खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"बारह वफ़ात की खिचड़ी आज है कल नहीं" शब्द से संबंधित परिणाम

इमरोज़

आज, अद्य, आज का दिन

इमरोज़ा

आज का, आज के युग का

इमरोज़-ओ-फ़र्दा

आज और कल, बहुत जल्द, इन दिनों में से एक

इमरोज़-फ़र्दा

टाल मटोल, बहानेबाज़ी

फ़िक्र-ए-इमरोज़

आज की चिंता, हाल की फ़िक्र

'इशरत-ए-इमरोज़

वह सुख जो आज प्राप्त हो, अर्थात् सांसारिक सुख ।

कार-ए-इमरोज़ ब-फ़र्दा मगुज़ार

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आज का काम कल पर ना छोड़, काम को बरवक़्त अंजाम देने के लिए बतौर ताकीद-ओ-हिदायत बोला जाता है

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बारह वफ़ात की खिचड़ी आज है कल नहीं के अर्थदेखिए

बारह वफ़ात की खिचड़ी आज है कल नहीं

baarah vafaat kii khich.Dii aaj hai kal nahii.nبارہ وفات کی کھچڑی آج ہے کل نہیں

अथवा : बारह वफ़ात की खिचड़ी, आज है तो कल नहीं

कहावत

बारह वफ़ात की खिचड़ी आज है कल नहीं के हिंदी अर्थ

  • अस्थिर चीज़ के संबंध में प्रयुक्त या ऐसी वस्तु के प्रति कहते हैं जो जल्दी नष्ट या समाप्त हो जाने वाली हो
  • ऐसी वस्तु जो आज तो बहुतायत से मिल रही हो परंतु फिर न मिले

    विशेष बारह-वफ़ात मुहम्मद साहब के जीवन के उन अंतिम बारह दिनों को कहते हैं जब वे बहुत बीमार रहे, उसके अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई, उस दिन उनकी यादगार में खिचड़ी का फ़ातिहा दिया जाता है और वह लोगों में बांटी भी जाती है, उसी से कहावत बनी।

بارہ وفات کی کھچڑی آج ہے کل نہیں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ناپائیدار چیز کی نسبت مستعمل یا ایسی چیز کی نسبت کہتے ہیں جو جلد ضائع یا ختم ہو جانے والی ہو
  • ایسی چیز کو آج تو زیادہ مقدار میں مل رہی ہو لیکن پھر نہ ملے

Urdu meaning of baarah vafaat kii khich.Dii aaj hai kal nahii.n

  • Roman
  • Urdu

  • naapaaydaar chiiz kii nisbat mustaamal ya a.isii chiiz kii nisbat kahte hai.n jo jald zaa.e ya Khatm ho jaane vaalii ho
  • a.isii chiiz ko aaj to zyaadaa miqdaar me.n mil rahii ho lekin phir na mile

खोजे गए शब्द से संबंधित

इमरोज़

आज, अद्य, आज का दिन

इमरोज़ा

आज का, आज के युग का

इमरोज़-ओ-फ़र्दा

आज और कल, बहुत जल्द, इन दिनों में से एक

इमरोज़-फ़र्दा

टाल मटोल, बहानेबाज़ी

फ़िक्र-ए-इमरोज़

आज की चिंता, हाल की फ़िक्र

'इशरत-ए-इमरोज़

वह सुख जो आज प्राप्त हो, अर्थात् सांसारिक सुख ।

कार-ए-इमरोज़ ब-फ़र्दा मगुज़ार

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आज का काम कल पर ना छोड़, काम को बरवक़्त अंजाम देने के लिए बतौर ताकीद-ओ-हिदायत बोला जाता है

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

सुझाव दीजिए (बारह वफ़ात की खिचड़ी आज है कल नहीं)

नाम

ई-मेल

प्रतिक्रिया

बारह वफ़ात की खिचड़ी आज है कल नहीं

चित्र अपलोड कीजिएअधिक जानिए

नाम

ई-मेल

प्रदर्शित नाम

चित्र संलग्न कीजिए

चित्र चुनिए
(format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images)

सूचनाएँ और जानकारी प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें

सदस्य बनिए
बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone