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लपका

लपकने की क्रिया या भाव।

लपकाना

(कोई चीज़ लेने को जल्दी से) हाथ लपकाना, जल्दी से हाथ बढ़ाना, दौड़ाना, तेज़ झपटाना, भगा कर चलाना या दौड़ाना, हरकत पैदा करना, कंपन उत्पन्न करना, कुत्ते को शिकार पर दौड़ाना

लपका जाना

۔عادت ترک ہونا۔ ؎ ؎

लपका लगाना

लत लगावा देना, आदत डलवा देना, चसका या शौक़ पैदा कर देना

लपका छुटना

स्वभाव का शेष न रहना

लपका छूटना

رک : لپکا چُھٹنا.

लपका पड़ जाना

become addicted to

लपका इस बात का

(عو) خواہش جماع کی عادت ، جماع کا چسکا ، روز روز ہم بستری کی دھت

लपका होना

۔کسی بُرے کام کی عادت ہوجانا۔ چسکا پڑجانا۔ عادی ہوجانا۔ ؎

लपका लगना

۔ (عو) لپکا پڑنا۔ ؎

लपका पड़ना

आदत हो जाना, बुरी बात की लत लग जाना, चसका लगना, मज़ा पड़ना, अभ्यस्थ होना, लती होना

लप काढ़ के

मुट्ठी भरकम करके, गँवार, तरकारी वग़ैरा ख़रीदें तो इसके बदले अनाज देते हैं कोई दो हिस्से अनाज लेकर देता है कोई बराबर तौल देता है कोई सिर्फ़ एक लप निकाल कर देता है

लपक उठना

رک : لپک جانا.

बात का लपका

किसी चीज़ का अधिक शौक़, किसी मज़े की चाट या चस्का (अधिकतर पड़ना के साथ प्रयुक्त)

हाथ-लपका

رک : ہاتھ لپک ؛ چور ، اُچکا

सम्धन का तकला चुभ चुभ जा, हाथ का लपका कभी न जा

इंसान को जब कोई बुरी आदत पड़ जाती है तो चाहे उस की वजह से कैसी ही ज़िल्लत या तकलीफ़ हो वो आदत कभी नहीं जाती. चोरी की आदी एक औरत ने अपनी समधिन के घर से चरखे का तकुला चुरा कर अपने नेफ़े में रख लिया, वो तकुला चुभ चुभ जाता था जिस से वो बेकल थी और बार बार कहती समधिन का तकुला चुभ चुभ जा. मेरे हाथ का लपका कभी ना जा

सम्धन का तकवा चुभ चुभ जा, हाथ का लपका कभी न जा

इंसान को जब कोई बुरी आदत पड़ जाती है तो चाहे उस की वजह से कैसी ही ज़िल्लत या तकलीफ़ हो वो आदत कभी नहीं जाती. चोरी की आदी एक औरत ने अपनी समधिन के घर से चरखे का तकुला चुरा कर अपने नेफ़े में रख लिया, वो तकुला चुभ चुभ जाता था जिस से वो बेकल थी और बार बार कहती समधिन का तकुला चुभ चुभ जा. मेरे हाथ का लपका कभी ना जा

सम्धन का तकला चुभ चुभ जा, चोरी का लपका कभी न जा

इंसान को जब कोई बुरी आदत पड़ जाती है तो चाहे उस की वजह से कैसी ही ज़िल्लत या तकलीफ़ हो वो आदत कभी नहीं जाती. चोरी की आदी एक औरत ने अपनी समधिन के घर से चरखे का तकुला चुरा कर अपने नेफ़े में रख लिया, वो तकुला चुभ चुभ जाता था जिस से वो बेकल थी और बार बार कहती समधिन का तकुला चुभ चुभ जा. मेरे हाथ का लपका कभी ना जा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मलक-सीरत के अर्थदेखिए

मलक-सीरत

malak-siiratمَلَک سِیرَت

स्रोत: अरबी

वज़्न : 1222

देखिए: मलक-ख़सलत

मलक-सीरत के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • देवताओं जैसे आचरण वाला, देवों जैसा, मासूम, भोला-भाला, नेक

English meaning of malak-siirat

Adjective

  • one who is like angel, innocent

مَلَک سِیرَت کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

صفت

  • ملک خصلت

Urdu meaning of malak-siirat

  • Roman
  • Urdu

  • mulak Khaslat

खोजे गए शब्द से संबंधित

लपका

लपकने की क्रिया या भाव।

लपकाना

(कोई चीज़ लेने को जल्दी से) हाथ लपकाना, जल्दी से हाथ बढ़ाना, दौड़ाना, तेज़ झपटाना, भगा कर चलाना या दौड़ाना, हरकत पैदा करना, कंपन उत्पन्न करना, कुत्ते को शिकार पर दौड़ाना

लपका जाना

۔عادت ترک ہونا۔ ؎ ؎

लपका लगाना

लत लगावा देना, आदत डलवा देना, चसका या शौक़ पैदा कर देना

लपका छुटना

स्वभाव का शेष न रहना

लपका छूटना

رک : لپکا چُھٹنا.

लपका पड़ जाना

become addicted to

लपका इस बात का

(عو) خواہش جماع کی عادت ، جماع کا چسکا ، روز روز ہم بستری کی دھت

लपका होना

۔کسی بُرے کام کی عادت ہوجانا۔ چسکا پڑجانا۔ عادی ہوجانا۔ ؎

लपका लगना

۔ (عو) لپکا پڑنا۔ ؎

लपका पड़ना

आदत हो जाना, बुरी बात की लत लग जाना, चसका लगना, मज़ा पड़ना, अभ्यस्थ होना, लती होना

लप काढ़ के

मुट्ठी भरकम करके, गँवार, तरकारी वग़ैरा ख़रीदें तो इसके बदले अनाज देते हैं कोई दो हिस्से अनाज लेकर देता है कोई बराबर तौल देता है कोई सिर्फ़ एक लप निकाल कर देता है

लपक उठना

رک : لپک جانا.

बात का लपका

किसी चीज़ का अधिक शौक़, किसी मज़े की चाट या चस्का (अधिकतर पड़ना के साथ प्रयुक्त)

हाथ-लपका

رک : ہاتھ لپک ؛ چور ، اُچکا

सम्धन का तकला चुभ चुभ जा, हाथ का लपका कभी न जा

इंसान को जब कोई बुरी आदत पड़ जाती है तो चाहे उस की वजह से कैसी ही ज़िल्लत या तकलीफ़ हो वो आदत कभी नहीं जाती. चोरी की आदी एक औरत ने अपनी समधिन के घर से चरखे का तकुला चुरा कर अपने नेफ़े में रख लिया, वो तकुला चुभ चुभ जाता था जिस से वो बेकल थी और बार बार कहती समधिन का तकुला चुभ चुभ जा. मेरे हाथ का लपका कभी ना जा

सम्धन का तकवा चुभ चुभ जा, हाथ का लपका कभी न जा

इंसान को जब कोई बुरी आदत पड़ जाती है तो चाहे उस की वजह से कैसी ही ज़िल्लत या तकलीफ़ हो वो आदत कभी नहीं जाती. चोरी की आदी एक औरत ने अपनी समधिन के घर से चरखे का तकुला चुरा कर अपने नेफ़े में रख लिया, वो तकुला चुभ चुभ जाता था जिस से वो बेकल थी और बार बार कहती समधिन का तकुला चुभ चुभ जा. मेरे हाथ का लपका कभी ना जा

सम्धन का तकला चुभ चुभ जा, चोरी का लपका कभी न जा

इंसान को जब कोई बुरी आदत पड़ जाती है तो चाहे उस की वजह से कैसी ही ज़िल्लत या तकलीफ़ हो वो आदत कभी नहीं जाती. चोरी की आदी एक औरत ने अपनी समधिन के घर से चरखे का तकुला चुरा कर अपने नेफ़े में रख लिया, वो तकुला चुभ चुभ जाता था जिस से वो बेकल थी और बार बार कहती समधिन का तकुला चुभ चुभ जा. मेरे हाथ का लपका कभी ना जा

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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