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मुफ़्लिस

ऐसा व्यक्ति जिसके पास कुछ भी धन-संपत्ति न हो, जिस के पास पैसा और माल न हो, धनहीन, दरिद्र, निर्धन, ग़रीब, ख़ाली हाथ

मुफ़्लिस का माल

۔غریب کا مال۔(کنایۃً) ایسا مال جو ارداں فروخت ہو اور جس کو کوئی نہ پوچھے۔؎

मुफ़्लिस और फ़ाल्से का शर्बत

रुक : मुफ़लिस और हॉट की सैर

मुफ़्लिसी-आटा-गीला

۔مثل۔ مفلسی میں ایسے مصارف کاپیش آنا جن سے گریز نہ ہو۔مفلسی میں نقصان ہونے کے موقع پر بولتے ہیں۔؎

मुफ़्लिस होना

बहुत ग़रीब होना, कंगाल होना

मुफ़्लिस का माल है

सस्ता सामान है, कौड़ियों के मोल है, सस्ता सामान है (विक्रेताओं की आवाज़) ख़रीदार सस्ता समझ कर ख़रीद लें

मुफ़्लिस हमेशा ख़्वार

निर्धन व्यक्ति सदैव अपमानित होता है

मुफ़्लिस और हाट की सैर

ग़रीब का फुज़ूलखर्ची करना, लँगोटी में फाग खेलना, मुफ़लिसी में अमीरों की सी आदतें

मुफ़्लिस से सवाल हराम हे

निर्धन अथवा मजबूर को किसी तरह का दुख देना ठीक नहीं

मुफ़्लिसाना

ग़रीबों की तरह, निर्धनों के जैसा, कंगालों की प्रकार, कंगाल

मुफ़्लिसी-ज़दा

ग़रीबी से परेशान, ग़रीब बेचारा, आश्रित, कंगाल, फ़क़ीर

मुफ़्लिसी और हाट की सैर

ग़रीब का फुज़ूलख़र्ची करना, लँगोटी में फाक

मुफ़्लिस करना

ग़रीब कर देना, मुहताज बना देना, कौड़ी पास न छोड़ना, लूट कर खा जाना

मुफ़्लिस का चराग़ रौशन नहीं होता

ग़रीब के पास चिराग़ जलाने के लिए भी कुछ नहीं होता, ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है

मुफ़्लिसी

मुफ़्लिस होने की अवस्था या भाव, दरिद्रता, निर्धनता, कंगाली, ग़रीबी

मुफ़्लिस तू ख़ुश कि ज़र न दारी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) ए मुफ़लिस तू ही अच्छा है कि दौलत नहीं रखता, यानी दौलत के झगड़ों से तुझे नजात है

मुफ़्लिसी में खोटा पैसा काम आता है

ज़रूरत पर वो चीज़ भी काम आती है जिसे आदमी नाचीज़ समझ कर फेंक देता है, यगाना कैसा ही बुरा क्यों ना हो आड़े वक़्त में ज़रूर मदद है।

मुफ़्लिसी में आटा गीला होना

ग़रीबी में ख़र्चे सामने आना, मुश्किल में फँसना

मुफ़्लिस का चराग़

ग़रीब का चिराग़ जो तेल न होने की वजह से रौशन नहीं होता

मुफ़्लिस की आबरू

अर्थात : ज़रा सी ठेस लगने से ख़राब और बर्बाद हो जाने वाली चीज़, जल्द ही मलिया मेट हो जाने वाली

मुफ़्लिस-कच-धात

(रसायन विज्ञान) ऐसी कच्ची धातु जिससे मूल धातु बहुत कम मात्रा में मिले

मुफ़लिसी में शौक़ निबाहना

निर्धनता में भी विलासितापूर्वक जीवन व्यतीत करना, गरीबी में भी मज़े उड़ाना, तंगदस्ती में रंगरलियां मनाना

मुफ़्लिस बना देना

पैसा बिलकुल भी न छोड़ना, सब कुछ लूट लेना, बेबस बना देना, ग़रीब कर देना, फ़क़ीर बना देना

मुफ़लिसा-बैग

दरिद्र, भूका, कंगाल, बहुत मोहताज पर फबती

मुफ़लिसी आना

ग़रीबी आना, ग़रीब होना, निर्धनता होना

मुफ़्लिस की जोरू सदा नंगी

ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है, ग़रीब के पास कुछ नहीं होता

मुफ़्लिस की जोरू सब की भाबी

ग़रीब की चीज़ को हर कोई हथियाने की कोशिश करता है, ग़रीब की चीज़ पर हर कोई दावा करना शुरू कर देता है

मुफ़्लिसी छाना

नादारी में फँसना, फ़लाकत में गिरफ़्तार होना

मुफ़्लिस की जवानी , जाड़े की चाँदनी यूँ ही जाती है

चीज़ का बे कार और बेफ़ाइदा ज़ाए होना

मुफ़्लिस की जवानी और जाड़ों की चाँदी किस ने देखी

जाड़े की चांदनी से लुतफ़ नहीं उठाया जा सकता, बेफ़ाइदा चीज़ जिस से लुतफ़ ना उठा या जा सके तो ये कहावत कहते हैं

मुफ़्लिसी बरसना

ग़रीबी या बदहाली का इज़हार होना, नादारी ज़ाहिर होना

मुफ़्लिसी सब बहार खोती है, मर्द का ए'तिबार खोती है

ग़रीबी में जीवन का कोई मज़ा नहीं आदमी अविश्वस्त हो जाता है

मुफ़्लिसी का रोना रोना

हर समय ग़रीबी की बातें करना, ग़रीबी का ढोल पीटना

मुफ़्लिसी में आटा गीला करना

नादारी में ज़्यादा ख़र्च करना, ग़ुर्बत में बुला ज़रूरत ज़्यादा ख़र्च करा देना

मुफ़्लिसी में बसर करना

ग़ुर्बत में गुज़ारा करना, बुरे हॉलों बसर करना

मुफ़्लिसी में आटा गीला

ग़रीबी में अधिक ख़र्च होना, निर्धनता की स्थिति में ऐसे ख़र्चे पेश आना जिससे छुटकारा कठिन हो

मुफ़्लिसी और फ़ाल्से का शर्बत

ग़रीब का फुज़ूलखर्ची करना, लँगोटी में फाग, मुफ़लिसी में अमीरों की सी आदतें

जुवारी हमेशा मुफ़्लिस

जुआ खेलने वाला हमेशा कंगाल रहता है

'आली हिम्मत सदा मुफ़्लिस

दानी और ख़र्चीले व्यक्ति के पास कुछ नहीं रहता

रास्त-गो मुफ़्लिस मज्लिस में झूटा

ग़रीब आदमी यदि सच भी बोले तो उसे झूट समझा जाता है अथवा 'अदालत में झूटा माना जाता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में अफ़ीम या खाए अमीर या खाए फ़क़ीर के अर्थदेखिए

अफ़ीम या खाए अमीर या खाए फ़क़ीर

afiim yaa khaa.e amiir yaa khaa.e faqiirافیم یا کھائے امیر یا کھائے فقیر

अथवा : अफ़ीम खाए फ़क़ीर या खाए अमीर

कहावत

अफ़ीम या खाए अमीर या खाए फ़क़ीर के हिंदी अर्थ

  • अमीरों को शौक़ से या आदत के तौर पर अफ़ीम खाने के लिए रुपए की कमी नहीं और फ़क़ीर को माँग कर खा लेने में लाज नहीं होती
  • अफ़ीम आदमी को बेकार बना देती है, इललिए उसे अमीर या फ़क़ीर ही उपयोग कर सकता है

افیم یا کھائے امیر یا کھائے فقیر کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • امیروں کو شوقیہ یا عادۃً افیون کھانے کے لیے روپیے کی کمی نہیں اور فقیر کو مانگ کر کھا لینے میں عار نہیں ہوتی
  • افیم انسان کو نکما بنا دیتی ہے، اس لیے اسے امیر یا فقیر ہی استعمال کر سکتا ہے

Urdu meaning of afiim yaa khaa.e amiir yaa khaa.e faqiir

  • Roman
  • Urdu

  • amiiro.n ko shaukiyaa ya aadan afyuun khaane ke li.e ropii.e kii kamii nahii.n aur faqiir ko maang kar kha lene me.n aar nahii.n hotii
  • afiim insaan ko nikammaa banaa detii hai, is li.e use amiir ya faqiir hii istimaal kar saktaa hai

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मुफ़्लिस

ऐसा व्यक्ति जिसके पास कुछ भी धन-संपत्ति न हो, जिस के पास पैसा और माल न हो, धनहीन, दरिद्र, निर्धन, ग़रीब, ख़ाली हाथ

मुफ़्लिस का माल

۔غریب کا مال۔(کنایۃً) ایسا مال جو ارداں فروخت ہو اور جس کو کوئی نہ پوچھے۔؎

मुफ़्लिस और फ़ाल्से का शर्बत

रुक : मुफ़लिस और हॉट की सैर

मुफ़्लिसी-आटा-गीला

۔مثل۔ مفلسی میں ایسے مصارف کاپیش آنا جن سے گریز نہ ہو۔مفلسی میں نقصان ہونے کے موقع پر بولتے ہیں۔؎

मुफ़्लिस होना

बहुत ग़रीब होना, कंगाल होना

मुफ़्लिस का माल है

सस्ता सामान है, कौड़ियों के मोल है, सस्ता सामान है (विक्रेताओं की आवाज़) ख़रीदार सस्ता समझ कर ख़रीद लें

मुफ़्लिस हमेशा ख़्वार

निर्धन व्यक्ति सदैव अपमानित होता है

मुफ़्लिस और हाट की सैर

ग़रीब का फुज़ूलखर्ची करना, लँगोटी में फाग खेलना, मुफ़लिसी में अमीरों की सी आदतें

मुफ़्लिस से सवाल हराम हे

निर्धन अथवा मजबूर को किसी तरह का दुख देना ठीक नहीं

मुफ़्लिसाना

ग़रीबों की तरह, निर्धनों के जैसा, कंगालों की प्रकार, कंगाल

मुफ़्लिसी-ज़दा

ग़रीबी से परेशान, ग़रीब बेचारा, आश्रित, कंगाल, फ़क़ीर

मुफ़्लिसी और हाट की सैर

ग़रीब का फुज़ूलख़र्ची करना, लँगोटी में फाक

मुफ़्लिस करना

ग़रीब कर देना, मुहताज बना देना, कौड़ी पास न छोड़ना, लूट कर खा जाना

मुफ़्लिस का चराग़ रौशन नहीं होता

ग़रीब के पास चिराग़ जलाने के लिए भी कुछ नहीं होता, ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है

मुफ़्लिसी

मुफ़्लिस होने की अवस्था या भाव, दरिद्रता, निर्धनता, कंगाली, ग़रीबी

मुफ़्लिस तू ख़ुश कि ज़र न दारी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) ए मुफ़लिस तू ही अच्छा है कि दौलत नहीं रखता, यानी दौलत के झगड़ों से तुझे नजात है

मुफ़्लिसी में खोटा पैसा काम आता है

ज़रूरत पर वो चीज़ भी काम आती है जिसे आदमी नाचीज़ समझ कर फेंक देता है, यगाना कैसा ही बुरा क्यों ना हो आड़े वक़्त में ज़रूर मदद है।

मुफ़्लिसी में आटा गीला होना

ग़रीबी में ख़र्चे सामने आना, मुश्किल में फँसना

मुफ़्लिस का चराग़

ग़रीब का चिराग़ जो तेल न होने की वजह से रौशन नहीं होता

मुफ़्लिस की आबरू

अर्थात : ज़रा सी ठेस लगने से ख़राब और बर्बाद हो जाने वाली चीज़, जल्द ही मलिया मेट हो जाने वाली

मुफ़्लिस-कच-धात

(रसायन विज्ञान) ऐसी कच्ची धातु जिससे मूल धातु बहुत कम मात्रा में मिले

मुफ़लिसी में शौक़ निबाहना

निर्धनता में भी विलासितापूर्वक जीवन व्यतीत करना, गरीबी में भी मज़े उड़ाना, तंगदस्ती में रंगरलियां मनाना

मुफ़्लिस बना देना

पैसा बिलकुल भी न छोड़ना, सब कुछ लूट लेना, बेबस बना देना, ग़रीब कर देना, फ़क़ीर बना देना

मुफ़लिसा-बैग

दरिद्र, भूका, कंगाल, बहुत मोहताज पर फबती

मुफ़लिसी आना

ग़रीबी आना, ग़रीब होना, निर्धनता होना

मुफ़्लिस की जोरू सदा नंगी

ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है, ग़रीब के पास कुछ नहीं होता

मुफ़्लिस की जोरू सब की भाबी

ग़रीब की चीज़ को हर कोई हथियाने की कोशिश करता है, ग़रीब की चीज़ पर हर कोई दावा करना शुरू कर देता है

मुफ़्लिसी छाना

नादारी में फँसना, फ़लाकत में गिरफ़्तार होना

मुफ़्लिस की जवानी , जाड़े की चाँदनी यूँ ही जाती है

चीज़ का बे कार और बेफ़ाइदा ज़ाए होना

मुफ़्लिस की जवानी और जाड़ों की चाँदी किस ने देखी

जाड़े की चांदनी से लुतफ़ नहीं उठाया जा सकता, बेफ़ाइदा चीज़ जिस से लुतफ़ ना उठा या जा सके तो ये कहावत कहते हैं

मुफ़्लिसी बरसना

ग़रीबी या बदहाली का इज़हार होना, नादारी ज़ाहिर होना

मुफ़्लिसी सब बहार खोती है, मर्द का ए'तिबार खोती है

ग़रीबी में जीवन का कोई मज़ा नहीं आदमी अविश्वस्त हो जाता है

मुफ़्लिसी का रोना रोना

हर समय ग़रीबी की बातें करना, ग़रीबी का ढोल पीटना

मुफ़्लिसी में आटा गीला करना

नादारी में ज़्यादा ख़र्च करना, ग़ुर्बत में बुला ज़रूरत ज़्यादा ख़र्च करा देना

मुफ़्लिसी में बसर करना

ग़ुर्बत में गुज़ारा करना, बुरे हॉलों बसर करना

मुफ़्लिसी में आटा गीला

ग़रीबी में अधिक ख़र्च होना, निर्धनता की स्थिति में ऐसे ख़र्चे पेश आना जिससे छुटकारा कठिन हो

मुफ़्लिसी और फ़ाल्से का शर्बत

ग़रीब का फुज़ूलखर्ची करना, लँगोटी में फाग, मुफ़लिसी में अमीरों की सी आदतें

जुवारी हमेशा मुफ़्लिस

जुआ खेलने वाला हमेशा कंगाल रहता है

'आली हिम्मत सदा मुफ़्लिस

दानी और ख़र्चीले व्यक्ति के पास कुछ नहीं रहता

रास्त-गो मुफ़्लिस मज्लिस में झूटा

ग़रीब आदमी यदि सच भी बोले तो उसे झूट समझा जाता है अथवा 'अदालत में झूटा माना जाता है

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