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क़स्द

दृढ़ या पक्का निश्चय, संकल्प, इरादा, विचार, इच्छा, कामना, ख्वाहिश

क़स्द करना

(किसी पर) आक्रमण करना, वध करने का इरादा करना

क़स्द रखना

इरादा रखना, नीयत रखना

क़स्दी

ارادہ، قصد، کوشش

क़स्द-ए-मुसम्मम

पक्का इरादा

क़स्दन

इच्छा या विचार करके, जानबूझकर, सोच-समझकर, निश्चयपूर्वक

क़ासिद

इरादा या विचार करने वाला, इच्छा या अभिलाषा रखने वाला

क़सीद

सूखा चमड़ा, तीन शेरों से अधिक दस तक, टूटा हुआ, शिकस्ता।।

क़िस्दीर

एक सफ़ेद नर्म धात, राँगा

क़साइद

ऐसी कविताएँ जिसमें किसी की खूब प्रशंसा की गई हो, क़सीदे

क़ाश-दार

قوس نما .

कस-दम

۔مذکر کَسْ بل۔ ؎

'अदावत-बिल-क़स्द

deliberate malice, malice aforethought

बिल-क़स्द

जान-बूझकर, जानते हुए

क़त्ल बिला-क़स्द

murder without intention, unintentional murder

दलालत-ए-क़स्द

an established or intended proof

नुक़सान-बिल-क़स्द

अपने हाथों से खुद को नुक़सान पहुँचाना, जान-बूझकर नुक़सान उठाना या घाटा बरदाश्त करना

बे-क़स्द

unintended

ख़ता-फ़ी-अल-क़स्द

(धर्मशास्त्र) ऐसा अपराध जो घटित न हो मगर विचार में हो

जान का क़स्द करना

हत्या के लिए तैयार रहना, मार डालने को तैयार होना

क़सीदा-ख़्वाँ

कसीदा पढ़ने वाला

क़सीदा-गोई

किसी की प्रशंसा में कविता कहना, क़सीदा कहना

क़सीदा-ख़्वानी

क़सीदा पढ़ना,

क़ासिद होना

इरादा करना

क़सीदा-गो

क़सीदा लिखने वाला कवि, प्रशंसा करने वाला कवि

क़सीदा-गर

अ. फा. वि.कसीदा लिखनेवाला, वह शाइर जो क़सीदे अधिक और अच्छे लिखता हो ।

क़साइद-ए-वतनिया

ऐसे कसीदे जिनमें देश की प्रशंसा का बखान किया जाए

क़सीदा-निगार

क़सीदा लिखने वाला, प्रशंसा या स्तुति लिखने वाला कवि

क़सीदा पढ़ना

तारीफ़ करना

क़सीदा-निगारी

किसी की प्रशंसा में कुछ लिखना, प्रशंसा करना

क़सीदा

नज़्म अर्थात कविता की वह सिन्फ़ अर्थात विधा जिसमें प्रशंसा, उपदेश और सलाह, बहार की तारीफ़, रोज़गार की कमी या ज़माने की शिकायत के विषय बयान किए जाएँ, उसके मतले के दो मिसरों और हर शेर के मिसरा-ए-सानी अर्थात दूसरे मिसरे का हम-क़ाफ़िया अर्थात समान क़ाफ़िया वाला होना ज़रूरी है, सामान्यतः क़सीदे में प्रशंसात्मक विषय होता है, उसमें पारंपरिक रूप से कुछ बातों का लिहाज़ रखा जाता है, उदाहरणतः सर्वप्रथम तशबीब अर्थात प्रशंसा, दूसरा हुस्न-ए-तख़लीस या गुरेज़ अर्थात प्रशंसा से प्रशंसा के विषय की ओर मुड़ना, तीसरा तारीफ़-ए-ममदूह अर्थात प्रशंसा पात्र की तारीफ़, चौथा हुस्न-उल-तलब अर्थात अपना उद्देश्य उद्घाटित करना, पाँचवाँ दुआ, क़सीदा कई प्रकार का होता है, जैसे बहारिया, हालिया, फ़ख़्रिया इत्यादि जो बहार, हालात-ए-ज़माना अर्थात सामयिक परिस्थितियाँ या फ़ख़्र-ओ-तअल्ली अर्थात गर्व से संबद्ध है, कभी-कभी जब क़सीदे के आख़िर में हर्फ़-ए-रवी इस तरह आता हो कि उसके बाद रदीफ़ न आए तो उससे भी क़सीदा संबद्ध हो जाता, उदाहरणतः अलिफ़िया, लामिया इत्यादि अर्थात अलिफ़ की या लाम की रवी वाला क़सीदा, आम बोलचाल में हर प्रकार के प्रशंसात्मक वाक्य या गद्याँश को भी क़सीदा कह देते हैं

क़ासिदी

पैग़ाम ले जाना, नामाबरी, पयाम्बरी, सन्देश पहुंचाने का काम, सन्देश ले जाना

क़सीदियत

قصیدہ کی معنوی خصوصیات .

क़िस्सा दराज़ होना

मामले का लंबा खिंचना, बात का लंबा होना, लंबाई में होना

क़िस्सा अदा होना

झगड़ा ख़त्म होना

क़िस्सा-ए-दार-ओ-रसन

सूली और फाँसी का क़िस्सा (यह इशारा है उस वाक़िया की तरफ़ जब मंसूर हल्लाज को अना-अल-हक़ (मैं सच हूँ) कहने के जुर्म में सूली पर चढ़ाया गया था

क़िस्सा-दर-क़िस्सा

a story within a story

नाइब-क़ासिद

संदेशवाहक का सहायक, संदेशवाहक से छोटा अधिकारी, सरकारी डाक ले जाने वाले किसी भी व्यक्ति का सहयोगी

सिक्का-ए-क़ासिद

जाली सिक्का, कूटमुद्रा, वह सिक्का जी टकसाली न हो, खोटा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बे-इरादा के अर्थदेखिए

बे-इरादा

be-iraadaبے اِرادَہ

वज़्न : 2122

बे-इरादा के हिंदी अर्थ

फ़ारसी, अरबी - क्रिया-विशेषण

  • बिना सोचे समझे, अनायास

शे'र

English meaning of be-iraada

Persian, Arabic - Adverb

  • without intent, unintentionally

بے اِرادَہ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فارسی، عربی - فعل متعلق

  • قصد کے بغیر، بیساختہ، بغیرسوچے سمجھے، بغیر ارادہ کے

Urdu meaning of be-iraada

  • Roman
  • Urdu

  • qasad ke bagair, besaaKhtaa, bagair soche samjhe, bagair iraada ke

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क़स्द

दृढ़ या पक्का निश्चय, संकल्प, इरादा, विचार, इच्छा, कामना, ख्वाहिश

क़स्द करना

(किसी पर) आक्रमण करना, वध करने का इरादा करना

क़स्द रखना

इरादा रखना, नीयत रखना

क़स्दी

ارادہ، قصد، کوشش

क़स्द-ए-मुसम्मम

पक्का इरादा

क़स्दन

इच्छा या विचार करके, जानबूझकर, सोच-समझकर, निश्चयपूर्वक

क़ासिद

इरादा या विचार करने वाला, इच्छा या अभिलाषा रखने वाला

क़सीद

सूखा चमड़ा, तीन शेरों से अधिक दस तक, टूटा हुआ, शिकस्ता।।

क़िस्दीर

एक सफ़ेद नर्म धात, राँगा

क़साइद

ऐसी कविताएँ जिसमें किसी की खूब प्रशंसा की गई हो, क़सीदे

क़ाश-दार

قوس نما .

कस-दम

۔مذکر کَسْ بل۔ ؎

'अदावत-बिल-क़स्द

deliberate malice, malice aforethought

बिल-क़स्द

जान-बूझकर, जानते हुए

क़त्ल बिला-क़स्द

murder without intention, unintentional murder

दलालत-ए-क़स्द

an established or intended proof

नुक़सान-बिल-क़स्द

अपने हाथों से खुद को नुक़सान पहुँचाना, जान-बूझकर नुक़सान उठाना या घाटा बरदाश्त करना

बे-क़स्द

unintended

ख़ता-फ़ी-अल-क़स्द

(धर्मशास्त्र) ऐसा अपराध जो घटित न हो मगर विचार में हो

जान का क़स्द करना

हत्या के लिए तैयार रहना, मार डालने को तैयार होना

क़सीदा-ख़्वाँ

कसीदा पढ़ने वाला

क़सीदा-गोई

किसी की प्रशंसा में कविता कहना, क़सीदा कहना

क़सीदा-ख़्वानी

क़सीदा पढ़ना,

क़ासिद होना

इरादा करना

क़सीदा-गो

क़सीदा लिखने वाला कवि, प्रशंसा करने वाला कवि

क़सीदा-गर

अ. फा. वि.कसीदा लिखनेवाला, वह शाइर जो क़सीदे अधिक और अच्छे लिखता हो ।

क़साइद-ए-वतनिया

ऐसे कसीदे जिनमें देश की प्रशंसा का बखान किया जाए

क़सीदा-निगार

क़सीदा लिखने वाला, प्रशंसा या स्तुति लिखने वाला कवि

क़सीदा पढ़ना

तारीफ़ करना

क़सीदा-निगारी

किसी की प्रशंसा में कुछ लिखना, प्रशंसा करना

क़सीदा

नज़्म अर्थात कविता की वह सिन्फ़ अर्थात विधा जिसमें प्रशंसा, उपदेश और सलाह, बहार की तारीफ़, रोज़गार की कमी या ज़माने की शिकायत के विषय बयान किए जाएँ, उसके मतले के दो मिसरों और हर शेर के मिसरा-ए-सानी अर्थात दूसरे मिसरे का हम-क़ाफ़िया अर्थात समान क़ाफ़िया वाला होना ज़रूरी है, सामान्यतः क़सीदे में प्रशंसात्मक विषय होता है, उसमें पारंपरिक रूप से कुछ बातों का लिहाज़ रखा जाता है, उदाहरणतः सर्वप्रथम तशबीब अर्थात प्रशंसा, दूसरा हुस्न-ए-तख़लीस या गुरेज़ अर्थात प्रशंसा से प्रशंसा के विषय की ओर मुड़ना, तीसरा तारीफ़-ए-ममदूह अर्थात प्रशंसा पात्र की तारीफ़, चौथा हुस्न-उल-तलब अर्थात अपना उद्देश्य उद्घाटित करना, पाँचवाँ दुआ, क़सीदा कई प्रकार का होता है, जैसे बहारिया, हालिया, फ़ख़्रिया इत्यादि जो बहार, हालात-ए-ज़माना अर्थात सामयिक परिस्थितियाँ या फ़ख़्र-ओ-तअल्ली अर्थात गर्व से संबद्ध है, कभी-कभी जब क़सीदे के आख़िर में हर्फ़-ए-रवी इस तरह आता हो कि उसके बाद रदीफ़ न आए तो उससे भी क़सीदा संबद्ध हो जाता, उदाहरणतः अलिफ़िया, लामिया इत्यादि अर्थात अलिफ़ की या लाम की रवी वाला क़सीदा, आम बोलचाल में हर प्रकार के प्रशंसात्मक वाक्य या गद्याँश को भी क़सीदा कह देते हैं

क़ासिदी

पैग़ाम ले जाना, नामाबरी, पयाम्बरी, सन्देश पहुंचाने का काम, सन्देश ले जाना

क़सीदियत

قصیدہ کی معنوی خصوصیات .

क़िस्सा दराज़ होना

मामले का लंबा खिंचना, बात का लंबा होना, लंबाई में होना

क़िस्सा अदा होना

झगड़ा ख़त्म होना

क़िस्सा-ए-दार-ओ-रसन

सूली और फाँसी का क़िस्सा (यह इशारा है उस वाक़िया की तरफ़ जब मंसूर हल्लाज को अना-अल-हक़ (मैं सच हूँ) कहने के जुर्म में सूली पर चढ़ाया गया था

क़िस्सा-दर-क़िस्सा

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नाइब-क़ासिद

संदेशवाहक का सहायक, संदेशवाहक से छोटा अधिकारी, सरकारी डाक ले जाने वाले किसी भी व्यक्ति का सहयोगी

सिक्का-ए-क़ासिद

जाली सिक्का, कूटमुद्रा, वह सिक्का जी टकसाली न हो, खोटा

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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