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किस जानवर का नाम है

किसी शख़्स या चीज़ को बेवुक़त ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

किस चिड़िया का नाम है

रुक : किस जानवर का नाम है.(लाइलमी और ना वाक़फ़ीयत के इज़हार के लिए मुस्तामल)

मुँह किस का है

۔کسی کا حوصلہ نہیں۔ کسی کی مجال نہیں۔ ؎

किस का मुँह है

۔۔ किसे ताक़त है।

किस धान का चाँवल है

किस बाग़ की मूली है

किस बला का है

ग़ज़ब का है, इंतिहा का है, बहुत ज़्यादा है (ख़ूबी या बुराई की ज़्यादती के इज़हार के लिए मुस्तामल)

आज किस का मुँह देखा है

जब सारा दिन परेशानी में गुज़रे तो यह कहा जाता है

किस के मान का है

किसी की नहीं मानता यानी किस के क़ाबू और इख़्तियार का नहीं

अल्लाह का नाम है

कुछ नहीं है, निर्धन है, केवल ईश्वर का नाम है

ये किस का मूत है

(हक़ार ता) ये किस का नुतफ़ा है, ये किस का नुतफ़ा-ए-बद है, ये किस का जाया है

ख़ुदा का नाम है

۔देखो अल्लाह।

खिलाए का नाम नहीं , रोलाए का नाम है

۔مثل۔ نیک کام اور حسن خدمت کی کوئی داد نہیں دیتا۔ لیکن بُری بات فوراً پکڑ لی جاتی ہے۔

खिलाए का नाम नहीं, रुलाए का नाम है

अच्छे बर्ताव और अच्छी सेवा की कोई प्रशंसा नहीं करता लेकिन बुरी बात की तुरंत पकड़ हो जाती है

दरिया का फेर किस ने पाया है

बुद्धिमान आदमी की बात की तह किसी की समझ में नहीं आती

ख़ल्क़ का हल्क़ किस ने बंद किया है

कोई किसी की ज़बान को नहीं रोक सकता

किस चक्की का पीसा खाया है

۔(عو) زیادہ موٹے آدمی سے کہتی ہیں۔ کس چَکّی کے آٹے کی تاثیر ہے جو ایسے موٹے ہوگئے ہو۔

किस चक्की का पिसा खाया है

किसी की अच्छी सेहत को देख कर कहा जाता है

आगे ख़ुदा का नाम है

वहाँ बोला जाता है जहाँ कोई चीज़ इस तरह बढ़ी हुई हो कि ईश्वर के सिवा कोई न हो, ईश्वर के नाम के सिवा कुछ भी नहीं, इससे अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता, अब अंत है, बस अंत है, इस से आगे कुछ नहीं

ज़िंदगी ज़िंदा दिली का नाम है

नासिख़ (एक प्रसिद्ध शायर) की पंक्ति ग़लत तरीक़े से एक कहावत के रूप में प्रसिद्ध और प्रयोग में है) इंसान को हँस-बोल कर ज़िंदगी गुज़ारनी चाहिए

बादशाहों और दरियाओं का फेर किस ने पाया है

बादशाह और दरिया की वास्तविक्ता या तह जानना कठिन है

सदा नाम अल्लाह का रहता है

रुक : सदा रहे नाम अल्लाह का

आस का नाम दुनिया है

उम्मीद के भरोसे पर दुनिया का कारोबार चलता है

मुफ़्त का माल किस को बुरा लगता है

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे कोई नहीं छोड़ता

मर्द का नाम मर्द से बेहतर है

आदमी से ज़्यादा उसका नाम प्रभावशाली होता है, मर्द से ज़्यादा उस के नाम का रोब या असर होता है

खिलाए का नाम नहीं, रुलाए का इल्ज़ाम है

अच्छे बर्ताव और अच्छी सेवा की कोई प्रशंसा नहीं करता लेकिन बुरी बात की तुरंत पकड़ हो जाती है

आज सुब्ह किस कंजूस का नाम लिया था

प्रातःकाल को प्रथम बार किस अभागे का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भूखा रहना पड़ा

हरि का नाम सत है सत बोलो मुक्त है

(हिंदूओं के) ख़ुदा का नाम सच्च है और सच्च बोलने में नजात है (एक फ़िक़रा जिस का इस्तिमाल कुछ हिंदू ज़ातों में मुरदे को ले जाते वक़्त किया जाता है)

हाकिम के मारे और कीचड़ के फिसले का किस ने बुरा मनाया है

हाकिम किसी को ज़द-ओ-कोब करे तो इस की तसल्ली के लिए कहते हैं

चेले लावें माँग कर बैठा खाए महंत, राम भजन का नाम है पंथ

भजन नाम को है ये सब पेट भरने के तरीक़े हैं, चेले मांग कर लाते हैं, गुरु बैठे खाते हैं

घर में जोरू का नाम बहू बेगम रख लेने से क्या होता है

अपना सम्मान अपने मुँह से नहीं हुआ करता

ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का नाम है, मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं

नासिख़ (एक प्रसिद्ध शायर) की पंक्ति ग़लत तरीक़े से एक कहावत के रूप में प्रसिद्ध और प्रयोग में है) इंसान को हँस-बोल कर ज़िंदगी गुज़ारनी चाहिए

टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे हो काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम

जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है

टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे होए काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम

जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है

सुब्ह ही सुब्ह ख़ुदा का नाम लो

सुबह को कोई झूट बोले तो कहते हैं

नाम ही नाम का

صرف دِکھاوے کا ، بے حقیقت ، بے اصل ، جعلی ۔

नाम ही का होना

सिर्फ कहने के वास्ते होना, बुरा-ए-नाम होना

रात को साँप का नाम नहीं लेते हैं

लोक-निश्वास है कि साँप का नाम रात को लिया जाए तो वह निकल आता है इस लिए रस्सी कह देते हैं

आदमी हो या बे नून के संग या जानवर

अत्यधिक असभ्य हो

बोलते की ज़बान किस ने पकड़ी है

किसी व्यक्ति को आलोचना करने या बुरा भला कहने से कौन रोक सकता है

किस दर्द की दवा है

किस काम का है, बेफ़ाइदा है, महिज़ नकमअ है

काटे बाढ़ नाम हो तलवार का

(तंज़न) मेहनत करे कोई फल पाए कोई

काटे बाड़ नाम हो तलवर का

(तंज़न) मेहनत करे कोई फल पाए कोई

किस मर्ज़ की दवा है

is useless, is good-for-nothing

वैसा ही तो को फल मिले जैसा बीज बोवाय, नीम बोय के बालके गाँडा कोई न खाय

जैसा करोगे वैसा भरोगे

गंगा किस की खुदाई है

बड़े बड़े काम प्राकृतिक रूप से हो जाते हैं, बड़े काम किसी उपाय से नहीं होते

मरना है बद नेक को जीना नाप सदा, बेहतर है जो जगत में नेक नाम रह जा

अच्छे काम करने चाहिए ताकि दुनिया में रह जाए, वैसे तो अच्छे बुरे सब को मरना है

फ़क़ीर की ज़बान किस ने कीली है

फ़क़ीर जो चाहे कह सकता है, उसे कोई भी नहीं रोक सकता

आज कल उन के नाम कमान चढ़ती है

बड़े भाग्यवान हैं, ये उनकी उन्नति का दौर है

सांसा साएं मेट दे और न मेटे कोय, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लेय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

आज कल उनके नाम की कमान चढ़ती है

बड़े भाग्यशाली हैं

किस बाग़ का बथुआ हो

मेरे सामने तुम क्या बेचते हो, तुम कोई हक़ीक़त नहीं रखते

कस नमी पुरसद कि भय्या कौन हो ढाई हो या तीन या पौन हो

जब कोई व्यक्ति दरिद्र हो तो उसकी कोई नहीं पूछता कि तुम कौन हो या तेरी क्या हैसियत है

किस की माँ ने धौंसा खाया है

किस माँ को आफ़त आयी है जो अपनी संतान को खोना चाहेगी? किसकी दुर्भाग्यशाली माँ अपने बच्चों की तबाही चाहेगी, इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति अपने लिए ख़ुद मुसीबत नहीं बनाता, अपना नुक़सान या अपनी बर्बादी नहीं चाहता

घी मसाला काम करे और बड़ी बहू का नाम हो

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

वैसा ही तो को फल मिले जैसा बीज बोवाए, नीम बोय के निकले गाँडा कोई न खाए

जैसा करोगे वैसा भरोगे

सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

ये गंगा किस की खुदाई है

बड़े बड़े काम प्राकृतिक रूप से हो जाते हैं, बड़े काम किसी उपाय से नहीं होते

अल्लाह के घर में किस चीज़ की कमी है

ईश्वर किसी बंदे को देना चाहे तो सब कुछ दे सकता है, ईश्वर असंभव को भी संभव बना सकता है

अल्लाह के घर में किस चीज़ की कमी है

ईश्वर किसी बंदे को देना चाहे तो सब कुछ दे सकता है, ईश्वर असंभव को भी संभव बना सकता है

किस किस दुख को झेला है

तरह तरह की तक्लीफ़े उठाई हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में किस किताब में है के अर्थदेखिए

किस किताब में है

kis kitaab me.n haiکِس کِتاب میں ہے

کِس کِتاب میں ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ۔خلاف قاعدہ اور خلاف دستور ہونے کی جگہ۔ ؎ ؎

Urdu meaning of kis kitaab me.n hai

  • Roman
  • Urdu

  • ۔Khilaaf qaaydaa aur Khilaaf-e-dastuur hone kii jagah।

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किस जानवर का नाम है

किसी शख़्स या चीज़ को बेवुक़त ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

किस चिड़िया का नाम है

रुक : किस जानवर का नाम है.(लाइलमी और ना वाक़फ़ीयत के इज़हार के लिए मुस्तामल)

मुँह किस का है

۔کسی کا حوصلہ نہیں۔ کسی کی مجال نہیں۔ ؎

किस का मुँह है

۔۔ किसे ताक़त है।

किस धान का चाँवल है

किस बाग़ की मूली है

किस बला का है

ग़ज़ब का है, इंतिहा का है, बहुत ज़्यादा है (ख़ूबी या बुराई की ज़्यादती के इज़हार के लिए मुस्तामल)

आज किस का मुँह देखा है

जब सारा दिन परेशानी में गुज़रे तो यह कहा जाता है

किस के मान का है

किसी की नहीं मानता यानी किस के क़ाबू और इख़्तियार का नहीं

अल्लाह का नाम है

कुछ नहीं है, निर्धन है, केवल ईश्वर का नाम है

ये किस का मूत है

(हक़ार ता) ये किस का नुतफ़ा है, ये किस का नुतफ़ा-ए-बद है, ये किस का जाया है

ख़ुदा का नाम है

۔देखो अल्लाह।

खिलाए का नाम नहीं , रोलाए का नाम है

۔مثل۔ نیک کام اور حسن خدمت کی کوئی داد نہیں دیتا۔ لیکن بُری بات فوراً پکڑ لی جاتی ہے۔

खिलाए का नाम नहीं, रुलाए का नाम है

अच्छे बर्ताव और अच्छी सेवा की कोई प्रशंसा नहीं करता लेकिन बुरी बात की तुरंत पकड़ हो जाती है

दरिया का फेर किस ने पाया है

बुद्धिमान आदमी की बात की तह किसी की समझ में नहीं आती

ख़ल्क़ का हल्क़ किस ने बंद किया है

कोई किसी की ज़बान को नहीं रोक सकता

किस चक्की का पीसा खाया है

۔(عو) زیادہ موٹے آدمی سے کہتی ہیں۔ کس چَکّی کے آٹے کی تاثیر ہے جو ایسے موٹے ہوگئے ہو۔

किस चक्की का पिसा खाया है

किसी की अच्छी सेहत को देख कर कहा जाता है

आगे ख़ुदा का नाम है

वहाँ बोला जाता है जहाँ कोई चीज़ इस तरह बढ़ी हुई हो कि ईश्वर के सिवा कोई न हो, ईश्वर के नाम के सिवा कुछ भी नहीं, इससे अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता, अब अंत है, बस अंत है, इस से आगे कुछ नहीं

ज़िंदगी ज़िंदा दिली का नाम है

नासिख़ (एक प्रसिद्ध शायर) की पंक्ति ग़लत तरीक़े से एक कहावत के रूप में प्रसिद्ध और प्रयोग में है) इंसान को हँस-बोल कर ज़िंदगी गुज़ारनी चाहिए

बादशाहों और दरियाओं का फेर किस ने पाया है

बादशाह और दरिया की वास्तविक्ता या तह जानना कठिन है

सदा नाम अल्लाह का रहता है

रुक : सदा रहे नाम अल्लाह का

आस का नाम दुनिया है

उम्मीद के भरोसे पर दुनिया का कारोबार चलता है

मुफ़्त का माल किस को बुरा लगता है

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे कोई नहीं छोड़ता

मर्द का नाम मर्द से बेहतर है

आदमी से ज़्यादा उसका नाम प्रभावशाली होता है, मर्द से ज़्यादा उस के नाम का रोब या असर होता है

खिलाए का नाम नहीं, रुलाए का इल्ज़ाम है

अच्छे बर्ताव और अच्छी सेवा की कोई प्रशंसा नहीं करता लेकिन बुरी बात की तुरंत पकड़ हो जाती है

आज सुब्ह किस कंजूस का नाम लिया था

प्रातःकाल को प्रथम बार किस अभागे का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भूखा रहना पड़ा

हरि का नाम सत है सत बोलो मुक्त है

(हिंदूओं के) ख़ुदा का नाम सच्च है और सच्च बोलने में नजात है (एक फ़िक़रा जिस का इस्तिमाल कुछ हिंदू ज़ातों में मुरदे को ले जाते वक़्त किया जाता है)

हाकिम के मारे और कीचड़ के फिसले का किस ने बुरा मनाया है

हाकिम किसी को ज़द-ओ-कोब करे तो इस की तसल्ली के लिए कहते हैं

चेले लावें माँग कर बैठा खाए महंत, राम भजन का नाम है पंथ

भजन नाम को है ये सब पेट भरने के तरीक़े हैं, चेले मांग कर लाते हैं, गुरु बैठे खाते हैं

घर में जोरू का नाम बहू बेगम रख लेने से क्या होता है

अपना सम्मान अपने मुँह से नहीं हुआ करता

ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का नाम है, मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं

नासिख़ (एक प्रसिद्ध शायर) की पंक्ति ग़लत तरीक़े से एक कहावत के रूप में प्रसिद्ध और प्रयोग में है) इंसान को हँस-बोल कर ज़िंदगी गुज़ारनी चाहिए

टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे हो काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम

जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है

टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे होए काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम

जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है

सुब्ह ही सुब्ह ख़ुदा का नाम लो

सुबह को कोई झूट बोले तो कहते हैं

नाम ही नाम का

صرف دِکھاوے کا ، بے حقیقت ، بے اصل ، جعلی ۔

नाम ही का होना

सिर्फ कहने के वास्ते होना, बुरा-ए-नाम होना

रात को साँप का नाम नहीं लेते हैं

लोक-निश्वास है कि साँप का नाम रात को लिया जाए तो वह निकल आता है इस लिए रस्सी कह देते हैं

आदमी हो या बे नून के संग या जानवर

अत्यधिक असभ्य हो

बोलते की ज़बान किस ने पकड़ी है

किसी व्यक्ति को आलोचना करने या बुरा भला कहने से कौन रोक सकता है

किस दर्द की दवा है

किस काम का है, बेफ़ाइदा है, महिज़ नकमअ है

काटे बाढ़ नाम हो तलवार का

(तंज़न) मेहनत करे कोई फल पाए कोई

काटे बाड़ नाम हो तलवर का

(तंज़न) मेहनत करे कोई फल पाए कोई

किस मर्ज़ की दवा है

is useless, is good-for-nothing

वैसा ही तो को फल मिले जैसा बीज बोवाय, नीम बोय के बालके गाँडा कोई न खाय

जैसा करोगे वैसा भरोगे

गंगा किस की खुदाई है

बड़े बड़े काम प्राकृतिक रूप से हो जाते हैं, बड़े काम किसी उपाय से नहीं होते

मरना है बद नेक को जीना नाप सदा, बेहतर है जो जगत में नेक नाम रह जा

अच्छे काम करने चाहिए ताकि दुनिया में रह जाए, वैसे तो अच्छे बुरे सब को मरना है

फ़क़ीर की ज़बान किस ने कीली है

फ़क़ीर जो चाहे कह सकता है, उसे कोई भी नहीं रोक सकता

आज कल उन के नाम कमान चढ़ती है

बड़े भाग्यवान हैं, ये उनकी उन्नति का दौर है

सांसा साएं मेट दे और न मेटे कोय, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लेय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

आज कल उनके नाम की कमान चढ़ती है

बड़े भाग्यशाली हैं

किस बाग़ का बथुआ हो

मेरे सामने तुम क्या बेचते हो, तुम कोई हक़ीक़त नहीं रखते

कस नमी पुरसद कि भय्या कौन हो ढाई हो या तीन या पौन हो

जब कोई व्यक्ति दरिद्र हो तो उसकी कोई नहीं पूछता कि तुम कौन हो या तेरी क्या हैसियत है

किस की माँ ने धौंसा खाया है

किस माँ को आफ़त आयी है जो अपनी संतान को खोना चाहेगी? किसकी दुर्भाग्यशाली माँ अपने बच्चों की तबाही चाहेगी, इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति अपने लिए ख़ुद मुसीबत नहीं बनाता, अपना नुक़सान या अपनी बर्बादी नहीं चाहता

घी मसाला काम करे और बड़ी बहू का नाम हो

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

वैसा ही तो को फल मिले जैसा बीज बोवाए, नीम बोय के निकले गाँडा कोई न खाए

जैसा करोगे वैसा भरोगे

सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

ये गंगा किस की खुदाई है

बड़े बड़े काम प्राकृतिक रूप से हो जाते हैं, बड़े काम किसी उपाय से नहीं होते

अल्लाह के घर में किस चीज़ की कमी है

ईश्वर किसी बंदे को देना चाहे तो सब कुछ दे सकता है, ईश्वर असंभव को भी संभव बना सकता है

अल्लाह के घर में किस चीज़ की कमी है

ईश्वर किसी बंदे को देना चाहे तो सब कुछ दे सकता है, ईश्वर असंभव को भी संभव बना सकता है

किस किस दुख को झेला है

तरह तरह की तक्लीफ़े उठाई हैं

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