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बावला

जिसे वायु का प्रकोप हो, पागल, विक्षिप्त, सनकी

बावला होना

पागल होना, बौराना

बावला कुत्ता

वह व्यक्ति जो अनावश्यक ही दूसरे को दुःख पहुँचाए

बावला कुत्ता हिरन खदेड़े

जब आदमी को दीवाने की तरह किसी काम की धन होजईए तो वो अपनी ताक़त से ज़्यादा हौसला करता है

बावला बनाना

बेवक़ूफ़ बनाना, परेशान करदेना, उल्लू बनाना

बावला-पन

पागलपन, पागल होने की अवस्था या भाव, सिर्रीपना, झक ,सनक

बावले

बावला का परिवर्तित रूप, यौगिक में प्रयुक्त

बावली

चौड़े मुंह का एक प्रकार का कुआँ या जलाशय जिसमें पानी तक पहुँचने के लिए सीढ़ियां बनी हों, ऐसा छोटा तालाब जिसके किनारे सीढ़ियाँ बनी हों, सीढ़ियों वाला कुआँ, बावड़ी

लड़-बावला

ग़रज़-बावला

मतलबी, इच्छुक, आवश्यकता के हाथों असहाय

जनम-बावला

ग़रज़ का बावला

तावला सो बावला

जल्दी का काम ख़राब होता है

बावली खाट के बावले पाए बावली रांड के बावले जाए

माता-पिता का प्रभाव संतान में अवश्य स्थानांतरित होता है, ना समझ एवं जाहिल माएँ बच्चों की सही से प्रशिक्षण नहीं कर सकतीं

बावली बहू आग को जावे, उप्ला डाले तवा उठा लावे

मूर्ख भी अपने लाभ की बात को अच्छे से समझता है, ऊपर से मूर्ख भीतर से चालाक

बावले को आग बताई उस ने ले घर को लगाई

मूर्ख व्यक्ति थोड़ा सा उकसाने में उग्र होकर अपना नुक़्सान कर बैठता है

ग़रज़-मंद बावला होता है

बावले गाँव में ऊँट परमेशर

मूर्ख लोग हर अजीब विचित्र वस्तु को महान समझने लगते हैं

ग़रज़ का बावला अपनी गावे

आकांक्षी व्यक्ति अपनी ही बात की धुन रखता है, हर समय अपनी आवश्यकता एवं ज़रूरत बयान करता रहता है

बावली देना

शिकारी जानवर या परिंद को किसी जानवर पर छोड़कर दिलेर करना, लॉक पर लगाना, हिम्मत बढ़ाना

बावले कुत्ते का काटना

बकबक करना, बकवास करना

बावले कुत्ते ने काटा है

पागल होगया है, दीवानों की सी बातें करता है (प्रायःप्रश्नवाचक वाक्य में प्रयुक्त)

ग़रज़ पड़े से आदमी बावला हो जाता है

बावली बताना

धोखा देना, ढकोसला करना, बेईमानी करना

बावले हो

बौखलाए हो, नासमझ हो, अच्छा बुरा नहीं समझते

ग़ुस्से में इंसान बावला हो जाता है

उतावला सो बावला, धीरा सो गंभीरा

जल्दी करने वाला मूर्ख होता है एवं धीरे काम करने वाला बुद्धिमान, जल्दबाज़ी अच्छी नहीं है

अकेला सो बावला, दुकेला सो संग, तिकेला सो खट पट, चौकेला सो जंग

आदमी तन्हा हो तो उसे वहशत होती है दो हूँ तो दिल मज़बूत होता है ेहन हूँ तो बाहम खटपट शुरू होजाती है और चार (या ज़्यादा) हूँ तो लड़ बैठते हैं

अपनी ग़रज़ बावली

ग़रज़ के पीछे आदमी बिलकुल साबुन जाना है, ग़रज़ मंदी आदमी को मजबूर कर देती है

ग़रज़ बावली है

इच्छुक आदमी पागल होता है, वह अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए कुछ भी करने से नहीं हिचकिचाता, इच्छुक को बस अपना काम सूझता है, अर्थात आवश्यकता उसे अंधा बना देती है

ग़रज़ बावली होती है

खिल्लो-बाव्ली

जीजा के माल पर साली लड्डू बावली

बेगाने माल पर कोई इतराए , दूसरों के बरते पर शेखी मारना

क्या बावले कुत्ते ने काटा है

सर नहीं फिरा है, पागल नहीं हूँ जो फ़ुज़ूल काम करूं

ऊथली-बावली

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में अक़ल्लियत के अर्थदेखिए

अक़ल्लियत

aqalliyatاَقلِّیَت

वज़्न : 1212

शब्द व्युत्पत्ति: क़-ल-ल

अक़ल्लियत के हिंदी अर्थ

फ़ारसी, अरबी - संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • (तुलनात्मक) संख्या-बल की कमी, गणना में कम होना
  • (राजनीति) कम संख्या का समूह या समुदाय
  • किसी देश की वह जनता जो दूसरी जनता की अपेक्षा कम हो, अल्पसंख्यक

English meaning of aqalliyat

Persian, Arabic - Noun, Feminine

  • minority

Roman

اَقلِّیَت کے اردو معانی

فارسی، عربی - اسم، مؤنث

  • (مقابلتاً) تعدادی کی کمی، شمار میں کم ہونا
  • (سیاست) کم تعداد کا گروہ یا فرقہ
  • وہ قوم جو تعداد میں تھوڑی ہو، کم تعداد قوم، قلیل التعداد گروہ

Urdu meaning of aqalliyat

  • (muqaabaltan) taadaadii kii kamii, shumaar me.n kam honaa
  • (siyaasat) kam taadaad ka giroh ya firqa
  • vo qaum jo taadaad me.n tho.Dii ho, kam taadaad qaum, qaliil altaadaad giroh

अक़ल्लियत के पर्यायवाची शब्द

अक़ल्लियत के विलोम शब्द

अक़ल्लियत से संबंधित रोचक जानकारी

اقلیت اصل میں اول دوم مفتوح، سوم مکسور اور یائے مشدد (یعنی بر وزن فعلاتن) ہے۔ اردو میں بہ تخفیف یا (یعنی بروزن فعلتن ) بولتے ہیں اور یہی تلفظ فصیح ہے۔ ہاں حالت جمع میں (اقلیتیں، اقلیتوں) اور یائے صفت کے ساتھ (اقلیتی) دوم ساکن بولاجانے لگا ہے اور اسی کو درست ٹھہرانا چاہئے۔ ہاں تنہا لفظ کو بسکون دوم بولنے کا کوئی جواز نہیں۔ یہ لفظ نسبۃً نیا ہے، ’’آصفیہ‘‘ اور’’نور‘‘ میں درج نہیں۔

ماخذ: لغات روز مرہ    
مصنف: شمس الرحمن فاروقی

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बावला

जिसे वायु का प्रकोप हो, पागल, विक्षिप्त, सनकी

बावला होना

पागल होना, बौराना

बावला कुत्ता

वह व्यक्ति जो अनावश्यक ही दूसरे को दुःख पहुँचाए

बावला कुत्ता हिरन खदेड़े

जब आदमी को दीवाने की तरह किसी काम की धन होजईए तो वो अपनी ताक़त से ज़्यादा हौसला करता है

बावला बनाना

बेवक़ूफ़ बनाना, परेशान करदेना, उल्लू बनाना

बावला-पन

पागलपन, पागल होने की अवस्था या भाव, सिर्रीपना, झक ,सनक

बावले

बावला का परिवर्तित रूप, यौगिक में प्रयुक्त

बावली

चौड़े मुंह का एक प्रकार का कुआँ या जलाशय जिसमें पानी तक पहुँचने के लिए सीढ़ियां बनी हों, ऐसा छोटा तालाब जिसके किनारे सीढ़ियाँ बनी हों, सीढ़ियों वाला कुआँ, बावड़ी

लड़-बावला

ग़रज़-बावला

मतलबी, इच्छुक, आवश्यकता के हाथों असहाय

जनम-बावला

ग़रज़ का बावला

तावला सो बावला

जल्दी का काम ख़राब होता है

बावली खाट के बावले पाए बावली रांड के बावले जाए

माता-पिता का प्रभाव संतान में अवश्य स्थानांतरित होता है, ना समझ एवं जाहिल माएँ बच्चों की सही से प्रशिक्षण नहीं कर सकतीं

बावली बहू आग को जावे, उप्ला डाले तवा उठा लावे

मूर्ख भी अपने लाभ की बात को अच्छे से समझता है, ऊपर से मूर्ख भीतर से चालाक

बावले को आग बताई उस ने ले घर को लगाई

मूर्ख व्यक्ति थोड़ा सा उकसाने में उग्र होकर अपना नुक़्सान कर बैठता है

ग़रज़-मंद बावला होता है

बावले गाँव में ऊँट परमेशर

मूर्ख लोग हर अजीब विचित्र वस्तु को महान समझने लगते हैं

ग़रज़ का बावला अपनी गावे

आकांक्षी व्यक्ति अपनी ही बात की धुन रखता है, हर समय अपनी आवश्यकता एवं ज़रूरत बयान करता रहता है

बावली देना

शिकारी जानवर या परिंद को किसी जानवर पर छोड़कर दिलेर करना, लॉक पर लगाना, हिम्मत बढ़ाना

बावले कुत्ते का काटना

बकबक करना, बकवास करना

बावले कुत्ते ने काटा है

पागल होगया है, दीवानों की सी बातें करता है (प्रायःप्रश्नवाचक वाक्य में प्रयुक्त)

ग़रज़ पड़े से आदमी बावला हो जाता है

बावली बताना

धोखा देना, ढकोसला करना, बेईमानी करना

बावले हो

बौखलाए हो, नासमझ हो, अच्छा बुरा नहीं समझते

ग़ुस्से में इंसान बावला हो जाता है

उतावला सो बावला, धीरा सो गंभीरा

जल्दी करने वाला मूर्ख होता है एवं धीरे काम करने वाला बुद्धिमान, जल्दबाज़ी अच्छी नहीं है

अकेला सो बावला, दुकेला सो संग, तिकेला सो खट पट, चौकेला सो जंग

आदमी तन्हा हो तो उसे वहशत होती है दो हूँ तो दिल मज़बूत होता है ेहन हूँ तो बाहम खटपट शुरू होजाती है और चार (या ज़्यादा) हूँ तो लड़ बैठते हैं

अपनी ग़रज़ बावली

ग़रज़ के पीछे आदमी बिलकुल साबुन जाना है, ग़रज़ मंदी आदमी को मजबूर कर देती है

ग़रज़ बावली है

इच्छुक आदमी पागल होता है, वह अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए कुछ भी करने से नहीं हिचकिचाता, इच्छुक को बस अपना काम सूझता है, अर्थात आवश्यकता उसे अंधा बना देती है

ग़रज़ बावली होती है

खिल्लो-बाव्ली

जीजा के माल पर साली लड्डू बावली

बेगाने माल पर कोई इतराए , दूसरों के बरते पर शेखी मारना

क्या बावले कुत्ते ने काटा है

सर नहीं फिरा है, पागल नहीं हूँ जो फ़ुज़ूल काम करूं

ऊथली-बावली

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