छोटे बच्चों का एक खेल: सब बच्चे एक घेरे में बैठ जाते और अपनी उँगलियाँ अपने आगे टिकाते हैं, इस प्रकार कि उल्टा रुख़ ऊपर रहता है, एक बच्चा तर्जनी उँगली से हर एक के हाथ को छूता और मुँह से ये वाक्य कहता है: अटकन-बटकन दही चटाखन, अगला झूले यकला झूले, सावन मास करेला फूले, फूल-फल की बालियाँ, बावा गए दिल्ली, लाए सात प्यालियाँ, एक प्याली फूट गई, नेवले की टाँग टूट गई अंतिम वाक्य निकालते समय जिस बच्चे के हाथ पर उँगली पड़ती है उससे पूछता है: छुरी मारूं कि खुन्डा (खुंडा, वो जवाब देता है, खुन्डा! अगर संयोग से कोई बच्चा कह दे, छुरी!, तो उसके जवाब में कहेगा, तेरी माँ बुरी, इसके बाद सबके हाथ सीनों पर रखवा दिए जाते हैं और सब खड़े होकर कहते हैं, चक्की घुमर-घुमर, आटा फुसर-फुसर, अर्थात आटा पिस रहा है, आटा पिसने-छनने के बाद झूट-मूट दूध ख़रीदा जाता है, उसकी काल्पनिक खीर पकती है और सबको बाँटी जाती है, खेल समाप्त होता है