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सब का भला सब की ख़ैर

may God do good to everyone! (usu. uttered by beggars when asking for alms)

ज़ियाद रब की ख़ैर सब की

भिक्षुक की आवाज़, यानी ख़ुदा का नाम लेते और सबका भला मनाते हैं कुछ है तो ऐसे लोगों को भी दलवाओ

सब का भला हो

(दुआइया कलिमा) ख़ुदा सब का फ़ायदा करे

अपने-अपने क़दह की सब ख़ैर मनाते हैं

हर कोई अपनी भलाई चाहता है, सब अपना प्याला भरा रखना चाहते हैं, सब अपना स्वार्थ तकते हैं

सख़ी की कमाई में सब का साझा

उदार या दानी सब को देता है

सब से भले हम, न रहे की शादी न गए का ग़म

निश्चिंत आज़ाद व्यक्ति को न किसी की ख़ुशी न दुख या चिंता, वह हर चीज़ से निस्पृह होता है

तुलसी पैसा पास का सब से नीको होय, होते के सब कोय हैं, अन-होते की जोय

गाँठ का पैसा ही काम आता है

चोर का माल सब खाए चोर की जान अकारत जाए

बुरों को अपने काम के कारणवश हानि एवं तकलीफ़ पहुँचती है

चोर का माल सब खाए चोर की जान अकारथ जाए

बुरों को अपने काम के कारणवश हानि एवं तकलीफ़ पहुँचती है

थोड़ मोल की कामिली करे बड़ों का काम, मह्मूदी और बाफ़्ता सब की रक्खे मान

थोड़ी क़ीमत की चीज़ भी वैसा ही काम देती है जैसी अधिक क़ीमत

माघ पूस की बादरी और कुँवार का घाम, इन सब को झेल कर करे पराया काम

नौकरी करनी आसान नहीं है इस में माघ और पोस की बारिश, कुआर की गर्मी बर्दाश्त करनी पड़ती है तब मालिक का काम होता है, नौकरी में गर्मी, सर्दी, बरसात सब को झेलना पड़ता है

माघ पूस की बादरी और कुवार का घाम, इन सब को झेल कर करे पराया काम

नौकरी करना आसान नहीं है इस में माघ और पूस की बारिश कुवार की गर्मी झेलनी पड़ती है तब मालिक का काम होता है

परदेसी की पीत को सब का जी ललचाय, दुई बात का खोट है रहे न संग ले जाय

परदेसी के प्रेम में दो बातों का खोट अथवा नुक़्सान है कि न तो वो रहता है न साथ ले जाता है

परदेसी की पीत को सब का जी ललचाय, दो ही बातों का खोट है रहे न संग ले जाय

परदेसी के प्रेम में दो बातों का खोट अथवा नुक़्सान है कि न तो वो रहता है न साथ ले जाता है

तुलसी पैसा पास का सब से नेको होए, होते के बहन और बाप हैं, अन-होते की जोए

गाँठ का पैसा ही काम आता है

भले माँस की सब तरह से ख़राबी है

The good and pure all ills endure.

भले मानस की सब तरह ख़राबी है

नेक इंसान को हर तरह शख़्स दबाता और बुरा भला कहता है, शरीफ़ आदमी को हर हालत में दिक्कतें पेश आती हैं

सब से भले भीक के रोट

फ़क़ीरों का क़ौल है कि जो चीज़ मांगे से मुफ़त मिल जाये सब से बेहतर है क्योंकि मेहनत नहीं करनी पड़ती

घर के खीर खाएँ और देवता भला मनाएँ

नेकी वो है जिस से दूसरों को फ़ायदा पहुँचिए, औरों के नाम से अपना काम निकालना या औरों पर एहसान धर के अपना मक़सद हासिल करना

अड़ी दड़ी सब क़ाज़ी के सर पड़ी

कठिनाई में किसकी किसको उठाना पड़ी

क़ाइम मिज़ाजी सब वस्फ़ों की बादशाह है

मुस्तक़िल मिज़ाजी बेहतरीन ख़ूबी है

दौलत की डेवढ़ी को सब सजदा करते हैं

धनवान व्यक्ति की सब चापलूसी करते हैं

सब के दाँव अंडे बच्चे, हमारे दाँव कुड़ुक

दूसरों के लिये सब कुछ है और हमारे लिए कुछ भी नहीं

ज़बरदस्त सब का जँवाई

शक्तिशाली का आदेश सब मानते हैं, शक्तिशाली को हर प्रकार का प्रभुत्व होता है, शक्तिशाली जो चाहे सो करे

नाई सब के पाँव धोए आपने धोत लजाए

जो काम औरों के लिए करता है अपने लिए नहीं करता

अपने बछड़े के दाँत सब को मा'लूम होते हैं

अपने आदमियों के लच्छनों या गुणों से सब सूचित होते हैं

साबित क़दम को सब धावें

बात के पक्के आदमी का हर कोई भरोसा कर लेता है

क़ायम मिज़ाजी सब वस्फ़ों की बादशाह है

मुस्तक़िल मिज़ाजी बेहतरीन ख़ूबी है

दौलतमंद की डेवढ़ी को सब सजदा करते हैं

धनवान व्यक्ति की सब चापलूसी करते हैं

चेरी सब के पाँव धोवे, अपने धोती लजावे

दूसरों की सहायता करता है अपने स्वजनों की नहीं करता

दिन को दिन शब को शब न जानना

हरवक़त मेहनत करना, ख़िदमत या मेहनत में अपने आराम या तकलीफ़ की पर्वा ना करना, दिन रात काम करना

साबित क़दम को सब जगह ठाँव

दृढ़ निश्चयी व्यक्ति का ठिकाना हर जगह होता है

सेब में थूहड़ की क़लम

एनिमल बेजोड़ बात

बुड़बक की जोरू, सब की भौजाई

मूर्ख की 'औरत से सब छोड़-छाड़ करते हैं

मास सब कोई खाता है हाड़ गले में कोई नहीं बाँधता

लायक़ से सब मुहब्बत करते हैं नालायक़ को कोई नहीं पूछता

धर्म बाप सब मनुख के धोवत है इस तौर जल साबुन जों धोवत हैं सब कपड़न घोर

पुन गुनाहों को इस तरह साफ़ करता है जिस तरह साबुन और पानी कपड़ों को साफ़ कर देता है, नेकी से गुनाह ज़ाइल होजाते हैं

गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी

मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है

हाथी के पाँव में सब के पाँव

۔ مثل۔ بڑے آقا کے سب مطیع وفرمانبردار ہوتے ہیں۲۔ سخی کی کمال میں سب کا حصہ۳۔ امیروں سے غریبوں کو بھی فائدہ پہونچ رہتا ہے۔

हाथी के पाँव में सब का पाँव

everybody follows a big man, a generous man's bounty is for all

लकड़ी सब को हाँकना

رک : ایک لاٹھی (سے) سب کو ہانکنا.

लाट साहिब के दफ़्तर का दार-उल-इंशा

رک : لاٹ صاحب کا دفتر ، سیکریٹریٹ .

सब उस्तरे बाँधो , कोई तलवार न बाँधो , कर दो ये मनादी कोई दस्तार न बाँधो

ज़ालिम के ज़ुलम के मुताल्लिक़ कहते हैं

शादी-ग़मी सब के साथ है

हर व्यक्ति को ख़ुशी या ग़म होता है कोई इनसे बचा हुआ नहीं है

वली सब का अल्लाह है हम तो रखवाले हैं

सब का मालिक ईश्वर है हम तो मात्र रखवाले हैं

सब को एक लकड़ी हाँकना

किसी के रुतबे और हैसियत का ख़्याल ना रखना, अहल और ना-अहल सबसे एक जैसा सुलूक करना

तड़के उठ कर खाट से छोड़ छाड़ सब काम, माला कर हाथ में जप साईं का नाम

अली उल-सुबह उठ कर पहले इबादत या पूजा करनी चाहिए

मास सब कोई खाता है हड्डी गले में कोई नहीं बाँधता

लायक़ से सब मुहब्बत करते हैं नालायक़ को कोई नहीं पूछता

सच्ची बात सा'दुल्लाह कह सब के मन से उतरा रहे

बंदा तो सच्च ही बोलेगा ख़ाह लोगों को गिरां गुज़रे, सच्ची बात कहने वाले को लोग पसंद नहीं करते

दौलतमंद की ड्योढ़ी को सब सज्दा करते हैं

अमीर आदमी के सब ख़ुशामद करते हैं

भली बुरी सब के साथ है

हर शख़्स की क़िस्मत में अच्छी बरी बातें होती हैं

साझे की होली सब से भली

जब ज़्यादा लोग मिलते हैं, तो होली अच्छी तरह से मनाई जाती है, त्योहार या ख़ुशी का आनंद केवल संयोग और एकता से आता है

काजल सब कोई दे पर चितवन भाँत भाँत

काजल सब आँखों में लगाते हैं मगर किसी किसी को भला मालूम देता है

पेट का खाया कोई नहीं देखता, तन का पहना सब देखते हैं

कपड़ों पर सब की नज़र होती है, ज़ाहिर को सब देखते हैं बातिन को कोई नहीं जानता, ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब ज़ाहिरदारी बरतना ज़रूरी हो जाये या किसी भी मुआमले में बाअज़ बातों का इज़हार एक ज़रूरत हो

अपने घर के सब बादशाह हैं

अपने घर के सब मालिक हैं चाहे जो करें, अपने घर में सब बड़े हैं

दर्ज़ी का कूच क़याम सब यक्साँ, गज़ क़ैंची उठाई चल दिया

हुनरमंद की समाई पर जगह हो सकती है

नीची बेरी सब कोई झौड़े

बेरी जो बुलंद ना हो इस पर हर किसी का हाथ पहुंच जाता है और वो बीर तोड़ लेता है , जब किसी चीज़ से हर कोई फ़ायदा उठाए तो ये मिसल कहते हैं

घर में अल्लाह का दिया सब है

घर समृद्ध है, किसी चीज़ की कमी नहीं है

जोबन था जब रूप था गाहक था सब कोई, जोबन रतन गँवाए के बात न पूछे कोई

जब सुंदरता और जवानी थी हर एक चाहने वाला था जब ये जाती रही तो कोई पूछता भी नहीं

आग़ा मीर की दाई सब सीखी सिखाई

जो औरत सब गुणों में पूरी, निहायत चालाक और मक्कार हो उस के लिए कहते हैं

सारे धड़ की सूई निकालने को कोई नहीं , आँख की सूई निकालने को सब कोई

थोड़ा सा काम कर के ज़्यादा सुलह हासिल करना सब चाहते हैं, मगर मेहनत करने से जी चुराते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में साब के अर्थदेखिए

साब

saabصاب

वज़्न : 21

صاب کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • رک : صاحب.

Urdu meaning of saab

  • Roman
  • Urdu

  • ruk ha saahib

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सब का भला सब की ख़ैर

may God do good to everyone! (usu. uttered by beggars when asking for alms)

ज़ियाद रब की ख़ैर सब की

भिक्षुक की आवाज़, यानी ख़ुदा का नाम लेते और सबका भला मनाते हैं कुछ है तो ऐसे लोगों को भी दलवाओ

सब का भला हो

(दुआइया कलिमा) ख़ुदा सब का फ़ायदा करे

अपने-अपने क़दह की सब ख़ैर मनाते हैं

हर कोई अपनी भलाई चाहता है, सब अपना प्याला भरा रखना चाहते हैं, सब अपना स्वार्थ तकते हैं

सख़ी की कमाई में सब का साझा

उदार या दानी सब को देता है

सब से भले हम, न रहे की शादी न गए का ग़म

निश्चिंत आज़ाद व्यक्ति को न किसी की ख़ुशी न दुख या चिंता, वह हर चीज़ से निस्पृह होता है

तुलसी पैसा पास का सब से नीको होय, होते के सब कोय हैं, अन-होते की जोय

गाँठ का पैसा ही काम आता है

चोर का माल सब खाए चोर की जान अकारत जाए

बुरों को अपने काम के कारणवश हानि एवं तकलीफ़ पहुँचती है

चोर का माल सब खाए चोर की जान अकारथ जाए

बुरों को अपने काम के कारणवश हानि एवं तकलीफ़ पहुँचती है

थोड़ मोल की कामिली करे बड़ों का काम, मह्मूदी और बाफ़्ता सब की रक्खे मान

थोड़ी क़ीमत की चीज़ भी वैसा ही काम देती है जैसी अधिक क़ीमत

माघ पूस की बादरी और कुँवार का घाम, इन सब को झेल कर करे पराया काम

नौकरी करनी आसान नहीं है इस में माघ और पोस की बारिश, कुआर की गर्मी बर्दाश्त करनी पड़ती है तब मालिक का काम होता है, नौकरी में गर्मी, सर्दी, बरसात सब को झेलना पड़ता है

माघ पूस की बादरी और कुवार का घाम, इन सब को झेल कर करे पराया काम

नौकरी करना आसान नहीं है इस में माघ और पूस की बारिश कुवार की गर्मी झेलनी पड़ती है तब मालिक का काम होता है

परदेसी की पीत को सब का जी ललचाय, दुई बात का खोट है रहे न संग ले जाय

परदेसी के प्रेम में दो बातों का खोट अथवा नुक़्सान है कि न तो वो रहता है न साथ ले जाता है

परदेसी की पीत को सब का जी ललचाय, दो ही बातों का खोट है रहे न संग ले जाय

परदेसी के प्रेम में दो बातों का खोट अथवा नुक़्सान है कि न तो वो रहता है न साथ ले जाता है

तुलसी पैसा पास का सब से नेको होए, होते के बहन और बाप हैं, अन-होते की जोए

गाँठ का पैसा ही काम आता है

भले माँस की सब तरह से ख़राबी है

The good and pure all ills endure.

भले मानस की सब तरह ख़राबी है

नेक इंसान को हर तरह शख़्स दबाता और बुरा भला कहता है, शरीफ़ आदमी को हर हालत में दिक्कतें पेश आती हैं

सब से भले भीक के रोट

फ़क़ीरों का क़ौल है कि जो चीज़ मांगे से मुफ़त मिल जाये सब से बेहतर है क्योंकि मेहनत नहीं करनी पड़ती

घर के खीर खाएँ और देवता भला मनाएँ

नेकी वो है जिस से दूसरों को फ़ायदा पहुँचिए, औरों के नाम से अपना काम निकालना या औरों पर एहसान धर के अपना मक़सद हासिल करना

अड़ी दड़ी सब क़ाज़ी के सर पड़ी

कठिनाई में किसकी किसको उठाना पड़ी

क़ाइम मिज़ाजी सब वस्फ़ों की बादशाह है

मुस्तक़िल मिज़ाजी बेहतरीन ख़ूबी है

दौलत की डेवढ़ी को सब सजदा करते हैं

धनवान व्यक्ति की सब चापलूसी करते हैं

सब के दाँव अंडे बच्चे, हमारे दाँव कुड़ुक

दूसरों के लिये सब कुछ है और हमारे लिए कुछ भी नहीं

ज़बरदस्त सब का जँवाई

शक्तिशाली का आदेश सब मानते हैं, शक्तिशाली को हर प्रकार का प्रभुत्व होता है, शक्तिशाली जो चाहे सो करे

नाई सब के पाँव धोए आपने धोत लजाए

जो काम औरों के लिए करता है अपने लिए नहीं करता

अपने बछड़े के दाँत सब को मा'लूम होते हैं

अपने आदमियों के लच्छनों या गुणों से सब सूचित होते हैं

साबित क़दम को सब धावें

बात के पक्के आदमी का हर कोई भरोसा कर लेता है

क़ायम मिज़ाजी सब वस्फ़ों की बादशाह है

मुस्तक़िल मिज़ाजी बेहतरीन ख़ूबी है

दौलतमंद की डेवढ़ी को सब सजदा करते हैं

धनवान व्यक्ति की सब चापलूसी करते हैं

चेरी सब के पाँव धोवे, अपने धोती लजावे

दूसरों की सहायता करता है अपने स्वजनों की नहीं करता

दिन को दिन शब को शब न जानना

हरवक़त मेहनत करना, ख़िदमत या मेहनत में अपने आराम या तकलीफ़ की पर्वा ना करना, दिन रात काम करना

साबित क़दम को सब जगह ठाँव

दृढ़ निश्चयी व्यक्ति का ठिकाना हर जगह होता है

सेब में थूहड़ की क़लम

एनिमल बेजोड़ बात

बुड़बक की जोरू, सब की भौजाई

मूर्ख की 'औरत से सब छोड़-छाड़ करते हैं

मास सब कोई खाता है हाड़ गले में कोई नहीं बाँधता

लायक़ से सब मुहब्बत करते हैं नालायक़ को कोई नहीं पूछता

धर्म बाप सब मनुख के धोवत है इस तौर जल साबुन जों धोवत हैं सब कपड़न घोर

पुन गुनाहों को इस तरह साफ़ करता है जिस तरह साबुन और पानी कपड़ों को साफ़ कर देता है, नेकी से गुनाह ज़ाइल होजाते हैं

गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी

मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है

हाथी के पाँव में सब के पाँव

۔ مثل۔ بڑے آقا کے سب مطیع وفرمانبردار ہوتے ہیں۲۔ سخی کی کمال میں سب کا حصہ۳۔ امیروں سے غریبوں کو بھی فائدہ پہونچ رہتا ہے۔

हाथी के पाँव में सब का पाँव

everybody follows a big man, a generous man's bounty is for all

लकड़ी सब को हाँकना

رک : ایک لاٹھی (سے) سب کو ہانکنا.

लाट साहिब के दफ़्तर का दार-उल-इंशा

رک : لاٹ صاحب کا دفتر ، سیکریٹریٹ .

सब उस्तरे बाँधो , कोई तलवार न बाँधो , कर दो ये मनादी कोई दस्तार न बाँधो

ज़ालिम के ज़ुलम के मुताल्लिक़ कहते हैं

शादी-ग़मी सब के साथ है

हर व्यक्ति को ख़ुशी या ग़म होता है कोई इनसे बचा हुआ नहीं है

वली सब का अल्लाह है हम तो रखवाले हैं

सब का मालिक ईश्वर है हम तो मात्र रखवाले हैं

सब को एक लकड़ी हाँकना

किसी के रुतबे और हैसियत का ख़्याल ना रखना, अहल और ना-अहल सबसे एक जैसा सुलूक करना

तड़के उठ कर खाट से छोड़ छाड़ सब काम, माला कर हाथ में जप साईं का नाम

अली उल-सुबह उठ कर पहले इबादत या पूजा करनी चाहिए

मास सब कोई खाता है हड्डी गले में कोई नहीं बाँधता

लायक़ से सब मुहब्बत करते हैं नालायक़ को कोई नहीं पूछता

सच्ची बात सा'दुल्लाह कह सब के मन से उतरा रहे

बंदा तो सच्च ही बोलेगा ख़ाह लोगों को गिरां गुज़रे, सच्ची बात कहने वाले को लोग पसंद नहीं करते

दौलतमंद की ड्योढ़ी को सब सज्दा करते हैं

अमीर आदमी के सब ख़ुशामद करते हैं

भली बुरी सब के साथ है

हर शख़्स की क़िस्मत में अच्छी बरी बातें होती हैं

साझे की होली सब से भली

जब ज़्यादा लोग मिलते हैं, तो होली अच्छी तरह से मनाई जाती है, त्योहार या ख़ुशी का आनंद केवल संयोग और एकता से आता है

काजल सब कोई दे पर चितवन भाँत भाँत

काजल सब आँखों में लगाते हैं मगर किसी किसी को भला मालूम देता है

पेट का खाया कोई नहीं देखता, तन का पहना सब देखते हैं

कपड़ों पर सब की नज़र होती है, ज़ाहिर को सब देखते हैं बातिन को कोई नहीं जानता, ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब ज़ाहिरदारी बरतना ज़रूरी हो जाये या किसी भी मुआमले में बाअज़ बातों का इज़हार एक ज़रूरत हो

अपने घर के सब बादशाह हैं

अपने घर के सब मालिक हैं चाहे जो करें, अपने घर में सब बड़े हैं

दर्ज़ी का कूच क़याम सब यक्साँ, गज़ क़ैंची उठाई चल दिया

हुनरमंद की समाई पर जगह हो सकती है

नीची बेरी सब कोई झौड़े

बेरी जो बुलंद ना हो इस पर हर किसी का हाथ पहुंच जाता है और वो बीर तोड़ लेता है , जब किसी चीज़ से हर कोई फ़ायदा उठाए तो ये मिसल कहते हैं

घर में अल्लाह का दिया सब है

घर समृद्ध है, किसी चीज़ की कमी नहीं है

जोबन था जब रूप था गाहक था सब कोई, जोबन रतन गँवाए के बात न पूछे कोई

जब सुंदरता और जवानी थी हर एक चाहने वाला था जब ये जाती रही तो कोई पूछता भी नहीं

आग़ा मीर की दाई सब सीखी सिखाई

जो औरत सब गुणों में पूरी, निहायत चालाक और मक्कार हो उस के लिए कहते हैं

सारे धड़ की सूई निकालने को कोई नहीं , आँख की सूई निकालने को सब कोई

थोड़ा सा काम कर के ज़्यादा सुलह हासिल करना सब चाहते हैं, मगर मेहनत करने से जी चुराते हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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