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डर डर के

भय से, हिचकिचाहट से, डरते हुए, भयपूर्वक, हिचकिचाते हुए, दुविधा से

दर-दर की भीक मँगवाना

दरवाज़े-दरवाज़े सवाल करवाना, हर किसी के आगे हाथ फैलाना, तबाह और बर्बाद करवाना, ज़लील और रुस्वा कराना

दर-दर की ठोकरें खाना

दर दर ठोकरें खिल (रुक) का लाज़िम

डर के

in fear, in alarm

डर के मारे

ख़ौफ़ से, भय के कारण

अपने नैन गंवाय के दर-दर माँगे भीख

अपनी वस्तु लापरवाही से खो कर दूसरों पर निर्भर होना, अपनी वस्तु खो कर दूसरों से माँगना

अपने नैन गंवा के दर-दर माँगे भीक

अपनी वस्तु लापरवाही से खो कर दूसरों पर निर्भर होना, अपनी वस्तु खो कर दूसरों से माँगना

अपना लाल गँवाए के दर दर माँगे भीक

अपनी पूंजी नष्ट करके कंगाल फिरता है

कर तो डर नहीं , ख़ुदा के ग़ज़ब से डर

रुक : कर तो डर ना कर तो डर

कर तो डर न , कर तो ख़ुदा के ग़ज़ब से डर

रुक : कर तो तोड़ ना कर तो डर

नोश के बा'द नेश दर मेश

हर ख़ुशी के बाद रंज है , हर ख़ुशी के बाद रंज लगा हुआ है

नोश के बा'द पेश दर पेश

۔مثل ۔ ہر خوشی کے بعد رنج لگا ہوا ہے۔

दर-आमद बर-आमद के दिन

وہ زمانہ جب ایک فصل آ رہی ہو اور دُوسری جا رہو ہو ، موسم بدلنے کے دن تداخل فصلیں کا زمانہ

आँखों के रास्ते दिल में दर आना

नज़रों में समा के दिल पर प्रभाव डालना

पके आम के टपकने का डर

۔ مثل۔ سِن رسیدہ آدمی کی زندگی کا اعتبار نہیں۔

आम के टपकने का डर है

बूढ़े आदमी की मौत का हर समय ख़तरा, बड़ी उम्र के आदमी की जीवन का भरोसा नहीं

घर के हुए न दर के

कहीं के न रहे

पक्के आम के टपकने का डर

बूढ़े आदमी की मौत का हर समय ख़तरा, बड़ी उम्र के आदमी की जीवन का भरोसा नहीं

घर के रहे न दर के

घर का रहना न बाहर का, कहीं का न रहना

चिल्वों के दर से कथरी नहीं छोड़ी जाती

किसी के ख़ौफ़ से तर्क मस्कन नहीं होसकता, ग़ैर के लिए अपनों से नहीं बिगाड़ी जाती

जूँ के डर से गुद्ड़ी नहीं फेंकी जाती

साधारण सी तकलीफ़ के कारण बड़ा मतलब नहीं छोड़ा जाता

जूओं के डर से गुद्ड़ी नहीं फेंकी जाती

साधारण सी तकलीफ़ के कारण बड़ा मतलब नहीं छोड़ा जाता

सावन के रपटे और हाकिम के डपटे का कुछ डर नहीं

सावन में फिसलने और हाकिम के डाँटने की कुछ परवाह नहीं करनी चाहिये

कर तो कर नहीं तो ख़ुदा के ग़ज़ब से डर

۔مثل۔ جب کسی بے گناہ پر کوئی الزام ہو تو یہ مثل بولتےہیں۔ یعنی خدا تعالیٰ سے ہر وقت پناہ مانگنا چاہئے۔

कर तो कर , नहीं तो ख़ुदा के ग़ज़ब से डर

रुक : कर तो डरना तो डर

पक्के आम के टपकने का डर रहता है

बूढ़े आदमी की मौत का हर समय ख़तरा, बड़ी उम्र के आदमी की जीवन का भरोसा नहीं

रोटी ही के कार ने दर दर माँगें भीक , रोटी ही के वास्ते करें कार सब ठीक

रोटी की ख़ातिर भीक मांगते फिरते हैं और रोटी ही के लिए नौकरी करते हैं

देख जगत और सामत डर और मत रो, बिना हुक्म भगवान के बाल न बेका हो

दुनिया के दुख की परवाह नहीं करनी चाहिए क्यूँकि बिना ईश्वर की आज्ञा के कुछ नहीं होता

दूध के रिश्ता-दार

رک : دودھ شریک.

देख जगत में औ दसा मत डर और मत रो, बिना हुक्म भगवान के बाल न बाँका हो

दुनिया के दुख की परवाह नहीं करनी चाहिए क्यूँकि बिना ईश्वर की आज्ञा के कुछ नहीं होता

दौड़ दौड़ के

بار بار جاکر، دلچسپی دِکھا کر، جلدی جلدی، پُھرتی کے ساتھ.

लाट साहिब के दफ़्तर का दार-उल-इंशा

رک : لاٹ صاحب کا دفتر ، سیکریٹریٹ .

दूर-दूर का वास्ता न होना

पूर्ण रूप से संबंध न होना, पूरी तरह से असंबद्ध होना

दूर-दूर की 'अलैक सलैक

दुआ सलाम, मामूली जान पहचान, कम मेल जोल

दूर-दूर की कहना

शेर या काव्य में उँचे विचारों की रचना करना, ऊँची उड़ान करना

हया-दार के लिए ऐक चुल्लू काफ़ी है

स्वाभिमान जगाने के लिए कहते हैं

घर में घर, लड़ाई का डर

यदि एक घर में दूसरा घर बना दिया जाए तो सदैव लड़ाई झगड़ा बना रहता है, यदि एक ही घर में दो परिवार रहते हों तो उन में लड़ाई का भय रहता है

जहाँ डर, वहाँ मर्दों का घर

बहादुरों या मर्दों को अपनी जान का डर नहीं होता, डर और ख़तरे की चिंता नहीं करते

गूदड़ का डर

फटा पुराना कपड़ा, चीथड़े गोदड़े

हर कि रा ज़र दर तराज़ूस्त ज़ोर दर बाज़ूस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस के पास ज़र है इस के पास ज़ोर भी है, जिस के पास पैसा है वो ताक़तवर है

दौड़-दौड़ के जाना

शौक़ और ललक के साथ बार बार जाना, घड़ी घड़ी जाना, बेचैन होकर अधीरता दिखाना

'इल्म दर सीना बायद न कि दर सफ़ीना

ज्ञान तो मनुष्य के हृदय में होना चाहिए न कि किताबों में, विद्या सीखनी चाहिए

रोज़ी का मारा दर दर रोए, पूत का मारा बैठ कर रोए

बेकारी का दुख प्रियजन की मृत्यु से अधिक होता है

'आशिक़ी और मामूँ जी का डर

प्यार करने वाले, प्यार में फँसना

सय्याँ भए कोतवाल अब डर काहे का

क़रीबी रिश्तेदार के अधिकारी या शक्तिशाली होने के अवसर पर बोला जाता है

शौक़ दर हर-दिल कि बाशद रहबरे दरकार नेस्त

फ़ारसी की कहावत उर्दू में प्रयुक्त, जिसको जिस चीज़ की रुचि होगी वो बिना किसी के बताए उसे सीखेगा रुचि वाले को मार्गदर्शक की आवश्यक्ता नहीं

'इल्म दर सीना न कि दर सफ़ीना

ज्ञान तो मनुष्य के हृदय में होना चाहिए न कि किताबों में, विद्या सीखनी चाहिए

'इज़्ज़त का डर

آبرو جانے کا خوف ، بدنامی کا اندیشہ .

सैंय्याँ भए कुतवाल अब डर काहे का

रुक : सी्यां भए कुतवाल अब डर किया है

'आशिक़ी और ख़ाला जी का डर

प्यार करने वाले, प्यार में फँसना

क़ुदरत के यहाँ देर है अंधेर नहीं

ख़ुदा के यहाँ देर है अंधेर नहीं

रिज़्क़ का दर बंद

आजीविका का साधन समाप्त करना, रोज़गार का माध्यम समाप्त करना

'आशिक़ी और मामा जी कर डर

कोई बात करना हो तो इस बात की परवाह नहीं करना चाहिए कि कोई आपत्ति जताएगा

दिल में नहीं डर तो सब की पगड़ी अपने सर

यदि दिल में किसी बात का डर नहीं तो आदमी किसी की परवाह नहीं करता, दिल में भय या सम्मान न हो तो मनुष्य निर्भय एवं धृष्ट हो जाता है

काजल की कोठरी में धब्बे का डर

नुक़्सान या अपमान के स्थान पर हमेशा नुक़्सान या अपमान का भय होता है

अल्लाह के यहाँ देर है अंधेर नहीं है

देर-सवेर कर्मों का फल अवश्य मिलता है

हर कि दर कान-ए-नमक रफ़्त नमक शुद

का दर कान-ए-नमक रफत नमक शुद

'अदालत का दर खुलना

कचहरी लगना, मुक़दमों की सुनवाई के लिए न्यायालय का दुवार खुलना

रिज़्क़ का दर खोलना

ज़रिया-ए-मआश मुहय्या करना, रोज़ी का वसीला पैदा करना

हर चीज़ कि दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) रुक : हर चह दर कान-ए-नमक अलख

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में 'आलिम-फ़ाज़िल के अर्थदेखिए

'आलिम-फ़ाज़िल

'aalim-faazilعالِم فاضِل

स्रोत: अरबी

वज़्न : 2222

'आलिम-फ़ाज़िल के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • विद्वान, निष्णात, जानने वाला, बहुत पढ़ा लिखा आदमी

English meaning of 'aalim-faazil

Adjective

  • scholarly, erudite, very learned

عالِم فاضِل کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

صفت

  • علم و فضیلت والا، بہت پڑھا لکھا آدمی

Urdu meaning of 'aalim-faazil

  • Roman
  • Urdu

  • ilam-o-faziilat vaala, bahut pa.Dhaa likhaa aadamii

खोजे गए शब्द से संबंधित

डर डर के

भय से, हिचकिचाहट से, डरते हुए, भयपूर्वक, हिचकिचाते हुए, दुविधा से

दर-दर की भीक मँगवाना

दरवाज़े-दरवाज़े सवाल करवाना, हर किसी के आगे हाथ फैलाना, तबाह और बर्बाद करवाना, ज़लील और रुस्वा कराना

दर-दर की ठोकरें खाना

दर दर ठोकरें खिल (रुक) का लाज़िम

डर के

in fear, in alarm

डर के मारे

ख़ौफ़ से, भय के कारण

अपने नैन गंवाय के दर-दर माँगे भीख

अपनी वस्तु लापरवाही से खो कर दूसरों पर निर्भर होना, अपनी वस्तु खो कर दूसरों से माँगना

अपने नैन गंवा के दर-दर माँगे भीक

अपनी वस्तु लापरवाही से खो कर दूसरों पर निर्भर होना, अपनी वस्तु खो कर दूसरों से माँगना

अपना लाल गँवाए के दर दर माँगे भीक

अपनी पूंजी नष्ट करके कंगाल फिरता है

कर तो डर नहीं , ख़ुदा के ग़ज़ब से डर

रुक : कर तो डर ना कर तो डर

कर तो डर न , कर तो ख़ुदा के ग़ज़ब से डर

रुक : कर तो तोड़ ना कर तो डर

नोश के बा'द नेश दर मेश

हर ख़ुशी के बाद रंज है , हर ख़ुशी के बाद रंज लगा हुआ है

नोश के बा'द पेश दर पेश

۔مثل ۔ ہر خوشی کے بعد رنج لگا ہوا ہے۔

दर-आमद बर-आमद के दिन

وہ زمانہ جب ایک فصل آ رہی ہو اور دُوسری جا رہو ہو ، موسم بدلنے کے دن تداخل فصلیں کا زمانہ

आँखों के रास्ते दिल में दर आना

नज़रों में समा के दिल पर प्रभाव डालना

पके आम के टपकने का डर

۔ مثل۔ سِن رسیدہ آدمی کی زندگی کا اعتبار نہیں۔

आम के टपकने का डर है

बूढ़े आदमी की मौत का हर समय ख़तरा, बड़ी उम्र के आदमी की जीवन का भरोसा नहीं

घर के हुए न दर के

कहीं के न रहे

पक्के आम के टपकने का डर

बूढ़े आदमी की मौत का हर समय ख़तरा, बड़ी उम्र के आदमी की जीवन का भरोसा नहीं

घर के रहे न दर के

घर का रहना न बाहर का, कहीं का न रहना

चिल्वों के दर से कथरी नहीं छोड़ी जाती

किसी के ख़ौफ़ से तर्क मस्कन नहीं होसकता, ग़ैर के लिए अपनों से नहीं बिगाड़ी जाती

जूँ के डर से गुद्ड़ी नहीं फेंकी जाती

साधारण सी तकलीफ़ के कारण बड़ा मतलब नहीं छोड़ा जाता

जूओं के डर से गुद्ड़ी नहीं फेंकी जाती

साधारण सी तकलीफ़ के कारण बड़ा मतलब नहीं छोड़ा जाता

सावन के रपटे और हाकिम के डपटे का कुछ डर नहीं

सावन में फिसलने और हाकिम के डाँटने की कुछ परवाह नहीं करनी चाहिये

कर तो कर नहीं तो ख़ुदा के ग़ज़ब से डर

۔مثل۔ جب کسی بے گناہ پر کوئی الزام ہو تو یہ مثل بولتےہیں۔ یعنی خدا تعالیٰ سے ہر وقت پناہ مانگنا چاہئے۔

कर तो कर , नहीं तो ख़ुदा के ग़ज़ब से डर

रुक : कर तो डरना तो डर

पक्के आम के टपकने का डर रहता है

बूढ़े आदमी की मौत का हर समय ख़तरा, बड़ी उम्र के आदमी की जीवन का भरोसा नहीं

रोटी ही के कार ने दर दर माँगें भीक , रोटी ही के वास्ते करें कार सब ठीक

रोटी की ख़ातिर भीक मांगते फिरते हैं और रोटी ही के लिए नौकरी करते हैं

देख जगत और सामत डर और मत रो, बिना हुक्म भगवान के बाल न बेका हो

दुनिया के दुख की परवाह नहीं करनी चाहिए क्यूँकि बिना ईश्वर की आज्ञा के कुछ नहीं होता

दूध के रिश्ता-दार

رک : دودھ شریک.

देख जगत में औ दसा मत डर और मत रो, बिना हुक्म भगवान के बाल न बाँका हो

दुनिया के दुख की परवाह नहीं करनी चाहिए क्यूँकि बिना ईश्वर की आज्ञा के कुछ नहीं होता

दौड़ दौड़ के

بار بار جاکر، دلچسپی دِکھا کر، جلدی جلدی، پُھرتی کے ساتھ.

लाट साहिब के दफ़्तर का दार-उल-इंशा

رک : لاٹ صاحب کا دفتر ، سیکریٹریٹ .

दूर-दूर का वास्ता न होना

पूर्ण रूप से संबंध न होना, पूरी तरह से असंबद्ध होना

दूर-दूर की 'अलैक सलैक

दुआ सलाम, मामूली जान पहचान, कम मेल जोल

दूर-दूर की कहना

शेर या काव्य में उँचे विचारों की रचना करना, ऊँची उड़ान करना

हया-दार के लिए ऐक चुल्लू काफ़ी है

स्वाभिमान जगाने के लिए कहते हैं

घर में घर, लड़ाई का डर

यदि एक घर में दूसरा घर बना दिया जाए तो सदैव लड़ाई झगड़ा बना रहता है, यदि एक ही घर में दो परिवार रहते हों तो उन में लड़ाई का भय रहता है

जहाँ डर, वहाँ मर्दों का घर

बहादुरों या मर्दों को अपनी जान का डर नहीं होता, डर और ख़तरे की चिंता नहीं करते

गूदड़ का डर

फटा पुराना कपड़ा, चीथड़े गोदड़े

हर कि रा ज़र दर तराज़ूस्त ज़ोर दर बाज़ूस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस के पास ज़र है इस के पास ज़ोर भी है, जिस के पास पैसा है वो ताक़तवर है

दौड़-दौड़ के जाना

शौक़ और ललक के साथ बार बार जाना, घड़ी घड़ी जाना, बेचैन होकर अधीरता दिखाना

'इल्म दर सीना बायद न कि दर सफ़ीना

ज्ञान तो मनुष्य के हृदय में होना चाहिए न कि किताबों में, विद्या सीखनी चाहिए

रोज़ी का मारा दर दर रोए, पूत का मारा बैठ कर रोए

बेकारी का दुख प्रियजन की मृत्यु से अधिक होता है

'आशिक़ी और मामूँ जी का डर

प्यार करने वाले, प्यार में फँसना

सय्याँ भए कोतवाल अब डर काहे का

क़रीबी रिश्तेदार के अधिकारी या शक्तिशाली होने के अवसर पर बोला जाता है

शौक़ दर हर-दिल कि बाशद रहबरे दरकार नेस्त

फ़ारसी की कहावत उर्दू में प्रयुक्त, जिसको जिस चीज़ की रुचि होगी वो बिना किसी के बताए उसे सीखेगा रुचि वाले को मार्गदर्शक की आवश्यक्ता नहीं

'इल्म दर सीना न कि दर सफ़ीना

ज्ञान तो मनुष्य के हृदय में होना चाहिए न कि किताबों में, विद्या सीखनी चाहिए

'इज़्ज़त का डर

آبرو جانے کا خوف ، بدنامی کا اندیشہ .

सैंय्याँ भए कुतवाल अब डर काहे का

रुक : सी्यां भए कुतवाल अब डर किया है

'आशिक़ी और ख़ाला जी का डर

प्यार करने वाले, प्यार में फँसना

क़ुदरत के यहाँ देर है अंधेर नहीं

ख़ुदा के यहाँ देर है अंधेर नहीं

रिज़्क़ का दर बंद

आजीविका का साधन समाप्त करना, रोज़गार का माध्यम समाप्त करना

'आशिक़ी और मामा जी कर डर

कोई बात करना हो तो इस बात की परवाह नहीं करना चाहिए कि कोई आपत्ति जताएगा

दिल में नहीं डर तो सब की पगड़ी अपने सर

यदि दिल में किसी बात का डर नहीं तो आदमी किसी की परवाह नहीं करता, दिल में भय या सम्मान न हो तो मनुष्य निर्भय एवं धृष्ट हो जाता है

काजल की कोठरी में धब्बे का डर

नुक़्सान या अपमान के स्थान पर हमेशा नुक़्सान या अपमान का भय होता है

अल्लाह के यहाँ देर है अंधेर नहीं है

देर-सवेर कर्मों का फल अवश्य मिलता है

हर कि दर कान-ए-नमक रफ़्त नमक शुद

का दर कान-ए-नमक रफत नमक शुद

'अदालत का दर खुलना

कचहरी लगना, मुक़दमों की सुनवाई के लिए न्यायालय का दुवार खुलना

रिज़्क़ का दर खोलना

ज़रिया-ए-मआश मुहय्या करना, रोज़ी का वसीला पैदा करना

हर चीज़ कि दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) रुक : हर चह दर कान-ए-नमक अलख

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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