी वहाँ चलें जहाँ बसें बृज राज, गौ-रस बेचत हरि मिलें एक पंथ दो काज

चित्र अपलोड कीजिएअधिक जानिए

नाम

ई-मेल

प्रदर्शित नाम

चित्र संलग्न कीजिए

चित्र चुनिए
(format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images)

सूचनाएँ और जानकारी प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें

सदस्य बनिए
बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone