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"ब्याही न बरात चढ़ी डोली में बैठी न चूँ-चूँ हुई" शब्द से संबंधित परिणाम

चूँ-चूँ

बच्चों का एक खिलौना जिसको दबाने से चूं चूं की आवाज़ निकलती है, चहचहाना

चूँ

आपत्ति, विरोध आदि के रूप में डरते या सहमते हुए कही जाने वाली कोई छोटी या हलकी बात। जैसे-वहाँ उसने चूं तक नहीं की, सब रुपए चुपचाप चुका दिए। मुहा०-चिरा करना = आपत्ति या विरोध में डरते या सहमते हुए कुछ कहना। अ० [फा०] किस कारण से। क्यों। पद-चूंकि (देखें)।

चूँ

आपत्ति, विरोध आदि के रूप में डरते या सहमते हुए कही जाने वाली कोई छोटी या हलकी बात। जैसे-वहाँ उसने चूं तक नहीं की, सब रुपए चुपचाप चुका दिए। मुहा०-चिरा करना = आपत्ति या विरोध में डरते या सहमते हुए कुछ कहना। अ० [फा०] किस कारण से। क्यों। पद-चूंकि (देखें)।

चूँ-चर्रख़-चूँ

गाड़ी वग़ैरा के पहियों के चलने की आवाज़

अद्धी की चूँ-चूँ

बच्चों का कम मूल्य का खिलौना जो दमड़ी अद्धी का बिकता और चूँ-चूँ बोलता है

धेली की चूँ-चूँ

मामूली चीज़, कम क़ीमत खिलौना

चूँ चूँ का मुरब्बा

बेजोड़ चीज़ों या विषम चीजों का संग्रह, विभिन्न चीजों का मिश्रण, वह व्यक्ति जो कई हुनर या विभिन्न प्रकार के कौशल का मालिक हो

पिद्दे की चूँ चूँ

chirping of this bird

बे-चूँ

अद्वितीय, अनुपम, बेमिस्ल।

चूँ करना

इनकार या ज़िद करना (ना के साथ

चूँ-कारा

दबी दबी आवाज़, तेज़ हवा की आवाज़ या शोर

चूँ-चाँ

creaking, squeaking, chirruping, chirrup (of birds, grasshoppers), twittering, twitter, warbling, song, voice

चूँ-चरा

objection, why and wherefore, how and why,wrangling, altercation, dispute

चूँ-चिगूना

کیوں کر ، کیسا ، بحچ و تکرار.

दमक-चूँ

(آتش بازی) آتش بازوں کی اصطلاح ، مراد : بارود یا پُھلجھڑی میں لوہ چون کے ذرَات کے پھٹنے کی تڑپ اور چمک یا تڑپتی ہوئی چمک .

चर-चूँ

اف : بولا، کرنا، ہونا.

चूँ-चर

رک: چوں چوں.

चूँ-चहाट

رک: چوں چاں

चर्रख़-चूँ

गाड़ी, कुएँ का चक्र इत्यादि चलने की आवाज़

चूँ-चिगून

کیوں کر ، کیسا ، بحچ و تکرار.

लोह-चूँ

۔(ھ۔ لُوہ۔ مخفف لوہا کا۔ چوٗن۔ بُرادہ) مذکر۔ لوہے کا بُرادہ۔

चिड़क-चूँ

رک : چڑچوں ، چہکار ، پرندوں کی بولی.

चूँ-ओ-चंद

رک : چون و چگون.

चूँ न करना

not to grumble or complain, show no reaction

चूँ चरा करना

drag one's feet by offering excuses, hesitate

चूँ कारा मारना

हवा का साएँ साएँ करना, हवा का किसी चीज़ से टकराना

चर्रख़ चूँ होना

चर्ख़ चूँ करना का अकर्मक, चर्ख़ चूँ की आवाज़ पैदा होना

चर्रख़ चूँ करना

चूँ-चूँ की आवाज़ निकालना, निर्जीव एवं निर्बल होना, महत्वहीन होना

सानि'-ए-बे-चूँ

अद्वीतीय निर्माता

हूँ से चूँ करना

रुक : होन से तूं करना

चूँ तक न करना

साँस नहीं लेना, चिपका हुआ रहना, चुप रहना, पूरी तरह से शांत रहना

चर्रख़ चूँ होने लगना

चर्ख़ चूँ करना का अकमक, चर्ख़ चूँ की आवाज़ पैदा होना

चर चर चीं चूँ

رک : چرخ چوں.

ब्याही न बरात चढ़ी डोली में बैठी न चूँ-चूँ हुई

अभी तक शादी ही नहीं हुई, जिस बात को देखा ही नहीं, उसका पता ही क्या हो

चल मरे चर्ख़े चर्रख़ चूँ

चरखे कातने के दौरान बोले जाने वाले अलफ़ाज़, (मजाज़न) सुस्त रफ़्तारी

चूँ-ओ-चरा न करना

To ask no question, to remain silent.

चूँ क़ज़ा आयद तबीब अब्ला शवद

جب موت آتی ہے طبیب اندھا ہو جاتا ہے یعنی جب موت کا وقت آجاتا ہے تو طبیب کی بھی عقل ناکارہ ہو جاتی ہے، موت کا کوئی علاج نہیں اس وقت حکیم بھی بے وقوف بن جاتا ہے

तीर चूँ तर शवद कमाँ गर्दद

बहादुर आदमी मुसीबत से नहीं घबराता

दुश्मन चे कुनद चूँ मेहरबाँ बाशद दोस्त

दुश्मन क्या कर सकता है जब दोस्त मेहरबाँ हो

क़हबा चूँ पीर शवद पेशा कार कुनद दलाली

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) फ़ाहिशा औरत जो बूढ़ी होजाती है तो कटना पा या दलाली करने लगती है , बदमाश जब ख़ुद बदमाशी नहीं करसकता तो दूसरे बदमाशों का मुशीर बिन जाता है

क़हबा चूँ पीर शवद पेशा कार कुनद नक़ादी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) फ़ाहिशा औरत जो बूढ़ी होजाती है तो कटना पा या दलाली करने लगती है , बदमाश जब ख़ुद बदमाशी नहीं करसकता तो दूसरे बदमाशों का मुशीर बिन जाता है

ग़ल्ला चूँ अर्ज़ां शवद इम्साल सय्यद मी शवम

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मसतक़ामल) उस शख़्स की नसबक़त बोलते हैं जो मौक़ा बे मौक़ा बदलता रहे

सैद रा चूँ अजल आयद सूए सय्याद रवद

शिकार की जब मौत आती है तो शिकारी की तरफ़ जाता है, जब मौत का वक़्त आता है कुछ बस नहीं चलता

मर्द चूँ पीर शवद , हिर्स जवाँ मी गर्दद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) बुढ़ापे में हिर्स ज़्यादा होती है

ख़र-ए-'ईसा अगर ब-मक्का रवद चूँ बयायद हुनूज़ ख़रश बाशद

एक अक्षम कमीने का सुधार नहीं किया जा सकता है भले ही वह सबसे अच्छी संगति में रहे

वा'दा-ए-वस्ल चूँ शवद नज़दीक आतिश-ए-शौक़ तेज़-तर गर्दद

(फ़ारसी का कथन कहावत के रूप में प्रयुक्त) मिलन का वादा जितना निकट आता जाता है लालसा की ज्वाला उतनी ही तेज़ होती जाती है

चल मेरे चर्ख़े चर्रख़ चूँ कहाँ की बुढ़िया कहाँ का तूँ

एक बढ़िया अपनी बेटी से मिलने गई, जंगल में उसे शेर चीता और भेड़ीया और दूसरे जानवर मिले इस ने अपनी जान उन से ये कह कर बचाई कि वो वापसी पर मोटी होकर आएगी, तब खाना वापसी पर वो एक चरखे में बैठ गई और जब कोई जानवर मिलता तो ये फ़िक़रा कह देती वो घबरा कर भाग जाता

पए 'इल्म चूँ शमा' बायद गुदाख़्त कि बे 'इल्म नतवाँ ख़ुदा रा शनाख़्त

इलम हासिल करने के लिए बहुत कोशिश करनी चाहिए कीवनका जाहिल ख़ुदा की क़ुदरत को नहीं समझ सकता

हुनर ज़ादा बे हुनर चूँ बुवद, पिदर टर्रा बाशद पिसर टूँ बुवद

(फ़ारसी कहावत) बाप दादा का असर कुछ ना कुछ औलाद में ज़रूर आता है

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ब्याही न बरात चढ़ी डोली में बैठी न चूँ-चूँ हुई के अर्थदेखिए

ब्याही न बरात चढ़ी डोली में बैठी न चूँ-चूँ हुई

byaahii na baraat cha.Dhii Dolii me.n baiThii na chuu.n chuu.n hu.iiبِیاہی نَہ بَرات چَڑھِی ڈُولی میں بَیٹھی نَہ چُوں چُوں ہوئی

कहावत

ब्याही न बरात चढ़ी डोली में बैठी न चूँ-चूँ हुई के हिंदी अर्थ

  • अभी तक शादी ही नहीं हुई, जिस बात को देखा ही नहीं, उसका पता ही क्या हो

بِیاہی نَہ بَرات چَڑھِی ڈُولی میں بَیٹھی نَہ چُوں چُوں ہوئی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ابھی تک شادی ہی نہیں ہوئی، جس بات کو دیکھا ہی نہیں، اس کا پتہ ہی کیا ہو

Urdu meaning of byaahii na baraat cha.Dhii Dolii me.n baiThii na chuu.n chuu.n hu.ii

  • Roman
  • Urdu

  • abhii tak shaadii hii nahii.n hu.ii, jis baat ko dekhaa hii nahiin, is ka pata hii kyaa ho

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चूँ-चूँ

बच्चों का एक खिलौना जिसको दबाने से चूं चूं की आवाज़ निकलती है, चहचहाना

चूँ

आपत्ति, विरोध आदि के रूप में डरते या सहमते हुए कही जाने वाली कोई छोटी या हलकी बात। जैसे-वहाँ उसने चूं तक नहीं की, सब रुपए चुपचाप चुका दिए। मुहा०-चिरा करना = आपत्ति या विरोध में डरते या सहमते हुए कुछ कहना। अ० [फा०] किस कारण से। क्यों। पद-चूंकि (देखें)।

चूँ

आपत्ति, विरोध आदि के रूप में डरते या सहमते हुए कही जाने वाली कोई छोटी या हलकी बात। जैसे-वहाँ उसने चूं तक नहीं की, सब रुपए चुपचाप चुका दिए। मुहा०-चिरा करना = आपत्ति या विरोध में डरते या सहमते हुए कुछ कहना। अ० [फा०] किस कारण से। क्यों। पद-चूंकि (देखें)।

चूँ-चर्रख़-चूँ

गाड़ी वग़ैरा के पहियों के चलने की आवाज़

अद्धी की चूँ-चूँ

बच्चों का कम मूल्य का खिलौना जो दमड़ी अद्धी का बिकता और चूँ-चूँ बोलता है

धेली की चूँ-चूँ

मामूली चीज़, कम क़ीमत खिलौना

चूँ चूँ का मुरब्बा

बेजोड़ चीज़ों या विषम चीजों का संग्रह, विभिन्न चीजों का मिश्रण, वह व्यक्ति जो कई हुनर या विभिन्न प्रकार के कौशल का मालिक हो

पिद्दे की चूँ चूँ

chirping of this bird

बे-चूँ

अद्वितीय, अनुपम, बेमिस्ल।

चूँ करना

इनकार या ज़िद करना (ना के साथ

चूँ-कारा

दबी दबी आवाज़, तेज़ हवा की आवाज़ या शोर

चूँ-चाँ

creaking, squeaking, chirruping, chirrup (of birds, grasshoppers), twittering, twitter, warbling, song, voice

चूँ-चरा

objection, why and wherefore, how and why,wrangling, altercation, dispute

चूँ-चिगूना

کیوں کر ، کیسا ، بحچ و تکرار.

दमक-चूँ

(آتش بازی) آتش بازوں کی اصطلاح ، مراد : بارود یا پُھلجھڑی میں لوہ چون کے ذرَات کے پھٹنے کی تڑپ اور چمک یا تڑپتی ہوئی چمک .

चर-चूँ

اف : بولا، کرنا، ہونا.

चूँ-चर

رک: چوں چوں.

चूँ-चहाट

رک: چوں چاں

चर्रख़-चूँ

गाड़ी, कुएँ का चक्र इत्यादि चलने की आवाज़

चूँ-चिगून

کیوں کر ، کیسا ، بحچ و تکرار.

लोह-चूँ

۔(ھ۔ لُوہ۔ مخفف لوہا کا۔ چوٗن۔ بُرادہ) مذکر۔ لوہے کا بُرادہ۔

चिड़क-चूँ

رک : چڑچوں ، چہکار ، پرندوں کی بولی.

चूँ-ओ-चंद

رک : چون و چگون.

चूँ न करना

not to grumble or complain, show no reaction

चूँ चरा करना

drag one's feet by offering excuses, hesitate

चूँ कारा मारना

हवा का साएँ साएँ करना, हवा का किसी चीज़ से टकराना

चर्रख़ चूँ होना

चर्ख़ चूँ करना का अकर्मक, चर्ख़ चूँ की आवाज़ पैदा होना

चर्रख़ चूँ करना

चूँ-चूँ की आवाज़ निकालना, निर्जीव एवं निर्बल होना, महत्वहीन होना

सानि'-ए-बे-चूँ

अद्वीतीय निर्माता

हूँ से चूँ करना

रुक : होन से तूं करना

चूँ तक न करना

साँस नहीं लेना, चिपका हुआ रहना, चुप रहना, पूरी तरह से शांत रहना

चर्रख़ चूँ होने लगना

चर्ख़ चूँ करना का अकमक, चर्ख़ चूँ की आवाज़ पैदा होना

चर चर चीं चूँ

رک : چرخ چوں.

ब्याही न बरात चढ़ी डोली में बैठी न चूँ-चूँ हुई

अभी तक शादी ही नहीं हुई, जिस बात को देखा ही नहीं, उसका पता ही क्या हो

चल मरे चर्ख़े चर्रख़ चूँ

चरखे कातने के दौरान बोले जाने वाले अलफ़ाज़, (मजाज़न) सुस्त रफ़्तारी

चूँ-ओ-चरा न करना

To ask no question, to remain silent.

चूँ क़ज़ा आयद तबीब अब्ला शवद

جب موت آتی ہے طبیب اندھا ہو جاتا ہے یعنی جب موت کا وقت آجاتا ہے تو طبیب کی بھی عقل ناکارہ ہو جاتی ہے، موت کا کوئی علاج نہیں اس وقت حکیم بھی بے وقوف بن جاتا ہے

तीर चूँ तर शवद कमाँ गर्दद

बहादुर आदमी मुसीबत से नहीं घबराता

दुश्मन चे कुनद चूँ मेहरबाँ बाशद दोस्त

दुश्मन क्या कर सकता है जब दोस्त मेहरबाँ हो

क़हबा चूँ पीर शवद पेशा कार कुनद दलाली

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) फ़ाहिशा औरत जो बूढ़ी होजाती है तो कटना पा या दलाली करने लगती है , बदमाश जब ख़ुद बदमाशी नहीं करसकता तो दूसरे बदमाशों का मुशीर बिन जाता है

क़हबा चूँ पीर शवद पेशा कार कुनद नक़ादी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) फ़ाहिशा औरत जो बूढ़ी होजाती है तो कटना पा या दलाली करने लगती है , बदमाश जब ख़ुद बदमाशी नहीं करसकता तो दूसरे बदमाशों का मुशीर बिन जाता है

ग़ल्ला चूँ अर्ज़ां शवद इम्साल सय्यद मी शवम

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मसतक़ामल) उस शख़्स की नसबक़त बोलते हैं जो मौक़ा बे मौक़ा बदलता रहे

सैद रा चूँ अजल आयद सूए सय्याद रवद

शिकार की जब मौत आती है तो शिकारी की तरफ़ जाता है, जब मौत का वक़्त आता है कुछ बस नहीं चलता

मर्द चूँ पीर शवद , हिर्स जवाँ मी गर्दद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) बुढ़ापे में हिर्स ज़्यादा होती है

ख़र-ए-'ईसा अगर ब-मक्का रवद चूँ बयायद हुनूज़ ख़रश बाशद

एक अक्षम कमीने का सुधार नहीं किया जा सकता है भले ही वह सबसे अच्छी संगति में रहे

वा'दा-ए-वस्ल चूँ शवद नज़दीक आतिश-ए-शौक़ तेज़-तर गर्दद

(फ़ारसी का कथन कहावत के रूप में प्रयुक्त) मिलन का वादा जितना निकट आता जाता है लालसा की ज्वाला उतनी ही तेज़ होती जाती है

चल मेरे चर्ख़े चर्रख़ चूँ कहाँ की बुढ़िया कहाँ का तूँ

एक बढ़िया अपनी बेटी से मिलने गई, जंगल में उसे शेर चीता और भेड़ीया और दूसरे जानवर मिले इस ने अपनी जान उन से ये कह कर बचाई कि वो वापसी पर मोटी होकर आएगी, तब खाना वापसी पर वो एक चरखे में बैठ गई और जब कोई जानवर मिलता तो ये फ़िक़रा कह देती वो घबरा कर भाग जाता

पए 'इल्म चूँ शमा' बायद गुदाख़्त कि बे 'इल्म नतवाँ ख़ुदा रा शनाख़्त

इलम हासिल करने के लिए बहुत कोशिश करनी चाहिए कीवनका जाहिल ख़ुदा की क़ुदरत को नहीं समझ सकता

हुनर ज़ादा बे हुनर चूँ बुवद, पिदर टर्रा बाशद पिसर टूँ बुवद

(फ़ारसी कहावत) बाप दादा का असर कुछ ना कुछ औलाद में ज़रूर आता है

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

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