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जाते

go, move

जाते-जाते

प्रस्थान के समय

जाते रहना

गुम हो जाना, खोया जाना, ग़ायब हो जाना

आते-जाते

आना-जाना, संयोगवश, अनौपचारिक रूप से

दुनिया जाते देखना

जी में समाना, ख़्याल आना

भागे थोड़ी जाते हैं

निश्चिंत रहें, यह खो नहीं जाएगा, खो जाने का कोई ख़तरा नहीं है

दिन जाते देर नहीं लगती

समय बहुत जल्द बीत जाता है, युग बहुत जल्द पलट जाता है

क्यों मरे जाते हो

۔ کیوں گھبرائے جاتے ہو۔ جلدی کیا ہے۔ ؎

क्या दिन जाते देखे

कोई बहुत समय के बाद आए तो कहते हैं

कान फटे जाते हैं

۔شور و؎غل کی کثرت یا طول طویل باتوں کو سننے سے کانوں کو صدمہ پہنچنے کی جگہ ۔ ؎

गुल की तरह खिले जाते हैं

बहुत ख़ुश हैं

कान उड़े जाते हैं

۔شور و؎غل کی کثرت یا طول طویل باتوں کو سننے سے کانوں کو صدمہ پہنچنے کی جگہ ۔ ؎

सिखाए पूत दरबार नहीं जाते

सिर्फ़ दूसरों के कहने से हिम्मत या हौसला पैदा नहीं होता

सिखाए पूत दकन नहीं जाते

सिर्फ़ दूसरों के कहने से हिम्मत या हौसला पैदा नहीं होता

चोर जाते रहे कि अंधियारी

बुरे स्वभाव वाला अवसर पाते ही बुरे काम करता ही है, जगत के नियम नहीं बदलते

'अक़्ल-ओ-होश जाते रहना

होश ठिकाने पर न रहना, समझ और होश लुप्त हो जाना

पेट के वास्ते परदेस जाते हैं

रोज़ी रोटी के लिए लोग सफ़र करते हैं

घुटने पेट को जाते हैं

हर आदमी अपनों की हिमायत, तरफ़-दारी करता है

आसमान ज़मीन शक़्क़ क्यूँ नहीं हो जाते

کسی سخت صدمے، بے شرمی اور گناہ پر کہا جاتا ہے

बाक़ी हवास भी जाते रहना

कुछ तो पहले ही घबराया हुआ होना कुछ दूसरे की नाराज़गी की कारण से बिलकुल होश न रहना

पूछते पूछते दिल्ली पहुँच जाते हैं

जुस्तजू से मक़सद हासिल होता है

आसमान ज़मीन क्यों नहीं फट जाते

किसी बहुत गहरे दु:ख अथवा बहुत बड़ा पाप हो जाने के अवसर पर बोलते हैं कि धरती-आकाश फट क्यों नहीं जाते अर्थ यह होता है कि प्रलय क्यों नहीं आ जाता (इस लिए कि यह समस्याएँ प्रलय के दिन प्रकट होंगी)

थूक में पकोड़े नहीं तले जाते

मुफ़्त काम नहीं हो सकता

हाए हाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाते

महिज़ हाय हाय करने से या निरी ख़ुशामद से काम नहीं चलता

कान के पर्दे फूटे जाते हैं

۔شور غل سے سماعت میں فرق آنا کی جگہ۔ ؎

होश-ओ-हवास जाते रहना

होश-ओ-हवास ठिकाने न रहना, हवास बाक़ी न रहना, अक़्ल जाती रहना

ऊँघते को सो जाते क्या देर

जिस बात के अस्बाब मौजूद हैं इस को वजूद में आते क्या देर लगती है

निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं जाते

राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता

हिरन धूप में काले हुए जाते हैं

ऐसी शिद्दत की धूप पड़ती है कि हिरन भी काले हुए जाते हैं, बहुत शदीद गर्मी पड़ रही है

बैठे बैठे कुँवें ख़ाली हो जाते हैं

बेकारी में सारी जमा पूँजी समाप्त हो जाती है

कच्चे बाँस जिधर झुकाओ झुक जाते हैं

बच्चों को शुरू में जैसी शिक्षा दी जाती है वे वैसे ही अच्छे या बुरे बन जाते हैं क्योंकि उनकी बुद्धि कोमल होती है, बड़े होने पर सिखाने का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता

हिरन धूप से काले हुए जाते हैं

ऐसी शिद्दत की धूप पड़ती है कि हिरन भी काले हुए जाते हैं, बहुत शदीद गर्मी पड़ रही है

आसमान ज़मीन क्यों नहीं शक़ हो जाते

किस बहुत गहरे दु:ख या बहुत बड़ा पाप हो जाने के अवसर पर बोलते हैं कि धरती-आकाश फट क्यों नहीं जाते अर्थ यह होता है कि प्रलय क्यों नहीं आ जाता (इस लिए कि यह समस्याएँ प्रलय के दिन प्रकट होंगी)

हाथ पाँव राँगा राँगा हुए जाते हैं

۔ہاتھ پاؤںشل ہوکر سرد ہوجانا کی جگہ۔(فقرہ) طبیعت اکتائی ہوئی ہاتھ پاؤں رانگا رانگا ہوئے جاتے ہیں۔

ऊँघते को सो जाते कुछ देर नहीं

जिस बात के अस्बाब मौजूद हैं इस को वजूद में आते क्या देर लगती है

आते जाते में न फँसी तो क्यूँ फँसारे कव्वे

جہاں کوئی عقلمند شخص کسی معاملہ میں پھنس جائے، اور معمولی بچ جائے تو کہتے ہیں

अगले आहल भी जाते रहे

लाभ की आशा में उल्टा हानि उठाया, पहली बनाई सूरत अभी बिगड़ गई

राह जाते

راستہ چلتے وقت، مسافرت کے وقت.

आगे जाते घुटने टूटें पीछे देखते आँखें फूटें

उस अवसर पर प्रयुक्त जहाँ करने में भी नुक़्सान हो और न करने में भी

हाथी के दाँत निकले पीछे अंदर नहीं जाते

रुक : हाथी के निकले हुए दाँत (भी कहीं बैठे हैं) बैठने मुश्किल हैं

मुंडा जोगी और पिसी दवा पहचाने नहीं जाते

सर मुंडे हुए जोगी के रंग-रूप से प्रतीत नहीं होता कि उस का बातिन अर्थात भीतर कैसा है जैसे कि पिसी हुई दवा को देख कर पता नहीं चलता कि क्या चीज़ है

आते का मुँह देखती थी जाते की पीठ

प्रतीक्षा की बेताबी ज़ाहिर करने के अवसर पर प्रयुक्त

पूत कपूत पंगोड़ों में ही पहचाने जाते हैं

बच्चे में शुरू से अच्छे या बुरे होने के आसार पाए जाते हैं

बड़े कड़ाही में तले जाते हैं

बड़े लोगों को अधिक विपदाओं का सामना करना पड़ता है

सोना चाँदी आग ही में परखे जाते हैं

इंसान के औसाफ़-ओ-ख़ूओबयां आफ़त मुसीबत में ज़ाहिर होती हैं

बे बुलाए ख़दा के घर भी नहीं जाते

ایسے موقع پر مستعمل جب یہ کہنا مقصود ہو کہ بے طلب کوئی کسی کے پاس نہیں جاتا.

पूत के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं

signs of future character are visible in childhood, coming events cast their shadow

ज़बान से बेटा बेटी पराए हो जाते हैं

मानव को ज़बान का बड़ा पास रखना चाहिए, बातों से व्यक्ति संतान को भी अपना विरोधी बना लेता है इसलिये ख़्याल रखना चाहिए कि ज़बान से क्या बात निकलती है

आता न छोड़िये , जाते का ग़म न कीजिये

आए तो सब आने दो जाए तो कोई चिंता नहीं

जैसे पीठ दिखाए जाते हो, ख़ुदा तुम्हारा मुँह दिखाए

दुआइया फ़िक़रा, रुख़स्त होते वक़्त जाने वाले से कहते हैं, ख़ुदा तुम्हें फिर यहां लाए

भले दिन जाते देर नहीं लगती, बुरी घड़ियाँ काटे नहीं कटतीं

अच्छे दिन पलक झपकते बीत जाते हैं और दुख का समय लम्बा हो जाता है

पूत के पाँव पालने में ही पहचाने जाते हैं

(किसी किये) बुराई भलाई शुरू ही में आसार से दरयाफ़त करली जाती है, नेक बुख़ती बदबख़ती का हाल बचपन या आग़ाज़ ही में हरकात-ओ-सकनात से खुल जाता है

सख़ी सूम साल भर में बराबर हो जाते हैं

फ़ी्याज़ और दरिया दिल आदमी का बख़शिश-ओ-सख़ावत के ज़रीये और बख़ील आदमी का बेजा सिर्फ़ के बाइस साल भर में हिसाब बराबर हो जाता है, फ़ी्याज़ आदमी का माल सही जगह सिर्फ़ होता है और बख़ील का ग़लत जगह

साल भर में सख़ी शूम बराबर हो जाते हैं

सखी जलद, शिवम देर से ख़र्च करता है, आख़िर में दोनों का ख़र्च बराबर हो जाता है या निकलता है

हगासे लड़के के नथने पहचाने जाते हैं

सूरत से पतली हालत या बुज़दिली ज़ाहिर हो जाती है

ज़्यादा मिठास में कीड़े पड़ जाते हैं

सीमा से अधिक अच्छा स्वभाव हानिकारक होता है, सीमा से अधिक मेल जोल से संबंध बिगड़ जाते हैं

बरस भर में सख़ी और सूम बराबर हो जाते हैं

कंजूसी करने से कोई लाभ नहीं होता, अंत में दानवीर और कंजूस का हिसाब बराबर बराबर हो जाता है

दिन अछे होते हैं तो कंकर जवाहर बन जाते हैं

जब भाग्य अच्छा होता है तो अच्छे काम अपने आप हो जाते हैं

आते का नाम सहजा , जाते का नाम मुक्ता

ना आने की प्रसन्नता और ना जाने का दु:ख, ना आते को रोकना ना जाते को पकड़ना

लड़के के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं

۔ مثل ہونہار لڑکے کے متعلق بولتے ہیں۔ ۳۔معاملے کا انجام ابتدا ہی سے معلوم ہوجاتا ہے۔

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में आते-जाते के अर्थदेखिए

आते-जाते

aate-jaateآتے جاتے

स्रोत: हिंदी

वज़्न : 2222

आते-जाते के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • आना-जाना, संयोगवश, अनौपचारिक रूप से

क्रिया-विशेषण

  • रास्ता तय करते हुए, राह चलते, रास्ते में

शे'र

English meaning of aate-jaate

Adjective

  • on one's way, coming and going, casually, informally, while moving around

Adverb

  • leading the way, in the way

آتے جاتے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

صفت

  • آنا جانا، اتفاقاً، غیر رسمی طور پر

فعل متعلق

  • راستہ طے کرتے ہوئے، راہ چلتے، راستے میں

Urdu meaning of aate-jaate

  • Roman
  • Urdu

  • aanaa jaana, ittifaaqan, Gair rasmii taur par
  • raasta tai karte hu.e, raah chalte, raaste me.n

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जाते

go, move

जाते-जाते

प्रस्थान के समय

जाते रहना

गुम हो जाना, खोया जाना, ग़ायब हो जाना

आते-जाते

आना-जाना, संयोगवश, अनौपचारिक रूप से

दुनिया जाते देखना

जी में समाना, ख़्याल आना

भागे थोड़ी जाते हैं

निश्चिंत रहें, यह खो नहीं जाएगा, खो जाने का कोई ख़तरा नहीं है

दिन जाते देर नहीं लगती

समय बहुत जल्द बीत जाता है, युग बहुत जल्द पलट जाता है

क्यों मरे जाते हो

۔ کیوں گھبرائے جاتے ہو۔ جلدی کیا ہے۔ ؎

क्या दिन जाते देखे

कोई बहुत समय के बाद आए तो कहते हैं

कान फटे जाते हैं

۔شور و؎غل کی کثرت یا طول طویل باتوں کو سننے سے کانوں کو صدمہ پہنچنے کی جگہ ۔ ؎

गुल की तरह खिले जाते हैं

बहुत ख़ुश हैं

कान उड़े जाते हैं

۔شور و؎غل کی کثرت یا طول طویل باتوں کو سننے سے کانوں کو صدمہ پہنچنے کی جگہ ۔ ؎

सिखाए पूत दरबार नहीं जाते

सिर्फ़ दूसरों के कहने से हिम्मत या हौसला पैदा नहीं होता

सिखाए पूत दकन नहीं जाते

सिर्फ़ दूसरों के कहने से हिम्मत या हौसला पैदा नहीं होता

चोर जाते रहे कि अंधियारी

बुरे स्वभाव वाला अवसर पाते ही बुरे काम करता ही है, जगत के नियम नहीं बदलते

'अक़्ल-ओ-होश जाते रहना

होश ठिकाने पर न रहना, समझ और होश लुप्त हो जाना

पेट के वास्ते परदेस जाते हैं

रोज़ी रोटी के लिए लोग सफ़र करते हैं

घुटने पेट को जाते हैं

हर आदमी अपनों की हिमायत, तरफ़-दारी करता है

आसमान ज़मीन शक़्क़ क्यूँ नहीं हो जाते

کسی سخت صدمے، بے شرمی اور گناہ پر کہا جاتا ہے

बाक़ी हवास भी जाते रहना

कुछ तो पहले ही घबराया हुआ होना कुछ दूसरे की नाराज़गी की कारण से बिलकुल होश न रहना

पूछते पूछते दिल्ली पहुँच जाते हैं

जुस्तजू से मक़सद हासिल होता है

आसमान ज़मीन क्यों नहीं फट जाते

किसी बहुत गहरे दु:ख अथवा बहुत बड़ा पाप हो जाने के अवसर पर बोलते हैं कि धरती-आकाश फट क्यों नहीं जाते अर्थ यह होता है कि प्रलय क्यों नहीं आ जाता (इस लिए कि यह समस्याएँ प्रलय के दिन प्रकट होंगी)

थूक में पकोड़े नहीं तले जाते

मुफ़्त काम नहीं हो सकता

हाए हाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाते

महिज़ हाय हाय करने से या निरी ख़ुशामद से काम नहीं चलता

कान के पर्दे फूटे जाते हैं

۔شور غل سے سماعت میں فرق آنا کی جگہ۔ ؎

होश-ओ-हवास जाते रहना

होश-ओ-हवास ठिकाने न रहना, हवास बाक़ी न रहना, अक़्ल जाती रहना

ऊँघते को सो जाते क्या देर

जिस बात के अस्बाब मौजूद हैं इस को वजूद में आते क्या देर लगती है

निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं जाते

राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता

हिरन धूप में काले हुए जाते हैं

ऐसी शिद्दत की धूप पड़ती है कि हिरन भी काले हुए जाते हैं, बहुत शदीद गर्मी पड़ रही है

बैठे बैठे कुँवें ख़ाली हो जाते हैं

बेकारी में सारी जमा पूँजी समाप्त हो जाती है

कच्चे बाँस जिधर झुकाओ झुक जाते हैं

बच्चों को शुरू में जैसी शिक्षा दी जाती है वे वैसे ही अच्छे या बुरे बन जाते हैं क्योंकि उनकी बुद्धि कोमल होती है, बड़े होने पर सिखाने का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता

हिरन धूप से काले हुए जाते हैं

ऐसी शिद्दत की धूप पड़ती है कि हिरन भी काले हुए जाते हैं, बहुत शदीद गर्मी पड़ रही है

आसमान ज़मीन क्यों नहीं शक़ हो जाते

किस बहुत गहरे दु:ख या बहुत बड़ा पाप हो जाने के अवसर पर बोलते हैं कि धरती-आकाश फट क्यों नहीं जाते अर्थ यह होता है कि प्रलय क्यों नहीं आ जाता (इस लिए कि यह समस्याएँ प्रलय के दिन प्रकट होंगी)

हाथ पाँव राँगा राँगा हुए जाते हैं

۔ہاتھ پاؤںشل ہوکر سرد ہوجانا کی جگہ۔(فقرہ) طبیعت اکتائی ہوئی ہاتھ پاؤں رانگا رانگا ہوئے جاتے ہیں۔

ऊँघते को सो जाते कुछ देर नहीं

जिस बात के अस्बाब मौजूद हैं इस को वजूद में आते क्या देर लगती है

आते जाते में न फँसी तो क्यूँ फँसारे कव्वे

جہاں کوئی عقلمند شخص کسی معاملہ میں پھنس جائے، اور معمولی بچ جائے تو کہتے ہیں

अगले आहल भी जाते रहे

लाभ की आशा में उल्टा हानि उठाया, पहली बनाई सूरत अभी बिगड़ गई

राह जाते

راستہ چلتے وقت، مسافرت کے وقت.

आगे जाते घुटने टूटें पीछे देखते आँखें फूटें

उस अवसर पर प्रयुक्त जहाँ करने में भी नुक़्सान हो और न करने में भी

हाथी के दाँत निकले पीछे अंदर नहीं जाते

रुक : हाथी के निकले हुए दाँत (भी कहीं बैठे हैं) बैठने मुश्किल हैं

मुंडा जोगी और पिसी दवा पहचाने नहीं जाते

सर मुंडे हुए जोगी के रंग-रूप से प्रतीत नहीं होता कि उस का बातिन अर्थात भीतर कैसा है जैसे कि पिसी हुई दवा को देख कर पता नहीं चलता कि क्या चीज़ है

आते का मुँह देखती थी जाते की पीठ

प्रतीक्षा की बेताबी ज़ाहिर करने के अवसर पर प्रयुक्त

पूत कपूत पंगोड़ों में ही पहचाने जाते हैं

बच्चे में शुरू से अच्छे या बुरे होने के आसार पाए जाते हैं

बड़े कड़ाही में तले जाते हैं

बड़े लोगों को अधिक विपदाओं का सामना करना पड़ता है

सोना चाँदी आग ही में परखे जाते हैं

इंसान के औसाफ़-ओ-ख़ूओबयां आफ़त मुसीबत में ज़ाहिर होती हैं

बे बुलाए ख़दा के घर भी नहीं जाते

ایسے موقع پر مستعمل جب یہ کہنا مقصود ہو کہ بے طلب کوئی کسی کے پاس نہیں جاتا.

पूत के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं

signs of future character are visible in childhood, coming events cast their shadow

ज़बान से बेटा बेटी पराए हो जाते हैं

मानव को ज़बान का बड़ा पास रखना चाहिए, बातों से व्यक्ति संतान को भी अपना विरोधी बना लेता है इसलिये ख़्याल रखना चाहिए कि ज़बान से क्या बात निकलती है

आता न छोड़िये , जाते का ग़म न कीजिये

आए तो सब आने दो जाए तो कोई चिंता नहीं

जैसे पीठ दिखाए जाते हो, ख़ुदा तुम्हारा मुँह दिखाए

दुआइया फ़िक़रा, रुख़स्त होते वक़्त जाने वाले से कहते हैं, ख़ुदा तुम्हें फिर यहां लाए

भले दिन जाते देर नहीं लगती, बुरी घड़ियाँ काटे नहीं कटतीं

अच्छे दिन पलक झपकते बीत जाते हैं और दुख का समय लम्बा हो जाता है

पूत के पाँव पालने में ही पहचाने जाते हैं

(किसी किये) बुराई भलाई शुरू ही में आसार से दरयाफ़त करली जाती है, नेक बुख़ती बदबख़ती का हाल बचपन या आग़ाज़ ही में हरकात-ओ-सकनात से खुल जाता है

सख़ी सूम साल भर में बराबर हो जाते हैं

फ़ी्याज़ और दरिया दिल आदमी का बख़शिश-ओ-सख़ावत के ज़रीये और बख़ील आदमी का बेजा सिर्फ़ के बाइस साल भर में हिसाब बराबर हो जाता है, फ़ी्याज़ आदमी का माल सही जगह सिर्फ़ होता है और बख़ील का ग़लत जगह

साल भर में सख़ी शूम बराबर हो जाते हैं

सखी जलद, शिवम देर से ख़र्च करता है, आख़िर में दोनों का ख़र्च बराबर हो जाता है या निकलता है

हगासे लड़के के नथने पहचाने जाते हैं

सूरत से पतली हालत या बुज़दिली ज़ाहिर हो जाती है

ज़्यादा मिठास में कीड़े पड़ जाते हैं

सीमा से अधिक अच्छा स्वभाव हानिकारक होता है, सीमा से अधिक मेल जोल से संबंध बिगड़ जाते हैं

बरस भर में सख़ी और सूम बराबर हो जाते हैं

कंजूसी करने से कोई लाभ नहीं होता, अंत में दानवीर और कंजूस का हिसाब बराबर बराबर हो जाता है

दिन अछे होते हैं तो कंकर जवाहर बन जाते हैं

जब भाग्य अच्छा होता है तो अच्छे काम अपने आप हो जाते हैं

आते का नाम सहजा , जाते का नाम मुक्ता

ना आने की प्रसन्नता और ना जाने का दु:ख, ना आते को रोकना ना जाते को पकड़ना

लड़के के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं

۔ مثل ہونہار لڑکے کے متعلق بولتے ہیں۔ ۳۔معاملے کا انجام ابتدا ہی سے معلوم ہوجاتا ہے۔

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