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"आग और बैरी को कम न समझे" शब्द से संबंधित परिणाम

बैरी

शत्रु, दुश्मन

बेरी

बेर का छोटा वृक्ष। स्त्री० [?] एक में मिली हुई तीसी और सरसों। स्त्री० [हिं० बार-दफा] १. उतना अनाज जितना एक बार चक्की में पीसने के लिए डाला जाता है। २. बेर। दफा। + स्त्री०१. = बेड़ी (पैरों की)। २. बेड़ी (नाव)। उदा०-नाव फाटी प्रभु पाल बाँधो बूड़त है बेरी।-मीराँ।

बीरी

چونا کتھا اور سپاری پڑا ہوا پان کا پیڑا ؛ (پارچہ بافی) ڈر کی (نال) کے بیچ میں لمبائی کے بل وہ چھید جس میں نری بھر کر تاگا نکالا جاتا ہے ؛ لوہے کا وہ چھید دار ٹکڑا جس پر کوئی دوسرا لوہا رکھ کر لوہار چھید کرتے ہیں ؛ کان میں پہننے کا ایک زیور جسے ترنا بھی کہتے ہیں ؛ منجن ، مسی

बैर्या

رک : بَیری (۱).

बैरियम

चाँदी के रंग की एक सफ़ेद

बेरीज़

a kind of state tax

बैरी का बोल, बसूले का छोल

शत्रु की फब्तियाँ बसूली की तरह कलेजे को छीलती हैं अर्थात बुहत दुखदायी होते हैं

बैरी से बच, प्यारे से रच

दुश्मन से बच कर अर्थात दूर रहना चाहिए और शुभेच्छुओं से मिल कर रहना चाहिए

बेरियाँ

berries

जग-बैरी होना

सारी दुनिया का किसी से शत्रुता होना

सूरज बैरी ग्रहण है और दीपक बैरी पवन, जी का बैरी काल है आवत रोके कौन

सूरज का शत्रु ग्रहण और दिये अर्थात चिराग़ का शत्रु हवा, जान का शत्रु मौत है जब आए तो कोई नहीं रोक सकता

कुत्ते का कुत्ता बैरी

dog bites dog

कुत्ते का बैरी कुत्ता

हमजिंस या आपस वाले ही दुश्मनी करते हैं, अब्नाए जिंस ही एक दूसरे को सताते हैं, आदमी का आदमी दुश्मन है

जान का बैरी

जान का दुश्मन, क़ाबिज़ अरवाह; बदख़्वाह; विरोधी; हासिद

ज़ात का बैरी ज़ात, काठ का बैरी काठ

अपने सगे संबंधी मनुष्य के अधिक दुश्मन होते हैं जिस तरह यदि किसी लोहे के औज़ार के साथ लकड़ी का दस्ता अर्थात बेंट इत्यादि न लगाया जाए तो वो काटता नहीं

न्योता ब्रह्मण बैरी बराबर

ब्रह्मण को किसी काम के लिए बुलाया जाए तो वो जो कुछ उससे हो सकता है लेकर ही पीछा छोड़ता है

घर आए बेरी को भी न मारिए

जो व्यक्ति घर पर आ जाए उस के साथ बुरा व्यवहार नहीं करते, भले ही वह शत्रु क्यों न हो

पक्की बेरी के बेर खाने वाले हैं

बगै़र मेहनत-ओ-मशक़्क़त के गुज़र करने वाले के निसबत बोलते हैं

जहाँ बेरी हो वहाँ पत्थर आते हैं

where the treacle in flies will buzz, proposals for a marriageable girl

शहना छुपा पियाल में, कौन कह के बैरी हो

कोतवाल पियाल में छिपा है कौन कह के दुश्मनी मूल ले (इशारे से, अपना पहलू बचाते हुए या महिज़ हमाक़त से राज़ फ़ाश करना

चातुर तो बैरी भला, मूरख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

झड़-बेरी

जंगली बेर के वृक्ष जो बहुत छोटे-छोटे होते हैं, उक्त वृक्ष के छोटे-छोटे फल

बड़-बेरी

जंगली बेर, जंगली बेरों का पेड़

गध-बेरी

(فیل بانی) آنڈو سے مشابہہ ایک زنجیر جو زورآور اور تیز رفتار ہاتھی کے پان٘و میں اضافہ کی جاتی ہے تا کہ وہ زورآوری نہ کرسکے.

आधे असाढ़ तो बैरी के भी बरसे

आधे असाढ़ में तो बैरी के खेत में भी पानी बरसे, अर्थात ईश्वर सब के साथ समान न्याय करे

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न मीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

हमारी बेरी में भी बेर लगेंगे

कभी हम से भी तुम को काम पड़ेगा

शहना छुपा पियाल में, कौन कह कर बैरी हो

कोतवाल पियाल में छिपा है कौन कह के दुश्मनी मूल ले (इशारे से, अपना पहलू बचाते हुए या महिज़ हमाक़त से राज़ फ़ाश करना

जिसको राखे साइयाँ मार न साके कोय, बाल न बेका कर सके सब जग बैरी होय

ख़ुदा की रक्षा सर्वोपर है

जहाँ बेरी होती है वहाँ पत्थर आते ही हैं

उमूमन ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब लड़की की शादी के पयामोसलाम जगह जगह से आएं

झड़ बेरी का काँटा

झरबेरी का कांटा

पक्की बेरी के बेर खाने वाला

۔ مثل اس سست کم ہمت کے نسبت بولتے ہیں جو بغیر محنت گزر کرے۔

पक्की बेरी तले के बैठने वाले

इस शख़्स की निसबत कहते हैं जो बे मेहनत-ओ-मशक़्क़त अपना पेट पालने का आदी हो गया हो

आग और बैरी को कम न समझे

आग चाहे कितनी ही कम हो और शत्रु कितना ही छोटा हो परंतु इन दोनों को लघुतर नहीं समझना चाहिए, आग के फूँक देने और शत्रु के नुकसान पहुँचाने में देर नहीं लगती

रास-बेरी

तीन चार फ़ुट लंबा एक पेड़ जो उस क्षेत्र में फलता-फूलता है जहाँ ठंड अधिक हो अथवा उसका फल जो खट्टा-मीठा होता है

वक़्त पड़े पर जानिये कौन बैरी कौन मीत

मुसीबत के वक़्त पहचान होती है कि कौन दुश्मन है कौन दोस्त

वक़्त पड़े पर जानिए को बैरी को मीत

मुसीबत के वक़्त पहचान होती है कि कौन दुश्मन है कौन दोस्त

झाड़ भी बनिये का बैरी है

चोर पेड़ के पीछे छुप सकता है इस लिए पेड़ को भी बनिये अर्थात धनवान का शत्रु समझना चाहिए

भाई सा साहू न भाई सा बैरी

भाई से बढ़ कर न मित्र है और न शत्रु

फूल की बैरन धूप, घी का बैरी कूप

धूप से फूल मुरझा जाते हैं और कुप्पे में डालने से घी ख़राब हो जाता है

नीची बेरी सब कोई झौड़े

बेरी जो बुलंद ना हो इस पर हर किसी का हाथ पहुंच जाता है और वो बीर तोड़ लेता है , जब किसी चीज़ से हर कोई फ़ायदा उठाए तो ये मिसल कहते हैं

फूल की बैरन धूप और घी का बैरी कूप

धूप से फूल मुरझा जाते हैं और कुप्पे में डालने से घी ख़राब हो जाता है

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे हो बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

आग लगे कर बैरी , दर्शन मित्र देख भरे सब तन मन

परेशानी में पड़े पर शत्रु प्रसन्न होते हैं और दोस्तों को दुख एवं पछतावा होता है

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे होवे बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

जी का बैरी जी

मनुष्य एक दूसरे को हानि पहुँचाता है, एक जानवर दूसरे को खाता है

अपना के बेरी बीड़ी दूसरे के खीर पूड़ी

अपने घर जो आए उसे पान खिला कर टाल दे और ख़ुद दूसरों के घर जाकर अच्छे खाने खाए

मीत बनाए न बने बैरी सिंह और नाग, जैसे कधे न हो सकें ऐक ठौर जल आग

दुश्मन शेर और साँप दोस्त नहीं बन सकते जिस प्रकार पानी और आग इकट्ठे नहीं हो सकते

जो कोसत बैरी मरे और मन चितवे धन होय, जल माँ घी निकसन लागे तो रूखा खाए न कोय

अगर कोसने से शत्रु मर जाए, इच्छा से धन प्राप्त हो और पानी से घी निकले तो कोई रूखी न खाए

तलवरिया वही भला जो रन में हाथ दिखाए, बैरी के टुकड़े करे और आप तुरत बच जाए

तलवरिया वो है जो लड़ाई में शत्रु का विनाश करे और स्वयं बच जाए

साईं अखियाँ फेरियाँ बैरी मुल्क जहान, टुक इक झाँकी महर दी लक्खाँ करें सलाम

ईश्वर नाराज़ हो तो सारा संसार नाराज़ हो जाता है और यदि मेहरबानी की एक नज़र कर ले तो लाखों सलाम करते हैं

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

छोटी मोटी कामनी सब ही बिस की बेल, बैरी मारे दाँव से ये मारें हँस खेल

स्त्रियों पर व्यंग है

झड़-बेरी के जंगल में बिल्ली शेर

झड़-बेरी के जंगल में काँटों की वजह से बिल्ली को कोई आसानी से पकड़ नहीं सकता

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस चाही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

उत भी तू मत बैठ पियारे जित बैठे हों बैरी सारे

जहाँ शत्रु हों वहाँ रुकना ठीक नहीं है

उत भी तुम मत बैठो प्यारे, जित बैठे हों बैरी सारे

जहाँ शत्रु हों वहाँ रुकना ठीक नहीं है

उत मत रो अपना दुख जा कर जित आवें बैरी उमड कर

शत्रु के आगे अपना दुख प्रकट नहीं करना चाहिए

उत मत रो अपना दुख जा कर, जित आवें बैरी उमड़ा कर

शत्रु के आगे अपना दुख प्रकट नहीं करना चाहिए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में आग और बैरी को कम न समझे के अर्थदेखिए

आग और बैरी को कम न समझे

aag aur bairii ko kam na samjheآگ اور بیری کو کم نہ سمجھے

कहावत

आग और बैरी को कम न समझे के हिंदी अर्थ

  • आग चाहे कितनी ही कम हो और शत्रु कितना ही छोटा हो परंतु इन दोनों को लघुतर नहीं समझना चाहिए, आग के फूँक देने और शत्रु के नुकसान पहुँचाने में देर नहीं लगती
  • आग और बाढ़ के पानी की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए
  • आग और शत्रु, इन दोनों से सतर्क रहो

آگ اور بیری کو کم نہ سمجھے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • آگ چاہے کتنی ہی کم ہو اور دشمن کیسا ہی حقیر ہو مگر ان دونوں کو تھوڑا نہ سمجھنا چاہیئے، آگ کے پھونک دینے اور دشمن کے ضرر پہنچانے میں دیر نہیں لگتی
  • آگ اور باڑھ کے پانی کی خواہش نہیں کرنی چاہیئے
  • آگ اور دشمن، ان دونوں سے ہوشیار رہو

Urdu meaning of aag aur bairii ko kam na samjhe

  • Roman
  • Urdu

  • aag chaahe kitnii hii kam ho aur dushman kaisaa hii haqiir ho magar in dono.n ko tho.Daa na samajhnaa chaahii.e, aag ke phuunk dene aur dushman ke zarar pahunchaane me.n der nahii.n lagtii
  • aag aur baa.Dh ke paanii kii Khaahish nahii.n karnii chaahii.e
  • aag aur dushman, in dono.n se hoshyaar raho

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बैरी

शत्रु, दुश्मन

बेरी

बेर का छोटा वृक्ष। स्त्री० [?] एक में मिली हुई तीसी और सरसों। स्त्री० [हिं० बार-दफा] १. उतना अनाज जितना एक बार चक्की में पीसने के लिए डाला जाता है। २. बेर। दफा। + स्त्री०१. = बेड़ी (पैरों की)। २. बेड़ी (नाव)। उदा०-नाव फाटी प्रभु पाल बाँधो बूड़त है बेरी।-मीराँ।

बीरी

چونا کتھا اور سپاری پڑا ہوا پان کا پیڑا ؛ (پارچہ بافی) ڈر کی (نال) کے بیچ میں لمبائی کے بل وہ چھید جس میں نری بھر کر تاگا نکالا جاتا ہے ؛ لوہے کا وہ چھید دار ٹکڑا جس پر کوئی دوسرا لوہا رکھ کر لوہار چھید کرتے ہیں ؛ کان میں پہننے کا ایک زیور جسے ترنا بھی کہتے ہیں ؛ منجن ، مسی

बैर्या

رک : بَیری (۱).

बैरियम

चाँदी के रंग की एक सफ़ेद

बेरीज़

a kind of state tax

बैरी का बोल, बसूले का छोल

शत्रु की फब्तियाँ बसूली की तरह कलेजे को छीलती हैं अर्थात बुहत दुखदायी होते हैं

बैरी से बच, प्यारे से रच

दुश्मन से बच कर अर्थात दूर रहना चाहिए और शुभेच्छुओं से मिल कर रहना चाहिए

बेरियाँ

berries

जग-बैरी होना

सारी दुनिया का किसी से शत्रुता होना

सूरज बैरी ग्रहण है और दीपक बैरी पवन, जी का बैरी काल है आवत रोके कौन

सूरज का शत्रु ग्रहण और दिये अर्थात चिराग़ का शत्रु हवा, जान का शत्रु मौत है जब आए तो कोई नहीं रोक सकता

कुत्ते का कुत्ता बैरी

dog bites dog

कुत्ते का बैरी कुत्ता

हमजिंस या आपस वाले ही दुश्मनी करते हैं, अब्नाए जिंस ही एक दूसरे को सताते हैं, आदमी का आदमी दुश्मन है

जान का बैरी

जान का दुश्मन, क़ाबिज़ अरवाह; बदख़्वाह; विरोधी; हासिद

ज़ात का बैरी ज़ात, काठ का बैरी काठ

अपने सगे संबंधी मनुष्य के अधिक दुश्मन होते हैं जिस तरह यदि किसी लोहे के औज़ार के साथ लकड़ी का दस्ता अर्थात बेंट इत्यादि न लगाया जाए तो वो काटता नहीं

न्योता ब्रह्मण बैरी बराबर

ब्रह्मण को किसी काम के लिए बुलाया जाए तो वो जो कुछ उससे हो सकता है लेकर ही पीछा छोड़ता है

घर आए बेरी को भी न मारिए

जो व्यक्ति घर पर आ जाए उस के साथ बुरा व्यवहार नहीं करते, भले ही वह शत्रु क्यों न हो

पक्की बेरी के बेर खाने वाले हैं

बगै़र मेहनत-ओ-मशक़्क़त के गुज़र करने वाले के निसबत बोलते हैं

जहाँ बेरी हो वहाँ पत्थर आते हैं

where the treacle in flies will buzz, proposals for a marriageable girl

शहना छुपा पियाल में, कौन कह के बैरी हो

कोतवाल पियाल में छिपा है कौन कह के दुश्मनी मूल ले (इशारे से, अपना पहलू बचाते हुए या महिज़ हमाक़त से राज़ फ़ाश करना

चातुर तो बैरी भला, मूरख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

झड़-बेरी

जंगली बेर के वृक्ष जो बहुत छोटे-छोटे होते हैं, उक्त वृक्ष के छोटे-छोटे फल

बड़-बेरी

जंगली बेर, जंगली बेरों का पेड़

गध-बेरी

(فیل بانی) آنڈو سے مشابہہ ایک زنجیر جو زورآور اور تیز رفتار ہاتھی کے پان٘و میں اضافہ کی جاتی ہے تا کہ وہ زورآوری نہ کرسکے.

आधे असाढ़ तो बैरी के भी बरसे

आधे असाढ़ में तो बैरी के खेत में भी पानी बरसे, अर्थात ईश्वर सब के साथ समान न्याय करे

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न मीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

हमारी बेरी में भी बेर लगेंगे

कभी हम से भी तुम को काम पड़ेगा

शहना छुपा पियाल में, कौन कह कर बैरी हो

कोतवाल पियाल में छिपा है कौन कह के दुश्मनी मूल ले (इशारे से, अपना पहलू बचाते हुए या महिज़ हमाक़त से राज़ फ़ाश करना

जिसको राखे साइयाँ मार न साके कोय, बाल न बेका कर सके सब जग बैरी होय

ख़ुदा की रक्षा सर्वोपर है

जहाँ बेरी होती है वहाँ पत्थर आते ही हैं

उमूमन ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब लड़की की शादी के पयामोसलाम जगह जगह से आएं

झड़ बेरी का काँटा

झरबेरी का कांटा

पक्की बेरी के बेर खाने वाला

۔ مثل اس سست کم ہمت کے نسبت بولتے ہیں جو بغیر محنت گزر کرے۔

पक्की बेरी तले के बैठने वाले

इस शख़्स की निसबत कहते हैं जो बे मेहनत-ओ-मशक़्क़त अपना पेट पालने का आदी हो गया हो

आग और बैरी को कम न समझे

आग चाहे कितनी ही कम हो और शत्रु कितना ही छोटा हो परंतु इन दोनों को लघुतर नहीं समझना चाहिए, आग के फूँक देने और शत्रु के नुकसान पहुँचाने में देर नहीं लगती

रास-बेरी

तीन चार फ़ुट लंबा एक पेड़ जो उस क्षेत्र में फलता-फूलता है जहाँ ठंड अधिक हो अथवा उसका फल जो खट्टा-मीठा होता है

वक़्त पड़े पर जानिये कौन बैरी कौन मीत

मुसीबत के वक़्त पहचान होती है कि कौन दुश्मन है कौन दोस्त

वक़्त पड़े पर जानिए को बैरी को मीत

मुसीबत के वक़्त पहचान होती है कि कौन दुश्मन है कौन दोस्त

झाड़ भी बनिये का बैरी है

चोर पेड़ के पीछे छुप सकता है इस लिए पेड़ को भी बनिये अर्थात धनवान का शत्रु समझना चाहिए

भाई सा साहू न भाई सा बैरी

भाई से बढ़ कर न मित्र है और न शत्रु

फूल की बैरन धूप, घी का बैरी कूप

धूप से फूल मुरझा जाते हैं और कुप्पे में डालने से घी ख़राब हो जाता है

नीची बेरी सब कोई झौड़े

बेरी जो बुलंद ना हो इस पर हर किसी का हाथ पहुंच जाता है और वो बीर तोड़ लेता है , जब किसी चीज़ से हर कोई फ़ायदा उठाए तो ये मिसल कहते हैं

फूल की बैरन धूप और घी का बैरी कूप

धूप से फूल मुरझा जाते हैं और कुप्पे में डालने से घी ख़राब हो जाता है

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे हो बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

आग लगे कर बैरी , दर्शन मित्र देख भरे सब तन मन

परेशानी में पड़े पर शत्रु प्रसन्न होते हैं और दोस्तों को दुख एवं पछतावा होता है

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे होवे बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

जी का बैरी जी

मनुष्य एक दूसरे को हानि पहुँचाता है, एक जानवर दूसरे को खाता है

अपना के बेरी बीड़ी दूसरे के खीर पूड़ी

अपने घर जो आए उसे पान खिला कर टाल दे और ख़ुद दूसरों के घर जाकर अच्छे खाने खाए

मीत बनाए न बने बैरी सिंह और नाग, जैसे कधे न हो सकें ऐक ठौर जल आग

दुश्मन शेर और साँप दोस्त नहीं बन सकते जिस प्रकार पानी और आग इकट्ठे नहीं हो सकते

जो कोसत बैरी मरे और मन चितवे धन होय, जल माँ घी निकसन लागे तो रूखा खाए न कोय

अगर कोसने से शत्रु मर जाए, इच्छा से धन प्राप्त हो और पानी से घी निकले तो कोई रूखी न खाए

तलवरिया वही भला जो रन में हाथ दिखाए, बैरी के टुकड़े करे और आप तुरत बच जाए

तलवरिया वो है जो लड़ाई में शत्रु का विनाश करे और स्वयं बच जाए

साईं अखियाँ फेरियाँ बैरी मुल्क जहान, टुक इक झाँकी महर दी लक्खाँ करें सलाम

ईश्वर नाराज़ हो तो सारा संसार नाराज़ हो जाता है और यदि मेहरबानी की एक नज़र कर ले तो लाखों सलाम करते हैं

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

छोटी मोटी कामनी सब ही बिस की बेल, बैरी मारे दाँव से ये मारें हँस खेल

स्त्रियों पर व्यंग है

झड़-बेरी के जंगल में बिल्ली शेर

झड़-बेरी के जंगल में काँटों की वजह से बिल्ली को कोई आसानी से पकड़ नहीं सकता

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस चाही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

उत भी तू मत बैठ पियारे जित बैठे हों बैरी सारे

जहाँ शत्रु हों वहाँ रुकना ठीक नहीं है

उत भी तुम मत बैठो प्यारे, जित बैठे हों बैरी सारे

जहाँ शत्रु हों वहाँ रुकना ठीक नहीं है

उत मत रो अपना दुख जा कर जित आवें बैरी उमड कर

शत्रु के आगे अपना दुख प्रकट नहीं करना चाहिए

उत मत रो अपना दुख जा कर, जित आवें बैरी उमड़ा कर

शत्रु के आगे अपना दुख प्रकट नहीं करना चाहिए

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