खोजे गए परिणाम
"بہو" शब्द से संबंधित परिणाम
बहू
बेटे की बीवी, पतोह, पतोहू, पुत्र की पत्नी, पुत्रवधू
बहू जी
भद्र और सम्मानित महिला के लिए संबोधन
बहू बेटी
घर में बैठने वाली स्त्री, सज्जन स्त्री, बीवी एवं बेटी (अधिक्तर बहुवचन के रूप में प्रयुक्त)
बहू लाना
बेटे की शादी करना, बेटे को ब्याहना
बहोरो
وہ ڈھلون راستہ جس سے بیل چرسے کو کھینچْنے کے بعد کنْویں پر واپس آتے ہیں
बहुमत
किसी संस्था, समिति आदि के आधे से अधिक सदस्यों का मत, बहुत से लोगों का अलग-अलग मत
बहोड़ा
वह खाना जो रुख़स्त के समय दुल्हन के यहाँ से दूलहा के साथ भेजा जाए, भोज
बहूत
बहुत, अति, बहुत ज़्यादा, काफ़ी
बहू बेटी तकना
दूसरी औरत पर बुरी नज़र डालना
बिहवुनी
چھوڑا ہوا، گذاشتہ علیٰحدہ، الگ ؛ دوسرے مالک کا ، پردیسی
बहोरना
गये हुए को फिर पहले या पुराने स्थान पर ले आना, लौटाना, फिरना, वापिस आना, चरने वाले चौपायों को घर की ओर हाँकना
बहू बेटी सब रखते हैं
उस व्यक्ति को चेतावनी के तौर पर कहते हैं जो पराई स्त्रियों की ओर देखे
बहू लाली, दुल्हन घर घाली
शौक़ीन स्त्री दुश्चरित्र होती है और घर बर्बाद कर देती है
बहू लाली, धन घर घाली
शौक़ीन स्त्री दुश्चरित्र होती है और घर बर्बाद कर देती है
बहू शरम की, बेटी करम की
बहू शर्मीली अच्छी और बेटी जो अच्छे घर बियाही जाए या जिसका भाग्य अच्छा हो
बहूतेरा
बहुतेरा, बहुत, बहुत कुछ, अति, बहुत ज़्यादा
बहू बेगम नाम रखना
अपने आप सम्माननीय और बड़ा बनना
बहोड़ा
वह खाना जो रुख़स्त के समय दुल्हन के यहाँ से दूलहा के साथ भेजा जाए, भोज
बहोंडा
गाँव की वह ज़मीन जो चौकीदार या भंडारी को किराए पर या नि:शुल्क दी जाए
बहवोड़े का खाना
वह खाना जो रुख़स्त के समय दुल्हन के यहाँ से दूलहा के साथ भेजा जाए, भोज
बिन बहू प्रीत नहीं
ससुर अपने जमाई को तभी तक प्यार करता है जब तक उसकी लड़की जीवित रहती है
आती बहू जनम्ता पूत
बहू के आते ही एवं लड़के के जन्म लेते ही समृद्धि और बुरा हाल मा'लूम हो जाता है, घर में बहू का आना और पुत्र का जन्म सब को अच्छा लगता है
बड़ी-बहू
बड़े बेटे की पत्नी, (व्यंग्यात्मक) फूहड़, अभद्र, बेसलीक़ा
पोत-बहू
पोते की बीवी, बेटे के बेटे की जोरू
पुत-बहू
۔ (ھ) مونث۔ پوتے کی جورو۔
आई बहू आया काम गई बहू गया काम
बीवी घर में आती है तो काम करती है, जब चली जाती है तो काम भी ख़त्म या कम हो जाता है
शर्म की बहू नित भूकी मरी
बिना अवसर शिष्टाचार और शरम प्राय: दुख का कारण होते हैं, ग़ैरत-मंद व्यक्ति सदैव हानि उठाता है
गोंडे आई बरात, बहु को लगी हगास
ज़रूरी काम के समय पर बहाने
गेंवड़े आई बरात, बहू को लगी हगास
ज़रूरी काम के समय पर बहाने
पराई बहू बेटियाँ
ग़ैर औरतें, दूसरे की बहू बेटियाँ
पुल बाँधल जाए, बहू कजरी खेले
बहू खेले और सास बेचारी काम करे
जहाँ बहु का पीसना वहीं ससुर की खाट
बिना कारण किसी को छेड़ना, निर्लज्जता की बात
धी से कहे बहू ने कान किए
रुक : धी री में तुझ को कहूं अलख
सास झांके दुईं दुईं, बहू चली बैकुन्ठ
उलटी बात है कि सास घर में रहे बहू तीर्थ यात्रा जाए जब कि बूढ़ी महिला को जाना चाहिए
सब अपने बहू बेगानी
बहू दूसरे परिवार की होती है इसलिए उसे अन्य समझा जाता है
बड़ी बहू बड़ा भाग
पत्नी उम्र की बड़ी हो तो क़िस्मत अच्छी होती है
नई बहू नौरतन गिरवी
बहू के आते ही ग़रीबी एवं निर्धनता छाई
सास कोठे , बहू चबूतरे
सास की अनुपस्थिति में बहू अपने मन की करती है
सास उठलिया बहू छिनलिया सुसरा भाड़ झोकावे, फिर भी दूल्हा सास बहू को सीता सती बतावे
अपने घर की महिलाओं को कोई बदचलन नहीं कहता चाहे कैसी ही क्यूँ न हों
सास उधलिया बहू छिनलिया सुसरा भाड़ झोकावे, फिर भी दूल्हा सास बहू को सीता सती बतावे
अपने घर की महिलाओं को कोई बदचलन नहीं कहता चाहे कैसी ही क्यूँ न हों
फुल्ली लगी न पापड़ी पटाक से बहू आ पड़ी
बिना भाग दौड़ किए काम हो जाना
घी सँवारे सालन को और बड़ी बहू का नाव
काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए
घी सँवारे सालन को और बड़ी बहू का नाम
काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए
आँख न देखो बहू चाँद सी
आँख का ख़याल मत करो वैसे बीवी बहुत अच्छी है