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ज़हे

शाबाश, आफ़रीन, वाह वाह, क्या कहने (गाहे तंज़न मुस्तामल)

जहा

गोरखमुंडी

जहाँ

संसार, दुनिया, लोक, खंड, पृथ्वी, स्थान, जहान का लघुरूप, विश्व

जहीं

जिस स्थान पर ही

जी-हाँ

जी, एक सकारात्मक प्रतिक्रिया देने के लिए उपयोग किया जाता है

ज़हे-ताले'

अतिउत्तम, सौभाग्य, अच्छा भाग्य, कितनी अच्छी किस्मत है

ज़हे-नसीब

(प्रसन्नता प्रकट करने के लिए उपयोगित) सौभाग्य, अच्छे भाग्य

ज़हे-क़िस्मत

सौभाग्य से, नसीब से, क़िस्मत से, भाग्यवश, यह सौभाग्यशाली है कि, संयोग से

ज़हे-'इज़्ज़-ओ-शर्फ़

इज़्ज़त-ओ-बुजु़र्गी के क्या कहने, इज़्ज़त -ओ-शराफ़त के क्या कहने

ज़ाही

of a radiant face

जाही

उक्त पौधे के छोटे सुगंधित फूल।

जेहा

जैसा

जिहीं

جن کو ؛ جو (رک) کی جمع.

जहानी

worldly, relating to the world

ज़ुहा

चाश्त (सूर्योदय से एक पहर से दुसरे पहर तक का समय) या प्रातःकाल के नाशते का समय (लगभग ९ बजे सुबह), वह कार्य जो चाशत के चाश्त किया जाये

zho

DZO का मुतबादिल-

जहाँ का

رک : جہاں بھر کا.

जहाँ से

from which place, whence

ज़ाहिद

ऐसा व्यक्ति जो सांसारिक प्रपंचों, बखेड़ों, बुराइयों आदि से दूर रहकर ईश्वर का ध्यान करता हो

जहाँ गंगा वहाँ झाव , जहाँ बामन वहाँ नाव

बड़ों से छोटों को फ़ैज़ पहुंचता है

जहाँ-जू

دنیا کو تلاش کرنے والا ، (مراد) بادشاہ.

जहाँ लों

رک : جہاں تک

जहाँ सींग समाएँ निकल जाएँ

foot-loose and fancy-free

जहाँ दाई हाथ धोए वहाँ क़ुर्बां करूँ

۔(عو) ذلیل کرنے کو کہتے ہیں۔ تجھ گرانے والی کو جہاں جہاں اس کی دائی نے ہاتھ دھوئے قرباں کروں۔

जहाँ दाई हाथ धोए वहाँ क़ुर्बान करूँ

ज़लील करने के मौक़ा पर औरतें कहती हैं

जहाँ गाय वहाँ गाय का बछ्ड़ा

जहां मालिक वहीं इस के साथी, जहां फ़ायदे की चीज़ हो वहां सब जमा होते हैं

जहाँ दल, तहाँ बादल

जहाँ लोग बहुत हों वहाँ धूल भी उड़ती है

जहाँ जाएँ बाले मियाँ तहाँ जाए पूँछ

धनवानों की चापलूसी करने वाले हर जगह साथ जाते हैं

जहाँ देखी रोटी , वहाँ मुँडाई चोटी

जहां फ़ायदा देखा वहीं ज़िल्लत बर्दाश्त की

जहाँ गंग वहाँ रंग

जहाँ गंगा बहती है वहाँ मेले भी ज़रूर होते हैं

जहाँ चाह वहाँ राह

जिसके लिए दिल में जगह हो उसके साथ गुज़ारा भी हो जाता है

जहाँ गंगा वहाँ रंग

जहाँ गंगा बहती है वहाँ मेले भी अवश्य लगते हैं

जहाँ-नवर्दी

globe-trotting, travelling round the world

जहाँ सूई न जाए वहाँ मोसल घुसेड़ना

रुक : जहां सोई ना जाये वहां लट्ठा करना

जहाँ के मुर्दे तहाँ गड़ते हैं

जहाँ का मुआमला है निपटारा भी वहाँ ही होगा

जहाँ का मुर्दा वहीं गड़ता है

जहाँ का झगड़ा होता है वहीं ख़त्म होता है, जहाँ झगड़ा हो वहाँ की रस्म और रिवाज की मुताबिक़ फ़ैसला होता है

जहाँ पड़े मूसल वहाँ खेम कूशल

जहाँ भंग घटे वहाँ स्वास्थ्य है

जहाँ जाए भूखा, वहाँ पड़े सूखा

दुखिया को सब जगह दुख ही दुख लगा रहता है, अभागे का भाग्य हर जगह साथ रहता है

जहाँ सूई न जाए वहाँ मूसल घुसेड़ देना

रुक : जहां सोई ना जाये वहां लट्ठा करना

जहाँ सत्तयानास , वहाँ साढे़ सत्तयानास

۔مثل۔ جب بربادی ہوئی کم وبیش کی کیا پروا۔

जहाँ सौ, वहाँ सवा सौ

बेकार में रुपया ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम और अधिक नहीं देखता, जहाँ बहुत हानि हुआ, थोड़ा और सही

जहाँ जिस के सींग समाए वहीं घुस जाएँ

जहां बचाओ देखें वहां पनाह लें

जहाँ दीदा सियार गोयद दरोग़

सय्याह और मुसाफ़िर झूट ज़्यादा बोलते हैं ख़ासकर हालात सफ़र के मुताल्लिक़ कीवनका कोई तसद्दुक़ कनुंदा नहीं होता, तजुर्बेकार आदमी के झूट बोलने पर कहते हैं

जहाँ तीली न जाए वहाँ मूसल घुसेड़ना

अज़ हद झूट बोलना

जहाँ डर, वहाँ हमारा घर

बहादुरों या मर्दों को अपनी जान का डर नहीं होता, डर और ख़तरे की चिंता नहीं करते

जहाँ से उठना , जहाँ से जाना , जहाँ से गुज़रना

۔مرجانا۔ ؎ ؎

जहाँ देखा तवा परात, वहाँ गावे सारी रात

जहाँ लाभ देखा, वहीं रह पड़े, आवश्यकता रखने वाला एवं अभावग्रस्त अपने फ़ायदे को देखता है

जहाँ गुड़ होगा वहाँ मक्खी भी ज़रूर होगी

रुपया वाले के मित्र अधिक हो जाते हैं, धनवानों के पास मंगते, ज्ञानियों के पास क्षात्र आदि आया करते हैं अर्थात जब किसी की कोई प्रिय वस्तु किसी के पास होगी तो वहाँ उस प्रकार के लोग भी उपस्थित होंगे

जहाँ जिस के सींग समाए वहीं निकल गए

जहां बचाओ देखें वहां पनाह लें

जहाँ तेल देखा वहीं जनने को बैठ गई

स्वार्थी व्यक्ति के संबंध में बोलते हैं

जहाँ शेर नहीं वहाँ बिल्ली ही शेर है

जहां अच्छी चीज़ ना हो वहां निकम्मी ही क़दर पाती है

जहाँ बजे ढोल वहाँ खड़े बहलोल

उस व्यक्ति के बारे में कहा जाता है जो बिना बुलाए या आमंत्रित किए हर जगह जाता है

जहाँ बड़ी सेवा तहाँ ओछा फल

बड़ी ख़िदमत का कम सिला, बावजूद बड़ी मेहनत के फ़ायदा क़लील हो तो कहते हैं

जहाँ-दार

शासक, राजा

जहाँ-सोज़

दुनिया को जलाने वाला, क्रूर, ज़ालिम

जहाँ काँसा वहाँ बिजली का साँसा

जहाँ धन-दौलत वहाँ चोर उचक्का

जहाँ और दरख़्त नहीं वहाँ अरनड ही दरख़्त है

जहां लायक़ नहीं होते, वहां कम लियाक़त ही लियाक़तदार होजाते हैं, जहां कोई शैय बेहतर ना हो वहां कमतर ही सही, रुक: जहां रूख नहीं अलख

जहाँ गढ़ा होता है वहीं पानी मरेगा

जहां कुछ नुक़्स होता है लोगों की तवज्जा उस की तरफ़ होती है जब तक किसी में ऐब ना हो या किसी का पहलू कमज़ोर ना हो लोग कोई तंज़िया बात नहीं कहते

जहाँ सींग समाएँ

रुक : जिधर सींग समाया

जहाँ सूई न जाए वहाँ लट्ठा करना

ऐसा काम करना जो मुम्किन ना हो , सरासर लगू बात करना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में 'औरत पर जहाँ हाथ फेरा वो फैली के अर्थदेखिए

'औरत पर जहाँ हाथ फेरा वो फैली

'aurat par jahaa.n haath pheraa vo phailiiعَورَت پَر جَہاں ہاتھ پھیرا وہ پَھیلی

अथवा : 'औरत पर जहाँ हाथ फिरा वो फैली, 'औरत पर जहाँ हाथ फिरा और वो फैली

कहावत

'औरत पर जहाँ हाथ फेरा वो फैली के हिंदी अर्थ

  • 'औरत को मर्द का हाथ लगे तो वह बहुत जल्द बढ़ती है
  • विवाह के बा'द कम आयु की लड़की भी शीघ्र जवान बन जाती है
  • उस भ्रम का प्रकट करना कि स्त्री को पुरूष का हाथ लगे तो उसका बदन फैलने लगता है

عَورَت پَر جَہاں ہاتھ پھیرا وہ پَھیلی کے اردو معانی

Roman

  • عورت کو مرد کا ہاتھ لگے تو وہ بہت جلد بڑھتی ہے
  • شادی کے بعد کم عمر لڑکی بھی تیزی سے جوان بن جاتی ہے
  • اس توہم کا اظہار کہ عورت کو مرد کا ہاتھ لگے تو اس کا جسم پھیلنے لگتا ہے

Urdu meaning of 'aurat par jahaa.n haath pheraa vo phailii

Roman

  • aurat ko mard ka haath lage to vo bahut jald ba.Dhtii hai
  • shaadii ke baad kama.umar la.Dkii bhii tezii se javaan bin jaatii hai
  • is to ham ka izhaar ki aurat ko mard ka haath lage to is ka jism phailne lagtaa hai

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ज़हे

शाबाश, आफ़रीन, वाह वाह, क्या कहने (गाहे तंज़न मुस्तामल)

जहा

गोरखमुंडी

जहाँ

संसार, दुनिया, लोक, खंड, पृथ्वी, स्थान, जहान का लघुरूप, विश्व

जहीं

जिस स्थान पर ही

जी-हाँ

जी, एक सकारात्मक प्रतिक्रिया देने के लिए उपयोग किया जाता है

ज़हे-ताले'

अतिउत्तम, सौभाग्य, अच्छा भाग्य, कितनी अच्छी किस्मत है

ज़हे-नसीब

(प्रसन्नता प्रकट करने के लिए उपयोगित) सौभाग्य, अच्छे भाग्य

ज़हे-क़िस्मत

सौभाग्य से, नसीब से, क़िस्मत से, भाग्यवश, यह सौभाग्यशाली है कि, संयोग से

ज़हे-'इज़्ज़-ओ-शर्फ़

इज़्ज़त-ओ-बुजु़र्गी के क्या कहने, इज़्ज़त -ओ-शराफ़त के क्या कहने

ज़ाही

of a radiant face

जाही

उक्त पौधे के छोटे सुगंधित फूल।

जेहा

जैसा

जिहीं

جن کو ؛ جو (رک) کی جمع.

जहानी

worldly, relating to the world

ज़ुहा

चाश्त (सूर्योदय से एक पहर से दुसरे पहर तक का समय) या प्रातःकाल के नाशते का समय (लगभग ९ बजे सुबह), वह कार्य जो चाशत के चाश्त किया जाये

zho

DZO का मुतबादिल-

जहाँ का

رک : جہاں بھر کا.

जहाँ से

from which place, whence

ज़ाहिद

ऐसा व्यक्ति जो सांसारिक प्रपंचों, बखेड़ों, बुराइयों आदि से दूर रहकर ईश्वर का ध्यान करता हो

जहाँ गंगा वहाँ झाव , जहाँ बामन वहाँ नाव

बड़ों से छोटों को फ़ैज़ पहुंचता है

जहाँ-जू

دنیا کو تلاش کرنے والا ، (مراد) بادشاہ.

जहाँ लों

رک : جہاں تک

जहाँ सींग समाएँ निकल जाएँ

foot-loose and fancy-free

जहाँ दाई हाथ धोए वहाँ क़ुर्बां करूँ

۔(عو) ذلیل کرنے کو کہتے ہیں۔ تجھ گرانے والی کو جہاں جہاں اس کی دائی نے ہاتھ دھوئے قرباں کروں۔

जहाँ दाई हाथ धोए वहाँ क़ुर्बान करूँ

ज़लील करने के मौक़ा पर औरतें कहती हैं

जहाँ गाय वहाँ गाय का बछ्ड़ा

जहां मालिक वहीं इस के साथी, जहां फ़ायदे की चीज़ हो वहां सब जमा होते हैं

जहाँ दल, तहाँ बादल

जहाँ लोग बहुत हों वहाँ धूल भी उड़ती है

जहाँ जाएँ बाले मियाँ तहाँ जाए पूँछ

धनवानों की चापलूसी करने वाले हर जगह साथ जाते हैं

जहाँ देखी रोटी , वहाँ मुँडाई चोटी

जहां फ़ायदा देखा वहीं ज़िल्लत बर्दाश्त की

जहाँ गंग वहाँ रंग

जहाँ गंगा बहती है वहाँ मेले भी ज़रूर होते हैं

जहाँ चाह वहाँ राह

जिसके लिए दिल में जगह हो उसके साथ गुज़ारा भी हो जाता है

जहाँ गंगा वहाँ रंग

जहाँ गंगा बहती है वहाँ मेले भी अवश्य लगते हैं

जहाँ-नवर्दी

globe-trotting, travelling round the world

जहाँ सूई न जाए वहाँ मोसल घुसेड़ना

रुक : जहां सोई ना जाये वहां लट्ठा करना

जहाँ के मुर्दे तहाँ गड़ते हैं

जहाँ का मुआमला है निपटारा भी वहाँ ही होगा

जहाँ का मुर्दा वहीं गड़ता है

जहाँ का झगड़ा होता है वहीं ख़त्म होता है, जहाँ झगड़ा हो वहाँ की रस्म और रिवाज की मुताबिक़ फ़ैसला होता है

जहाँ पड़े मूसल वहाँ खेम कूशल

जहाँ भंग घटे वहाँ स्वास्थ्य है

जहाँ जाए भूखा, वहाँ पड़े सूखा

दुखिया को सब जगह दुख ही दुख लगा रहता है, अभागे का भाग्य हर जगह साथ रहता है

जहाँ सूई न जाए वहाँ मूसल घुसेड़ देना

रुक : जहां सोई ना जाये वहां लट्ठा करना

जहाँ सत्तयानास , वहाँ साढे़ सत्तयानास

۔مثل۔ جب بربادی ہوئی کم وبیش کی کیا پروا۔

जहाँ सौ, वहाँ सवा सौ

बेकार में रुपया ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम और अधिक नहीं देखता, जहाँ बहुत हानि हुआ, थोड़ा और सही

जहाँ जिस के सींग समाए वहीं घुस जाएँ

जहां बचाओ देखें वहां पनाह लें

जहाँ दीदा सियार गोयद दरोग़

सय्याह और मुसाफ़िर झूट ज़्यादा बोलते हैं ख़ासकर हालात सफ़र के मुताल्लिक़ कीवनका कोई तसद्दुक़ कनुंदा नहीं होता, तजुर्बेकार आदमी के झूट बोलने पर कहते हैं

जहाँ तीली न जाए वहाँ मूसल घुसेड़ना

अज़ हद झूट बोलना

जहाँ डर, वहाँ हमारा घर

बहादुरों या मर्दों को अपनी जान का डर नहीं होता, डर और ख़तरे की चिंता नहीं करते

जहाँ से उठना , जहाँ से जाना , जहाँ से गुज़रना

۔مرجانا۔ ؎ ؎

जहाँ देखा तवा परात, वहाँ गावे सारी रात

जहाँ लाभ देखा, वहीं रह पड़े, आवश्यकता रखने वाला एवं अभावग्रस्त अपने फ़ायदे को देखता है

जहाँ गुड़ होगा वहाँ मक्खी भी ज़रूर होगी

रुपया वाले के मित्र अधिक हो जाते हैं, धनवानों के पास मंगते, ज्ञानियों के पास क्षात्र आदि आया करते हैं अर्थात जब किसी की कोई प्रिय वस्तु किसी के पास होगी तो वहाँ उस प्रकार के लोग भी उपस्थित होंगे

जहाँ जिस के सींग समाए वहीं निकल गए

जहां बचाओ देखें वहां पनाह लें

जहाँ तेल देखा वहीं जनने को बैठ गई

स्वार्थी व्यक्ति के संबंध में बोलते हैं

जहाँ शेर नहीं वहाँ बिल्ली ही शेर है

जहां अच्छी चीज़ ना हो वहां निकम्मी ही क़दर पाती है

जहाँ बजे ढोल वहाँ खड़े बहलोल

उस व्यक्ति के बारे में कहा जाता है जो बिना बुलाए या आमंत्रित किए हर जगह जाता है

जहाँ बड़ी सेवा तहाँ ओछा फल

बड़ी ख़िदमत का कम सिला, बावजूद बड़ी मेहनत के फ़ायदा क़लील हो तो कहते हैं

जहाँ-दार

शासक, राजा

जहाँ-सोज़

दुनिया को जलाने वाला, क्रूर, ज़ालिम

जहाँ काँसा वहाँ बिजली का साँसा

जहाँ धन-दौलत वहाँ चोर उचक्का

जहाँ और दरख़्त नहीं वहाँ अरनड ही दरख़्त है

जहां लायक़ नहीं होते, वहां कम लियाक़त ही लियाक़तदार होजाते हैं, जहां कोई शैय बेहतर ना हो वहां कमतर ही सही, रुक: जहां रूख नहीं अलख

जहाँ गढ़ा होता है वहीं पानी मरेगा

जहां कुछ नुक़्स होता है लोगों की तवज्जा उस की तरफ़ होती है जब तक किसी में ऐब ना हो या किसी का पहलू कमज़ोर ना हो लोग कोई तंज़िया बात नहीं कहते

जहाँ सींग समाएँ

रुक : जिधर सींग समाया

जहाँ सूई न जाए वहाँ लट्ठा करना

ऐसा काम करना जो मुम्किन ना हो , सरासर लगू बात करना

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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