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भई

संबोधन रूप में प्रयुक्त होनेवाला एक अव्यय

भई-अल्लाह

عورتیں اس محل پر بولتی ہیں جس سے مروتاً اظہار ناراضگی نہ کر سکتی ہوں اور اس نا گوار مزاج امر کا روکنا مقصود ہو.

भई छछूँदर सरप गई उगले बने न खात

रुक : सांप के मुंह में छछूंदर

भँई

رک : بَہی .

ले-भई

۔(بھئی۔ بھائی کا مخفف) میں کہتاہوں سنوریا۔ ۲۔بڑا تعجب ہے کی جگہ۔

अरे-भई

ऐ मियाँ, ऐ व्यक्ति आदि

वाह-भई

(किसी चीज़ या किसी बात की तारीफ़ के लिए), वाह, क्या कहने, ख़ूब

काबुल में मेवा भई, बृज में भई करील

जहाँ जो वस्तु होनी चाहिए उसका वहाँ न होना

बे भई के प्रीत नहीं

जब तक किसी से ख़ौफ़ या अंदेशा नहीं होता इस से मुहब्बत नहीं होती

अच्छी भई गुड़ सत्तरह सेर

अधिक सस्ती वस्तु के लिए प्रयुक्त है विशेष रूप से भारतियों का प्रतिदिन

वाह भई वाह

बहुत बढ़िया, क्या कहना (आश्चर्य या अफ़सोस प्रकट करने के लिए उपयोगित)

कोल्हू से खल उतरी, भई बैलों जोग

आदमी बूढ़ा होकर निकम्मा या निठल्ला हो जाता है

थके बैल गौन भई भारी, अब क्या लादोगे ब्योपारी

मुसीबत सर पर आ पड़ी अब क्या करोगे

थके बैल गौन भई भारी, अब क्या लाओगे ब्योपारी

मुसीबत सर पर आ पड़ी अब क्या करोगे

ऊँच नीच में बोई क्यारी, जो उप्जी सो भई हमारी

हर काम के परिणाम पर संतुष्ट रहना चाहिए

ऊँच नीच में बोई क्यारी, जो उप्जे सो भई हमारी

हर काम के परिणाम पर संतुष्ट रहना चाहिए

जिस के कारण जोग भई वो सय्याँ प्रदेस

जिस से मुहब्बत है उसे पर्वा नहीं

गया गाँव जहाँ ठाकुर हँसा, गया रूख जहाँ बगुला बसा, गया ताल जहाँ उपजी काई, गई कूप जहाँ भई अथाई

जिस गाँव के मालिक ने भोग में जीवन व्यतीत किया वो उजड़ गया, जिस पेड़ पर बगुले का बसेरा हो वो सूख जाता है, जिस ताल या हौज़ में काई लग जाए एवं जिस कुएँ की तह बैठ जाए वो व्यर्थ एवं बेकार हो जाते हैं

गया गाँव जहाँ ठाकुर हँसा, गया रुख जहाँ बगुला बसा, गया ताल जहाँ पकी काई, गई कूप जहाँ भई अथाई

जिस गाँव के मालिक ने भोग में जीवन व्यतीत किया वो उजड़ गया, जिस पेड़ पर बगुले का बसेरा हो वो सूख जाता है, जिस ताल या हौज़ में काई लग जाए एवं जिस कुएँ की तह बैठ जाए वो व्यर्थ एवं बेकार हो जाते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में भई छछूँदर सरप गई उगले बने न खात के अर्थदेखिए

भई छछूँदर सरप गई उगले बने न खात

bha.ii chhachhuu.ndar sarap ga.ii ugle bane na khaatبَھئی چَھچُھوندَر سَرَپ گَئی اُگْلے بَنے نَہ کھات

भई छछूँदर सरप गई उगले बने न खात के हिंदी अर्थ

  • रुक : सांप के मुंह में छछूंदर

بَھئی چَھچُھوندَر سَرَپ گَئی اُگْلے بَنے نَہ کھات کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • رک : سان٘پ کے من٘ھ میں چھچھون٘در.

Urdu meaning of bha.ii chhachhuu.ndar sarap ga.ii ugle bane na khaat

  • Roman
  • Urdu

  • ruk ha saamp ke munh me.n chhachhuundar

खोजे गए शब्द से संबंधित

भई

संबोधन रूप में प्रयुक्त होनेवाला एक अव्यय

भई-अल्लाह

عورتیں اس محل پر بولتی ہیں جس سے مروتاً اظہار ناراضگی نہ کر سکتی ہوں اور اس نا گوار مزاج امر کا روکنا مقصود ہو.

भई छछूँदर सरप गई उगले बने न खात

रुक : सांप के मुंह में छछूंदर

भँई

رک : بَہی .

ले-भई

۔(بھئی۔ بھائی کا مخفف) میں کہتاہوں سنوریا۔ ۲۔بڑا تعجب ہے کی جگہ۔

अरे-भई

ऐ मियाँ, ऐ व्यक्ति आदि

वाह-भई

(किसी चीज़ या किसी बात की तारीफ़ के लिए), वाह, क्या कहने, ख़ूब

काबुल में मेवा भई, बृज में भई करील

जहाँ जो वस्तु होनी चाहिए उसका वहाँ न होना

बे भई के प्रीत नहीं

जब तक किसी से ख़ौफ़ या अंदेशा नहीं होता इस से मुहब्बत नहीं होती

अच्छी भई गुड़ सत्तरह सेर

अधिक सस्ती वस्तु के लिए प्रयुक्त है विशेष रूप से भारतियों का प्रतिदिन

वाह भई वाह

बहुत बढ़िया, क्या कहना (आश्चर्य या अफ़सोस प्रकट करने के लिए उपयोगित)

कोल्हू से खल उतरी, भई बैलों जोग

आदमी बूढ़ा होकर निकम्मा या निठल्ला हो जाता है

थके बैल गौन भई भारी, अब क्या लादोगे ब्योपारी

मुसीबत सर पर आ पड़ी अब क्या करोगे

थके बैल गौन भई भारी, अब क्या लाओगे ब्योपारी

मुसीबत सर पर आ पड़ी अब क्या करोगे

ऊँच नीच में बोई क्यारी, जो उप्जी सो भई हमारी

हर काम के परिणाम पर संतुष्ट रहना चाहिए

ऊँच नीच में बोई क्यारी, जो उप्जे सो भई हमारी

हर काम के परिणाम पर संतुष्ट रहना चाहिए

जिस के कारण जोग भई वो सय्याँ प्रदेस

जिस से मुहब्बत है उसे पर्वा नहीं

गया गाँव जहाँ ठाकुर हँसा, गया रूख जहाँ बगुला बसा, गया ताल जहाँ उपजी काई, गई कूप जहाँ भई अथाई

जिस गाँव के मालिक ने भोग में जीवन व्यतीत किया वो उजड़ गया, जिस पेड़ पर बगुले का बसेरा हो वो सूख जाता है, जिस ताल या हौज़ में काई लग जाए एवं जिस कुएँ की तह बैठ जाए वो व्यर्थ एवं बेकार हो जाते हैं

गया गाँव जहाँ ठाकुर हँसा, गया रुख जहाँ बगुला बसा, गया ताल जहाँ पकी काई, गई कूप जहाँ भई अथाई

जिस गाँव के मालिक ने भोग में जीवन व्यतीत किया वो उजड़ गया, जिस पेड़ पर बगुले का बसेरा हो वो सूख जाता है, जिस ताल या हौज़ में काई लग जाए एवं जिस कुएँ की तह बैठ जाए वो व्यर्थ एवं बेकार हो जाते हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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