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भीड़

किसी चीज या बात की अधिकता, जैसे-काम की भीड़, उदा०-परी रस भीड़ दृग धीर नाहिंन धरे, -अलबेला अली, आपत्ति, मुसीबत, संकट, उदा०-(क) जुग जुग भीर (भीड़) हरी संतन की,-मीराँ, (ख) तुम हरो जन की भीर (भीड़)।-मीराँ, क्रि० प्र०-कटना, -काटना,-पड़ना

भीड़न

भीड़ने की क्रिया या भाव

भीड़-भाड़

धूम-धाम, महिमा

भीड़ करना

बहुत से लोगों का इकट्ठा होना, संघटित करना, भीड़ लगाना

भीड़-बंगा

-

भीड़ पड़ना

उफ़्तादा पड़ना, वक़्त पेश आना, मुसीबत पड़ना, आफ़त आना

भीड़ छाना

मजमा होना, हुजूम का युरुश करना

भीड़ छटना

भीड़ का हट जाना, हुजूम कम होना

भीड़-बुंगाह

-

भीड़-भड़क्का

एक ही स्थान पर बहुत लोगों का जमावड़ा या भीड़, जमघट, जनसमूह, मजमा, भीड़-भाड़

भीड़ न ठट्ठा मार नुहटा

ना मजमा, ना मौक़ा, बेमहल बात करने के मौक़ा पर बोलते हैं, ख़्वाहमख़्वाह लड़ने वाली औरत के मुताल्लिक़ कहते हैं

सोती भीड़ जगाना

पुराने झगड़े को फिर उठाना, दबी दबाई बात को छेड़ना

जान पर भीड़ पड़ना

जान पर रंज-ओ-मुसीबत का हुजूम होना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में अर्ज़-ए-भोपाल के अर्थदेखिए

अर्ज़-ए-भोपाल

arz-e-bhopalاَرْضِ بھوپال

वज़्न : 2222

देखिए: भोपाल

अर्ज़-ए-भोपाल के हिंदी अर्थ

  • भोपाल की ज़मीन

शे'र

English meaning of arz-e-bhopal

  • land of Bhopal

اَرْضِ بھوپال کے اردو معانی

Roman

  • بھوپال کی زمین

Urdu meaning of arz-e-bhopal

Roman

  • bhopal kii zamiin

खोजे गए शब्द से संबंधित

भीड़

किसी चीज या बात की अधिकता, जैसे-काम की भीड़, उदा०-परी रस भीड़ दृग धीर नाहिंन धरे, -अलबेला अली, आपत्ति, मुसीबत, संकट, उदा०-(क) जुग जुग भीर (भीड़) हरी संतन की,-मीराँ, (ख) तुम हरो जन की भीर (भीड़)।-मीराँ, क्रि० प्र०-कटना, -काटना,-पड़ना

भीड़न

भीड़ने की क्रिया या भाव

भीड़-भाड़

धूम-धाम, महिमा

भीड़ करना

बहुत से लोगों का इकट्ठा होना, संघटित करना, भीड़ लगाना

भीड़-बंगा

-

भीड़ पड़ना

उफ़्तादा पड़ना, वक़्त पेश आना, मुसीबत पड़ना, आफ़त आना

भीड़ छाना

मजमा होना, हुजूम का युरुश करना

भीड़ छटना

भीड़ का हट जाना, हुजूम कम होना

भीड़-बुंगाह

-

भीड़-भड़क्का

एक ही स्थान पर बहुत लोगों का जमावड़ा या भीड़, जमघट, जनसमूह, मजमा, भीड़-भाड़

भीड़ न ठट्ठा मार नुहटा

ना मजमा, ना मौक़ा, बेमहल बात करने के मौक़ा पर बोलते हैं, ख़्वाहमख़्वाह लड़ने वाली औरत के मुताल्लिक़ कहते हैं

सोती भीड़ जगाना

पुराने झगड़े को फिर उठाना, दबी दबाई बात को छेड़ना

जान पर भीड़ पड़ना

जान पर रंज-ओ-मुसीबत का हुजूम होना

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