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अन-बन

झगड़ा, बिगाड़, रंजिश, मनमुटाव, मनोमालिन्य, टकराव, असहमति

आन-बान

सज-धज, ठाठ-बाट, शान, चमक-दमक

आन-बान करना

भव्यता दिखाना, निपुणता या कौशल व्यक्त करना

आन-बान से रहना

तड़क भड़क, आडंबर और ठाट बाट का जीवन जीना

आन बान का आदमी

قول کا پکا، بات کا دھنی

अन-बिंदा

بے سوراخ کا موتی ، بن چھدا ، ناسفتہ ، (مجازاََ) اچھوتا ، نیا ، قیمتی ؛ کنْوارا .

अन-बिंधा

بے سوراخ کا موتی ، بن چھدا ، ناسفتہ ، (مجازاََ) اچھوتا ، نیا ، قیمتی ؛ کنْوارا .

आन बनना

घटित होना, पेश आना, आ पड़ना

आन बँधना

आ बँधना, आकर जम जाना, आना और न टलना

आईना-बीं

आईने में चेहरा देखने वाला, सिंघार करने वाला

गबरू जवान , बड़ी आन बान

ख़ूबसूरत और शकील की बड़ी शान और बड़े दिमाग़ होते हैं

आयँ बायँ शायँ

ऊलजलूल, ऊटपटांग, अंड बंड, व्यर्थ या अप्रासंगिक बात

आईं बाईं शाईं करना

इधर उधर की बातें करना

आईना-बनना

आईना बनाना का अनिवार्य

आईन-बंद

सजा हुआ, सुसज्जित

आईन बाँधना

नियम निश्चित करना, नए नियम एवं विधि बनाना

आईन बँधना

आईन बाँधना का अकर्मक

आईना-बंद

रौनक़ बख़्शने वाला, शीशे से सजा, सजावट करना, दर्पणों से अलंकृत

आईन-बंदी

घरों को आईने से खूबसूरत बनाना, कमरे को पौधों आदि से सजाना, फर्श में पत्थर आदि की जुड़ाई

आनी-बानी

ज़िद, अड़, हट

आइना-बंदी

घरों को आईने से खूबसूरत बनाना, दर्पणों से सजाना

आईना-बंदी

शीशे से सजावट करना

तू आन का तो मैं बान का , तू सूई तो मैं तागा , तू मिर्ज़ा तो मैं ख़ान का

यानी में हर हालत में तुझ से बढ़ चढ़ ही के रहूँगा

त्रिया पुरुख बिन है दुखी जैसे अन्न बिन देह, जले बले है जेवड़ा जों खेती बिन मेंह

बिना पति के स्त्री इस तरह दुख एवं पीड़ा में रहती है जैसे शरीर बिना अनाज के और इस तरह जलती है जैसे खेती बिना बारिश के

लेने आएं आग और बन बैठें बावर्चन

किसी बहाने से अपना क़दम जमाना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बकरी करे घास से यारी तो खाने कहाँ जाए के अर्थदेखिए

बकरी करे घास से यारी तो खाने कहाँ जाए

bakrii kare ghaas se yaarii to khaane kahaa.n jaa.eبکْری کَرے گھاس سے یاری تو کھانے کَہاں جائے

अथवा : बकरी करे घास से यारी तो चरने कहाँ जाए

कहावत

बकरी करे घास से यारी तो खाने कहाँ जाए के हिंदी अर्थ

  • यदि किसी की मित्रता के कारण जीविका अर्थात रोज़ी छोड़ दिया जाए तो खाएँगे कहाँ से
  • कोई व्यक्ति यदि मेहनताना माँगने में लिहाज़ करे या जो जिस काम को करता है उसमें मुनाफ़ा' न ले तो उसका ख़र्च कैसे चले

بکْری کَرے گھاس سے یاری تو کھانے کَہاں جائے کے اردو معانی

Roman

  • اگر کسی کی دوستی کی وجہ سے رزق چھوڑ دیا جائے تو کھائیں کہاں سے
  • کوئی شخص اگر اجرت مانگنے میں لحاظ کرے یا جس کام کو کرتا ہے اس میں منافع نہ لے تو اس کا خرچ کیسے چلے

Urdu meaning of bakrii kare ghaas se yaarii to khaane kahaa.n jaa.e

Roman

  • agar kisii kii dostii kii vajah se rizk chho.D diyaa jaaye to khaa.ii.n kahaa.n se
  • ko.ii shaKhs agar ujrat maangne me.n lihaaz kare ya jis kaam ko kartaa hai is me.n munaafaa na le to is ka Kharch kaise chale

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अन-बन

झगड़ा, बिगाड़, रंजिश, मनमुटाव, मनोमालिन्य, टकराव, असहमति

आन-बान

सज-धज, ठाठ-बाट, शान, चमक-दमक

आन-बान करना

भव्यता दिखाना, निपुणता या कौशल व्यक्त करना

आन-बान से रहना

तड़क भड़क, आडंबर और ठाट बाट का जीवन जीना

आन बान का आदमी

قول کا پکا، بات کا دھنی

अन-बिंदा

بے سوراخ کا موتی ، بن چھدا ، ناسفتہ ، (مجازاََ) اچھوتا ، نیا ، قیمتی ؛ کنْوارا .

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بے سوراخ کا موتی ، بن چھدا ، ناسفتہ ، (مجازاََ) اچھوتا ، نیا ، قیمتی ؛ کنْوارا .

आन बनना

घटित होना, पेश आना, आ पड़ना

आन बँधना

आ बँधना, आकर जम जाना, आना और न टलना

आईना-बीं

आईने में चेहरा देखने वाला, सिंघार करने वाला

गबरू जवान , बड़ी आन बान

ख़ूबसूरत और शकील की बड़ी शान और बड़े दिमाग़ होते हैं

आयँ बायँ शायँ

ऊलजलूल, ऊटपटांग, अंड बंड, व्यर्थ या अप्रासंगिक बात

आईं बाईं शाईं करना

इधर उधर की बातें करना

आईना-बनना

आईना बनाना का अनिवार्य

आईन-बंद

सजा हुआ, सुसज्जित

आईन बाँधना

नियम निश्चित करना, नए नियम एवं विधि बनाना

आईन बँधना

आईन बाँधना का अकर्मक

आईना-बंद

रौनक़ बख़्शने वाला, शीशे से सजा, सजावट करना, दर्पणों से अलंकृत

आईन-बंदी

घरों को आईने से खूबसूरत बनाना, कमरे को पौधों आदि से सजाना, फर्श में पत्थर आदि की जुड़ाई

आनी-बानी

ज़िद, अड़, हट

आइना-बंदी

घरों को आईने से खूबसूरत बनाना, दर्पणों से सजाना

आईना-बंदी

शीशे से सजावट करना

तू आन का तो मैं बान का , तू सूई तो मैं तागा , तू मिर्ज़ा तो मैं ख़ान का

यानी में हर हालत में तुझ से बढ़ चढ़ ही के रहूँगा

त्रिया पुरुख बिन है दुखी जैसे अन्न बिन देह, जले बले है जेवड़ा जों खेती बिन मेंह

बिना पति के स्त्री इस तरह दुख एवं पीड़ा में रहती है जैसे शरीर बिना अनाज के और इस तरह जलती है जैसे खेती बिना बारिश के

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किसी बहाने से अपना क़दम जमाना

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