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बासी

एक या कई दिन पहले का बना हुआ खाद्य पदार्थ, जैसे-बासी रोटी, रात का बचा हुआ खाना, पहले से पका कर रखा हुआ, विशेष-बासी अन्न जिसमें बास आगई हो, पद-बासी-तिबासी।

बासी 'ईद

ईद का दूसरा रोज़, टरका दिन

बासी-मुँह

न धोया हुआ मुँह, ख़ाली पेट

बासी होना

बोदा होजाना, बसानद छोड़ना

बासी बचे न कुत्ता खाए

जो पास हो ख़र्च कर डालना, न बचे न नुक़्सान का डर हो

बासी मुँह फूका पानी औगुन करे है

नहार-मुँह या ख़ाली पेट पानी पीना हानि पहुँचाता है

बासी-घर

वह घर जिसकी सफ़ाई-सुथराई सुबह को न की गई हो

बासी-पना

باسی ہونے کی حالت ، تازہ نہ رہنے کی کیفیت.

बासी मुँह

श्रृंगार किए बिना

बासी-ख़बर

वह ख़बर जो नई न हो, ऐसी ख़बर जिसे पहले सुना जा चुका हो

बासी-कूसी

رات کا بچا بچایا کھانا یا روٹی وغیرہ.

बासी करना

to make stale, to vomit

बासी भात में अल्लाह मियाँ का निहोड़ा

ख़राब वस्तु देकर उपकार जताना क्या अर्थ रखता है

बासी तिबासी

दो-तीन दिन का रखा हुआ खाना, कई दिनों का सड़ा गला

बासी-पन

बासी होना, बासी होने की अवस्था, ताज़ा न होने की हालत

बासी कढ़ी उबली

गई गुज़री बात से सर उठाया

बासी-घर डालना

घर में सफ़ाई न रखना, घर साफ़ सुथरा न रखना

बासी कढ़ी का उबाल

बाद अज़ वक़्त ग़ुस्सा या जोश-ओ-ख़ुरोश

बासी दाल का उबाल

समय बीत जाने के बाद उत्साह और उमंग

बासी वाला

रहने वाला, बसने वाला

बासी-पानी

گھڑے یا صراحی وغیرہ کا رکھا ہوا پانی جس پر کم سے کم ایک رات گزر چکی ہو.

बासी कढ़ी में उबाल

a delayed show of enthusiasm

बासी कढ़ी में उबाल आना

बुढ़ापे में जवानी की वेश-भूषा होना

बासी कढ़ी में उबाल आया

कोई लंबे समय के अंतराल के बा'द अचानक तत्परता या चुस्ती दिखाए तो बोलते हैं

बासील

बेलनाकार रोगाणु

बासियाँ

اہیروں کا ایک قبیلہ .

तिह-बासी

رک: تباسی.

इतना पक्का कि बासी थक्का

हर काम ज़रूरत के मुताबिक़ होना चाहिए (बात बढ़ते बढ़ते ज़रूरत से ज़्यादा होजाने के मौक़ा मुस्तामल

ऐसा कहना पक्का कि बासी थक्का

इतना पकाने की आवश्यकता ही नहीं कि जो दूसरे दिन के लिए रखा रहे

न बासी बचे न कुत्ता खाए

ज़्यादा होगा ना इक्का रुत जाएगा, ना ज़्यादा होगा ना ज़ाए जाएगा (रोज़ाना इस्तिमाल कर लेने वाली चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं

न बासी रहे न कुत्ता खाए

ज़्यादा होगा ना इक्का रुत जाएगा, ना ज़्यादा होगा ना ज़ाए जाएगा (रोज़ाना इस्तिमाल कर लेने वाली चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं

न बासी बचे , न कुत्ता खाए

۔ (عو) نہ زیادہ ہوگا ۔نہ ضائع جائے گا۔ (رویائے صادقہ) اس میں شکل نہیں کہ باسی کھانا بدمزہ ہوجاتاہے لیکن صادقہ کا اندازہ ایسا ٹھیک تھا کہ کبھی کچھ بچتا نہ تھا۔ اس کا اصول یہ تھا کہ نہ باسی بچے نہ کتّا کھائے۔

गुल-बासी

(عو) رک : گُلِ عباسی جو زیادہ مستعمل ہے .

रसा-बासी

(ہندو) عورتوں کی اقسام میں سے ایک ، وہ عورت جو کسی طرح خوش نہیں ہوتی.

नगर-बासी

शहर का बाशिंदा, निवासी, रहनेवाला, रेज़ीड़ेंट, प्रजा

सुख-बासी

(کاشت کاری)گان٘و کی تین پشتی وطنی کاشتکار جس کے قبضے میں کوئی اراضی مستقلاً زیرِ کاشت رہی ہو ، موروثی کاشت کار .

गंगा-बासी

(हिन्दू) गंगा नदी के किनारे रहने वाला व्यक्ति जिसे पुनीत माना जाता है

मथरा-बासी

رک : متھرا واسی

बिरज-बासी

مسلح دربان ملازم یا سپاہی.

वैकुंठ-बासी

سرگ میں جانے والا شخص ، سرگ باشی ؛ متوفی ، مرحوم ، مردہ (شخص) ؛ آسمانی ہستی

कैलाश-बासी

کیلاش (رک) کا رہنے والا .

संग-ए-बासी

(حجریات) ایک قِسم کا پرت دار پتّھر جو سُرخ اور زردی یا سفیدی مائل سرخ ہوتا ہے جسے سنگِ سُرخ بھی کہتے ہیں (تعمیرات میں مستعمل).

बन-बासी लेना

जंगल में रहना, जोगी या संसार का त्यागी बनना, तपस्वी बनना

कागा-बासी-भंग

वह भाँग जो मथुरा के चौबे प्रातःकाल पीते हैं

गाँव-बासी

گاؤں میں رہنے والا، دیہاتی، گنْوار، دہقان، کسان

कागा-बासी

सवेरे-सवेरे पी जानेवाली भाँग, वो भाँग जो मथुरा के चौबे मुँह अँधेरे पीते हैं

काका-बासी

(جواہرات) مسور کی دال کے چھلکے کی رنگت کا موتی ، ایک قسم کا سیاہ موتی .

घर के टके बासी साग

डींगें मारने वाले या शेख़ी बघारने वाले के लिए प्रयुक्त

घर की पुटकी बासी साग

डींगें हाँकने या शेख़ी बघारने वाले के बारे में प्रयुक्त

बन-बासी

जंगली, बन का बाशिंदा, बन में जाकर बसा हुआ, (मजाज़न) जोगी, सन्यासी

कागा-बासी-मोती

एक प्रकार का काला मोती

रात पड़े उपासी, दिन को खाए बासी

बहुत ग़रीब एवं निर्धन है रात को भूखा सोता है और दिन को बासी खाता है

परदेसी बलम तेरी आस नहीं, बासी फूलों में बास नहीं

परदेसी जिससे मिलने की आस न हो उससे प्रेम करनी व्यर्थ है

प्रीत न जाने जात कुजात नींद न जाने टूटी खाट, भूक न जाने बासी भात प्यास न जाने धोबी घाट

प्रेम करते समय कोई ये नहीं सोचता कि उस का प्रेमी किस जाति या वर्ण का है, जिस तरह नींद हर जगह और हर हालत में आ जाती है और भूख में मनुष्य को बासी रोटी भी अच्छी मालूम होती है और प्यास लगी हो तो मनुष्य ये नहीं देखता कि पानी शुद्ध है या अशुद्ध

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मा'रूफ़ के अर्थदेखिए

मा'रूफ़

maa'ruufمَعْرُوف

स्रोत: अरबी

वज़्न : 221

टैग्ज़: सूफ़ीवाद व्याकरण

शब्द व्युत्पत्ति: अ-र-फ़

मा'रूफ़ के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • पहचाना हुआ, मशहूर
  • मालूम, प्रकट
  • नेकी, नेक बात, अल्लाह तआला अर्थात ईश्वर की आज्ञाकारिता
  • (व्याकरण) वह अक्षर जो ख़ूब खींच कर पढ़ा जाए (जैसे ख़ूब में वाओ और पैर में य)
  • (व्याकरण) वह (क्रिया) जिसका कर्ता मालूम हो
  • उचित, सही, वैध
  • धार्मिक (मुनकर का विलोम)
  • हथेली के ज़ख़्म वाला

 

  • मीठे पानी की एक मछली जो अत्यधिक शक्तिदायक और शीघ्र पचने वाली होती है और बच्चों, रू-ब-सेहत रोगियों और ज़च्चाओं को खिलाई जाती है, भारतीय महाद्वीप में सामान्य रूप से पाई जाती है

    विशेष रू-ब-सेहत= वह रोगी जो स्वास्थ्य की ओर जा रहा हो

  • (सूफ़ीवाद) ईश्वर
  • वह हदीस जिसकी रिवायत विपरीत उस हदीस के हो जिसे श्रेष्ठ और विश्वस्त लोगों ने रिवायत किया हो

    विशेष रिवायत= इस्लामी परिभाषा में हज़रत पैग़म्बर साहब के मुख से सुनी हुई बात दूसरे को उन्हीं के शब्दों में सुनाना, हदीस बयान करना

शे'र

English meaning of maa'ruuf

Adjective

  • well-known, noted, celebrated

مَعْرُوف کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

صفت

  • پہچانا ہوا، مشہور
  • معلوم، ظاہر
  • (قواعد) وہ حرف جو خوب کھینچ کر پڑھا جائے (جیسے خوب میں واؤ اور پیر میں ی)
  • (قواعد) وہ (فعل) جس کا فاعل معلوم ہو
  • درست، صحیح، جائز
  • شرعی (منکر کی ضد)
  • ہتیلی کے زخم والا

 

  • میٹھے پانی کی ایک مچھلی جو نہایت قوت بخش اور زود ہضم ہوتی ہے اور بچوں، رو بہ صحَت مریضوں اور زچاؤں کو کھلائی جاتی ہے، برصغیر میں عام طور پر پائی جاتی ہے
  • (تصوف) حق تعالیٰ
  • وہ حدیث جس کی روایت مخالف اس حدیث کے ہو جسے ثقات نے روایت کیا ہو

Urdu meaning of maa'ruuf

  • Roman
  • Urdu

  • pahchaanaa hu.a, mashhuur
  • maaluum, zaahir
  • (qavaa.id) vo harf jo Khuub khiinch kar pa.Dhaa jaaye (jaise Khuub me.n vaa.o aur pair me.n ya
  • (qavaa.id) vo (pheal) jis ka faa.il maaluum ho
  • darust, sahii, jaayaz
  • shari.i (munkir kii zid
  • hatiilii ke zaKham vaala
  • miiThe paanii kii ek machhlii jo nihaayat quvvatabKhash aur zuud hazam hotii hai aur bachchon, ruuba sahit mariizo.n aur zachchaa.o.n ko khilaa.ii jaatii hai, barr-e-saGiir me.n aam taur par paa.ii jaatii hai
  • (tasavvuf) haqataalaa
  • vo hadiis jis kii rivaayat muKhaalif is hadiis ke ho jise sakaat ne rivaayat kyaa ho

मा'रूफ़ के पर्यायवाची शब्द

खोजे गए शब्द से संबंधित

बासी

एक या कई दिन पहले का बना हुआ खाद्य पदार्थ, जैसे-बासी रोटी, रात का बचा हुआ खाना, पहले से पका कर रखा हुआ, विशेष-बासी अन्न जिसमें बास आगई हो, पद-बासी-तिबासी।

बासी 'ईद

ईद का दूसरा रोज़, टरका दिन

बासी-मुँह

न धोया हुआ मुँह, ख़ाली पेट

बासी होना

बोदा होजाना, बसानद छोड़ना

बासी बचे न कुत्ता खाए

जो पास हो ख़र्च कर डालना, न बचे न नुक़्सान का डर हो

बासी मुँह फूका पानी औगुन करे है

नहार-मुँह या ख़ाली पेट पानी पीना हानि पहुँचाता है

बासी-घर

वह घर जिसकी सफ़ाई-सुथराई सुबह को न की गई हो

बासी-पना

باسی ہونے کی حالت ، تازہ نہ رہنے کی کیفیت.

बासी मुँह

श्रृंगार किए बिना

बासी-ख़बर

वह ख़बर जो नई न हो, ऐसी ख़बर जिसे पहले सुना जा चुका हो

बासी-कूसी

رات کا بچا بچایا کھانا یا روٹی وغیرہ.

बासी करना

to make stale, to vomit

बासी भात में अल्लाह मियाँ का निहोड़ा

ख़राब वस्तु देकर उपकार जताना क्या अर्थ रखता है

बासी तिबासी

दो-तीन दिन का रखा हुआ खाना, कई दिनों का सड़ा गला

बासी-पन

बासी होना, बासी होने की अवस्था, ताज़ा न होने की हालत

बासी कढ़ी उबली

गई गुज़री बात से सर उठाया

बासी-घर डालना

घर में सफ़ाई न रखना, घर साफ़ सुथरा न रखना

बासी कढ़ी का उबाल

बाद अज़ वक़्त ग़ुस्सा या जोश-ओ-ख़ुरोश

बासी दाल का उबाल

समय बीत जाने के बाद उत्साह और उमंग

बासी वाला

रहने वाला, बसने वाला

बासी-पानी

گھڑے یا صراحی وغیرہ کا رکھا ہوا پانی جس پر کم سے کم ایک رات گزر چکی ہو.

बासी कढ़ी में उबाल

a delayed show of enthusiasm

बासी कढ़ी में उबाल आना

बुढ़ापे में जवानी की वेश-भूषा होना

बासी कढ़ी में उबाल आया

कोई लंबे समय के अंतराल के बा'द अचानक तत्परता या चुस्ती दिखाए तो बोलते हैं

बासील

बेलनाकार रोगाणु

बासियाँ

اہیروں کا ایک قبیلہ .

तिह-बासी

رک: تباسی.

इतना पक्का कि बासी थक्का

हर काम ज़रूरत के मुताबिक़ होना चाहिए (बात बढ़ते बढ़ते ज़रूरत से ज़्यादा होजाने के मौक़ा मुस्तामल

ऐसा कहना पक्का कि बासी थक्का

इतना पकाने की आवश्यकता ही नहीं कि जो दूसरे दिन के लिए रखा रहे

न बासी बचे न कुत्ता खाए

ज़्यादा होगा ना इक्का रुत जाएगा, ना ज़्यादा होगा ना ज़ाए जाएगा (रोज़ाना इस्तिमाल कर लेने वाली चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं

न बासी रहे न कुत्ता खाए

ज़्यादा होगा ना इक्का रुत जाएगा, ना ज़्यादा होगा ना ज़ाए जाएगा (रोज़ाना इस्तिमाल कर लेने वाली चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं

न बासी बचे , न कुत्ता खाए

۔ (عو) نہ زیادہ ہوگا ۔نہ ضائع جائے گا۔ (رویائے صادقہ) اس میں شکل نہیں کہ باسی کھانا بدمزہ ہوجاتاہے لیکن صادقہ کا اندازہ ایسا ٹھیک تھا کہ کبھی کچھ بچتا نہ تھا۔ اس کا اصول یہ تھا کہ نہ باسی بچے نہ کتّا کھائے۔

गुल-बासी

(عو) رک : گُلِ عباسی جو زیادہ مستعمل ہے .

रसा-बासी

(ہندو) عورتوں کی اقسام میں سے ایک ، وہ عورت جو کسی طرح خوش نہیں ہوتی.

नगर-बासी

शहर का बाशिंदा, निवासी, रहनेवाला, रेज़ीड़ेंट, प्रजा

सुख-बासी

(کاشت کاری)گان٘و کی تین پشتی وطنی کاشتکار جس کے قبضے میں کوئی اراضی مستقلاً زیرِ کاشت رہی ہو ، موروثی کاشت کار .

गंगा-बासी

(हिन्दू) गंगा नदी के किनारे रहने वाला व्यक्ति जिसे पुनीत माना जाता है

मथरा-बासी

رک : متھرا واسی

बिरज-बासी

مسلح دربان ملازم یا سپاہی.

वैकुंठ-बासी

سرگ میں جانے والا شخص ، سرگ باشی ؛ متوفی ، مرحوم ، مردہ (شخص) ؛ آسمانی ہستی

कैलाश-बासी

کیلاش (رک) کا رہنے والا .

संग-ए-बासी

(حجریات) ایک قِسم کا پرت دار پتّھر جو سُرخ اور زردی یا سفیدی مائل سرخ ہوتا ہے جسے سنگِ سُرخ بھی کہتے ہیں (تعمیرات میں مستعمل).

बन-बासी लेना

जंगल में रहना, जोगी या संसार का त्यागी बनना, तपस्वी बनना

कागा-बासी-भंग

वह भाँग जो मथुरा के चौबे प्रातःकाल पीते हैं

गाँव-बासी

گاؤں میں رہنے والا، دیہاتی، گنْوار، دہقان، کسان

कागा-बासी

सवेरे-सवेरे पी जानेवाली भाँग, वो भाँग जो मथुरा के चौबे मुँह अँधेरे पीते हैं

काका-बासी

(جواہرات) مسور کی دال کے چھلکے کی رنگت کا موتی ، ایک قسم کا سیاہ موتی .

घर के टके बासी साग

डींगें मारने वाले या शेख़ी बघारने वाले के लिए प्रयुक्त

घर की पुटकी बासी साग

डींगें हाँकने या शेख़ी बघारने वाले के बारे में प्रयुक्त

बन-बासी

जंगली, बन का बाशिंदा, बन में जाकर बसा हुआ, (मजाज़न) जोगी, सन्यासी

कागा-बासी-मोती

एक प्रकार का काला मोती

रात पड़े उपासी, दिन को खाए बासी

बहुत ग़रीब एवं निर्धन है रात को भूखा सोता है और दिन को बासी खाता है

परदेसी बलम तेरी आस नहीं, बासी फूलों में बास नहीं

परदेसी जिससे मिलने की आस न हो उससे प्रेम करनी व्यर्थ है

प्रीत न जाने जात कुजात नींद न जाने टूटी खाट, भूक न जाने बासी भात प्यास न जाने धोबी घाट

प्रेम करते समय कोई ये नहीं सोचता कि उस का प्रेमी किस जाति या वर्ण का है, जिस तरह नींद हर जगह और हर हालत में आ जाती है और भूख में मनुष्य को बासी रोटी भी अच्छी मालूम होती है और प्यास लगी हो तो मनुष्य ये नहीं देखता कि पानी शुद्ध है या अशुद्ध

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