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क़ाज़ी

मुसलमान न्यायाधीश जो धर्मशास्त्र की दृष्टि से मामलों का फ़ैसला करे, वह न्यायाधीश जो धर्मशास्त्र के अनुसार निर्णय करता हो, धर्मशास्त्र के अनुसार निर्णय करने वाला जज

क़ाज़ी-दलाल

फ़ित्ना और दंगा करने वाले

क़ाज़ी-ए-शहर

किसी शहर का शासक अथवा न्यायाधीश

क़ाज़ी-ए-फ़लक

the planet Venus

क़ाज़ी-ए-चर्ख़

मुश्तरी, बुध ग्रह

क़ाज़ी-बच्चा

(بھنگڑ) بھنگ کا تُس جو بھنگ پینے میں مانع آتا ہے.

क़ाज़ी-ए-'अस्कर

a judge appointed for the army

क़ाज़ी-उल-क़ुज़ात

मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायाधीश, चीफ़ जस्टिस

क़ाज़ी-ए-हाजात

supplier of need, one who meets all the needs, God

क़ाज़ी की मूँज

अनावश्यक उत्तरदायित्व, बेकार की बेगारी

क़ाज़ी-ए-गर्दूं

the planet Venus

क़ाज़ी-उल-क़ुज़ात

मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायाधीश, चीफ़ जस्टिस

क़ाज़ी-उल-हाजात

कामनाएँ पूरी करनेवाला, आवश्यकताएँ पूरी करनेवाला, जो सभी जरूरतों को पूरा करता है, मुराद पूरा करने वाला, ईश्वर, भगवान

क़ाज़ी का प्यादा

सरकारी सिपाही, कचहरी का सिपाही जो बीच बीच में हाकिम के सामने हाज़िर रहता है

क़ाज़ी-ब-रिश्वत-राज़ी

रिश्वत या घूस देने से सब ही राज़ी, तैयार या खुश हो जाते हैं

क़ाज़ी गिला न करेगा

कोई आपत्ति नहीं करेगा, कुछ बुराई की बात न होगी, कोई शिकवा शिकायत नहीं करेगा

क़ाज़ी के मूसल में नाड़ा

बुद्धिमान की कोई विचित्र बात

क़ाज़ी का प्यादा घोड़-सवार

शासक का चपरासी भी बहुत धाक जमाता है, सरकारी नौकर धाक दिखाते हैं

क़ाज़ी ब दो गवाह राज़ी

शरी'अत के हिसाब से दो गवाहों से मुक़द्दमे का फ़ैसला हो जाता है

क़ाज़ी के मूसल में नारा

बुद्धिमान की कोई विचित्र बात

क़ाज़ी का प्यादा घोड़े सवार

सरकारी नौकर रो'ब दिखाते हैं

क़ाज़ी के मूसल में नाड़ा

दानिशमंद की कोई अजीब बात

क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरा, कोई न आया

बड़े एवं अमीर आदमी के जीवन काल में लोग ख़ुशामद अर्थात चापलूसी करते हैं परंतु उसके मरने के बा'द कोई उसका नाम तक नहीं लेता

क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरे कोई न आया

बड़े एवं अमीर आदमी के जीवन काल में लोग ख़ुशामद अर्थात चापलूसी करते हैं परंतु उसके मरने के बा'द कोई उसका नाम तक नहीं लेता

क़ाज़ी जी की लौंडी मरी सारा शहर आया, क़ाज़ी मरे कोई न आया

जिसका मुँह होता है उसकी वजह से सबका सम्मान होता है, जब वह मर जाता है तो कोई नहीं पूछता, जीते जी को सब चाहते हैं, मुँह देखे का सब सम्मान करते हैं, बड़े आदमी के जीवन में लोग आदर-सत्कार या आवभगत करते हैं उसके मरने के बाद कोई उसका नाम तक नहीं लेता, बहुत से काम बड़े आदमियों को ख़ुश करने के लिए ही किए जात हैं, उनके मरने पर उन्हें कोई नहीं पूछता, क्योंकि फिर उनसे कोई काम नहीं

क़ाज़ी जी के चूहे भी सियाने

रुक : क़ाज़ी के घर के चूहे भी सयाने

क़ाज़ी जी का प्यादा घोड़े सवार

शासक का चपरासी भी बहुत धाक जमाता है, सरकारी नौकर धाक दिखाते हैं

क़ाज़ी की दाढ़ी तबरुक में गई

जब कोई अच्छी शैय देखते देखते या मुफ़्त में ख़राब हो जाती है तो ये मक़ूला कहते हैं

क़ाज़ी की मूँछ है बेगार का काम

यह कहावत अन्यायी न्यायाधीशों के संबंध में कही जाती है कि वे वादी और प्रतिवादी से मज]दूरी लिया करते हैं

क़ाज़ी जी दुबले क्यों शहर का अंदेशा

जब कोई व्यक्ती किसी ऐसी बात की चिंता करे जिससे उसका किसी प्रकार का भी संबंध न हो, बिला वजह किसी की चिंता में रहने वाला

क़ाज़ी के घर के चूहे भी सयाने

हाकिम या धनी व्यक्ति के घर का सबसे छोटा आदमी भी चालाक और चतुर होता है

क़ाज़ी के घर के चूहे भी सयाने

हाकिम या धनी व्यक्ति के घर का सबसे छोटा आदमी भी चालाक और चतुर होता है

क़ाज़ी जी बहुत हराएँ मैं हारता ही नहीं

कोई व्यक्ति समझाने के अतिरिक्त न समझे और जो कुछ उसके दिमाग़ में जम जाये उसी पर सदृढ़ रहे

क़ाज़ी जी क्यों दुबले शहर के अंदेशे से

जब कोई व्यक्ती किसी ऐसी बात की चिंता करे जिससे उसका किसी प्रकार का भी संबंध न हो, बिला वजह किसी की चिंता में रहने वाला

क़ाज़ी जी के घर के चूहे भी सयाने

हाकिम या धनी व्यक्ति के घर का सबसे छोटा आदमी भी चालाक और चतुर होता है

क़ाज़ी जी दुबले क्यूँ, शहर का अंदेशा से

जब कोई व्यक्ती किसी ऐसी बात की चिंता करे जिससे उसका किसी प्रकार का भी संबंध न हो, बिला वजह किसी की चिंता में रहने वाला

क़ाज़ी जी दुबले क्यूँ, शहर के अंदेशे से

जब कोई व्यक्ती किसी ऐसी बात की चिंता करे जिससे उसका किसी प्रकार का भी संबंध न हो, बिला वजह किसी की चिंता में रहने वाला

क़ाज़ी जी क्यूँ दुबले, शहर के अंदेशा से

जब कोई व्यक्ती किसी ऐसी बात की चिंता करे जिससे उसका किसी प्रकार का भी संबंध न हो, बिला वजह किसी की चिंता में रहने वाला

क़ाज़ी न्याव न करेगा तो घर तो आने देगा

अगर फ़ायदा ना हुआ तो कुछ नुक़्सान भी नहीं है

क़ाज़ी जी तुम क्यूँ दुबले हो शहर के अंदेशे से

जब कोई व्यक्ती किसी ऐसी बात की चिंता करे जिससे उसका किसी प्रकार का भी संबंध न हो, बिला वजह किसी की चिंता में रहने वाला

क़ाज़ी जी के घर की मुर्ग़ी भी पढ़ी हुई होती है

रुक : क़ाज़ी के घर के चूहे भी सयाने

क़ाज़ी जी अपना आगा तो ढाको, पीछे किसी को नसीहत करना

बड़ा आदमी पहले अपनी नैतिकता और आचरण की सुधार करे फिर दूसरे को सीख दे

क़ाज़ी जी अपना आगा तो ढाँको पीछे किसी को नसीहत करना

बड़ा आदमी पहले अपनी नैतिकता और आचरण की सुधार करे फिर दूसरे को सीख दे

क़ाज़ी जी खाना आया, हमें क्या, तुम्हारे लिए ही है, फिर क्या

बेकार में हर काम में हस्तक्षेप करने वाले के संबंधित कहते हैं

क़ाज़ी जी खाना आया, हमें क्या, तुम्हारे ही लिए है, फिर तुम्हें क्या

बेकार में हर काम में हस्तक्षेप करने वाले के संबंधित कहते हैं

क़ाज़ी जी के मरने से क्या शहर सूना हो जाएगा

एक के न होने से कुछ हानि नहीं

दफ़्तर-क़ाज़ी

(लाक्षणिक) अंतड़ियाँ, ओझ

वसी-क़ाज़ी

(فقہ) وہ شخص جسے عدالت نے مرنے والے شخص کے ترکے کے انتظام کے لیے مقرر کیا ہو

रीश-ए-क़ाज़ी

न्यायधिश की दाढ़ी

जौनपुर का क़ाज़ी

the judge or magistrate of Jaunpur, India

तुम क्या क़ाज़ी हो

तुम को इस मुआमले से किया, तुम इस में दख़ल ना दो

चचा चोर भतीजा क़ाज़ी

पारिवारिक मामला है

क्या क़ाज़ी गिला करेगा

कोई ताना नहीं करेगा, कोई नाम नहीं धरेगा, कोई मुँह पर बात नहीं लाएगा, कोई भी टिप्पणी या चुनौती नहीं देगा

बड़ा बोल क़ाज़ी का प्यादा

घमंड करके आदमी बहुत जल्द अपमानित होता है

पेश क़ाज़ी रवी राज़ी आई

کسی ایک مثال سے ثبوت فراہم پہنْچانے کے موقع پر بولتے ہیں .

यक रि'आयत क़ाज़ी न सद गवाह

हाकिम की रियायत सौ गवाहों से बेहतर है

अड़े दड़े क़ाज़ी के सर पड़े

मुसीबत किस की किस को उठाना पड़ा

तन्हा पेश क़ाज़ी रवी राज़ी शवी

تنہائی میں قاضی کے سامنے جو چاہو سو بیان دیدو اور جس طرح چاہو اسے مطمئن کردو ، ایسے موقع پر بولتے ہیں جب معاملہ یک طرفہ پیش ہو اور فریق ثانی کو جواب دبی یا صفائی کا موقع نہ ہو

अड़ी दड़ी क़ाज़ी के सर पड़ी

मुसीबत किस की किस को उठाना पड़ा

क्या क़ाज़ी की गधी चुराई है

कौन सा ऐसा बड़ा अपराध किया है, निर्दोष को किस का डर है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में अपने माल को क़ाज़ी की दुहाई क्या के अर्थदेखिए

अपने माल को क़ाज़ी की दुहाई क्या

apne maal ko qaazii kii duhaa.ii kyaaاَپْنے مال کو قاضی کی دُہائی کیا

कहावत

अपने माल को क़ाज़ी की दुहाई क्या के हिंदी अर्थ

  • जो काम अपने वश का हो उसमें दूसरे की सहायता नहीं लेना चाहिए

اَپْنے مال کو قاضی کی دُہائی کیا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جو کام اپنے قابو کا ہو اس میں دوسرے کی مدد نہیں لینا چاہیے

Urdu meaning of apne maal ko qaazii kii duhaa.ii kyaa

  • Roman
  • Urdu

  • jo kaam apne qaabuu ka ho is me.n duusre kii madad nahii.n lenaa chaahi.e

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क़ाज़ी

मुसलमान न्यायाधीश जो धर्मशास्त्र की दृष्टि से मामलों का फ़ैसला करे, वह न्यायाधीश जो धर्मशास्त्र के अनुसार निर्णय करता हो, धर्मशास्त्र के अनुसार निर्णय करने वाला जज

क़ाज़ी-दलाल

फ़ित्ना और दंगा करने वाले

क़ाज़ी-ए-शहर

किसी शहर का शासक अथवा न्यायाधीश

क़ाज़ी-ए-फ़लक

the planet Venus

क़ाज़ी-ए-चर्ख़

मुश्तरी, बुध ग्रह

क़ाज़ी-बच्चा

(بھنگڑ) بھنگ کا تُس جو بھنگ پینے میں مانع آتا ہے.

क़ाज़ी-ए-'अस्कर

a judge appointed for the army

क़ाज़ी-उल-क़ुज़ात

मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायाधीश, चीफ़ जस्टिस

क़ाज़ी-ए-हाजात

supplier of need, one who meets all the needs, God

क़ाज़ी की मूँज

अनावश्यक उत्तरदायित्व, बेकार की बेगारी

क़ाज़ी-ए-गर्दूं

the planet Venus

क़ाज़ी-उल-क़ुज़ात

मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायाधीश, चीफ़ जस्टिस

क़ाज़ी-उल-हाजात

कामनाएँ पूरी करनेवाला, आवश्यकताएँ पूरी करनेवाला, जो सभी जरूरतों को पूरा करता है, मुराद पूरा करने वाला, ईश्वर, भगवान

क़ाज़ी का प्यादा

सरकारी सिपाही, कचहरी का सिपाही जो बीच बीच में हाकिम के सामने हाज़िर रहता है

क़ाज़ी-ब-रिश्वत-राज़ी

रिश्वत या घूस देने से सब ही राज़ी, तैयार या खुश हो जाते हैं

क़ाज़ी गिला न करेगा

कोई आपत्ति नहीं करेगा, कुछ बुराई की बात न होगी, कोई शिकवा शिकायत नहीं करेगा

क़ाज़ी के मूसल में नाड़ा

बुद्धिमान की कोई विचित्र बात

क़ाज़ी का प्यादा घोड़-सवार

शासक का चपरासी भी बहुत धाक जमाता है, सरकारी नौकर धाक दिखाते हैं

क़ाज़ी ब दो गवाह राज़ी

शरी'अत के हिसाब से दो गवाहों से मुक़द्दमे का फ़ैसला हो जाता है

क़ाज़ी के मूसल में नारा

बुद्धिमान की कोई विचित्र बात

क़ाज़ी का प्यादा घोड़े सवार

सरकारी नौकर रो'ब दिखाते हैं

क़ाज़ी के मूसल में नाड़ा

दानिशमंद की कोई अजीब बात

क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरा, कोई न आया

बड़े एवं अमीर आदमी के जीवन काल में लोग ख़ुशामद अर्थात चापलूसी करते हैं परंतु उसके मरने के बा'द कोई उसका नाम तक नहीं लेता

क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरे कोई न आया

बड़े एवं अमीर आदमी के जीवन काल में लोग ख़ुशामद अर्थात चापलूसी करते हैं परंतु उसके मरने के बा'द कोई उसका नाम तक नहीं लेता

क़ाज़ी जी की लौंडी मरी सारा शहर आया, क़ाज़ी मरे कोई न आया

जिसका मुँह होता है उसकी वजह से सबका सम्मान होता है, जब वह मर जाता है तो कोई नहीं पूछता, जीते जी को सब चाहते हैं, मुँह देखे का सब सम्मान करते हैं, बड़े आदमी के जीवन में लोग आदर-सत्कार या आवभगत करते हैं उसके मरने के बाद कोई उसका नाम तक नहीं लेता, बहुत से काम बड़े आदमियों को ख़ुश करने के लिए ही किए जात हैं, उनके मरने पर उन्हें कोई नहीं पूछता, क्योंकि फिर उनसे कोई काम नहीं

क़ाज़ी जी के चूहे भी सियाने

रुक : क़ाज़ी के घर के चूहे भी सयाने

क़ाज़ी जी का प्यादा घोड़े सवार

शासक का चपरासी भी बहुत धाक जमाता है, सरकारी नौकर धाक दिखाते हैं

क़ाज़ी की दाढ़ी तबरुक में गई

जब कोई अच्छी शैय देखते देखते या मुफ़्त में ख़राब हो जाती है तो ये मक़ूला कहते हैं

क़ाज़ी की मूँछ है बेगार का काम

यह कहावत अन्यायी न्यायाधीशों के संबंध में कही जाती है कि वे वादी और प्रतिवादी से मज]दूरी लिया करते हैं

क़ाज़ी जी दुबले क्यों शहर का अंदेशा

जब कोई व्यक्ती किसी ऐसी बात की चिंता करे जिससे उसका किसी प्रकार का भी संबंध न हो, बिला वजह किसी की चिंता में रहने वाला

क़ाज़ी के घर के चूहे भी सयाने

हाकिम या धनी व्यक्ति के घर का सबसे छोटा आदमी भी चालाक और चतुर होता है

क़ाज़ी के घर के चूहे भी सयाने

हाकिम या धनी व्यक्ति के घर का सबसे छोटा आदमी भी चालाक और चतुर होता है

क़ाज़ी जी बहुत हराएँ मैं हारता ही नहीं

कोई व्यक्ति समझाने के अतिरिक्त न समझे और जो कुछ उसके दिमाग़ में जम जाये उसी पर सदृढ़ रहे

क़ाज़ी जी क्यों दुबले शहर के अंदेशे से

जब कोई व्यक्ती किसी ऐसी बात की चिंता करे जिससे उसका किसी प्रकार का भी संबंध न हो, बिला वजह किसी की चिंता में रहने वाला

क़ाज़ी जी के घर के चूहे भी सयाने

हाकिम या धनी व्यक्ति के घर का सबसे छोटा आदमी भी चालाक और चतुर होता है

क़ाज़ी जी दुबले क्यूँ, शहर का अंदेशा से

जब कोई व्यक्ती किसी ऐसी बात की चिंता करे जिससे उसका किसी प्रकार का भी संबंध न हो, बिला वजह किसी की चिंता में रहने वाला

क़ाज़ी जी दुबले क्यूँ, शहर के अंदेशे से

जब कोई व्यक्ती किसी ऐसी बात की चिंता करे जिससे उसका किसी प्रकार का भी संबंध न हो, बिला वजह किसी की चिंता में रहने वाला

क़ाज़ी जी क्यूँ दुबले, शहर के अंदेशा से

जब कोई व्यक्ती किसी ऐसी बात की चिंता करे जिससे उसका किसी प्रकार का भी संबंध न हो, बिला वजह किसी की चिंता में रहने वाला

क़ाज़ी न्याव न करेगा तो घर तो आने देगा

अगर फ़ायदा ना हुआ तो कुछ नुक़्सान भी नहीं है

क़ाज़ी जी तुम क्यूँ दुबले हो शहर के अंदेशे से

जब कोई व्यक्ती किसी ऐसी बात की चिंता करे जिससे उसका किसी प्रकार का भी संबंध न हो, बिला वजह किसी की चिंता में रहने वाला

क़ाज़ी जी के घर की मुर्ग़ी भी पढ़ी हुई होती है

रुक : क़ाज़ी के घर के चूहे भी सयाने

क़ाज़ी जी अपना आगा तो ढाको, पीछे किसी को नसीहत करना

बड़ा आदमी पहले अपनी नैतिकता और आचरण की सुधार करे फिर दूसरे को सीख दे

क़ाज़ी जी अपना आगा तो ढाँको पीछे किसी को नसीहत करना

बड़ा आदमी पहले अपनी नैतिकता और आचरण की सुधार करे फिर दूसरे को सीख दे

क़ाज़ी जी खाना आया, हमें क्या, तुम्हारे लिए ही है, फिर क्या

बेकार में हर काम में हस्तक्षेप करने वाले के संबंधित कहते हैं

क़ाज़ी जी खाना आया, हमें क्या, तुम्हारे ही लिए है, फिर तुम्हें क्या

बेकार में हर काम में हस्तक्षेप करने वाले के संबंधित कहते हैं

क़ाज़ी जी के मरने से क्या शहर सूना हो जाएगा

एक के न होने से कुछ हानि नहीं

दफ़्तर-क़ाज़ी

(लाक्षणिक) अंतड़ियाँ, ओझ

वसी-क़ाज़ी

(فقہ) وہ شخص جسے عدالت نے مرنے والے شخص کے ترکے کے انتظام کے لیے مقرر کیا ہو

रीश-ए-क़ाज़ी

न्यायधिश की दाढ़ी

जौनपुर का क़ाज़ी

the judge or magistrate of Jaunpur, India

तुम क्या क़ाज़ी हो

तुम को इस मुआमले से किया, तुम इस में दख़ल ना दो

चचा चोर भतीजा क़ाज़ी

पारिवारिक मामला है

क्या क़ाज़ी गिला करेगा

कोई ताना नहीं करेगा, कोई नाम नहीं धरेगा, कोई मुँह पर बात नहीं लाएगा, कोई भी टिप्पणी या चुनौती नहीं देगा

बड़ा बोल क़ाज़ी का प्यादा

घमंड करके आदमी बहुत जल्द अपमानित होता है

पेश क़ाज़ी रवी राज़ी आई

کسی ایک مثال سے ثبوت فراہم پہنْچانے کے موقع پر بولتے ہیں .

यक रि'आयत क़ाज़ी न सद गवाह

हाकिम की रियायत सौ गवाहों से बेहतर है

अड़े दड़े क़ाज़ी के सर पड़े

मुसीबत किस की किस को उठाना पड़ा

तन्हा पेश क़ाज़ी रवी राज़ी शवी

تنہائی میں قاضی کے سامنے جو چاہو سو بیان دیدو اور جس طرح چاہو اسے مطمئن کردو ، ایسے موقع پر بولتے ہیں جب معاملہ یک طرفہ پیش ہو اور فریق ثانی کو جواب دبی یا صفائی کا موقع نہ ہو

अड़ी दड़ी क़ाज़ी के सर पड़ी

मुसीबत किस की किस को उठाना पड़ा

क्या क़ाज़ी की गधी चुराई है

कौन सा ऐसा बड़ा अपराध किया है, निर्दोष को किस का डर है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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