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मियाँ

स्त्री का पति, स्वामी, मालिक सादात यानी सय्यद बिरादरी के पुरुषों के नाम के बाद लगाया जानेवाला आदरसूचक शब्द

मियाँ-भाई

बड़ा भाई

मियाँ-जी

पाठशाला में पढ़ाने वाला आचार्य, अध्याप, गुरु, उस्ताद

मियाँ अल्लाह

फ़क़ीरों का कलमा-ए-ख़िताब , रुक : अल्लाह मियां

मियाँ-तिही

जिसका बीच खाली हो, वह बिस्तर जिसके बीच में रूई न हो।

मियाँ की मलहार

(موسیقی) کافی ٹھاٹھ کا چھ سروں کا راگ جو میاں تان سین کی اختراع مانا گیا ہے اور عموماً برسات کے موسم میں گایا جاتا ہے

मियाँ-तबी'अत

good-natured, courteous

मियाँ वाली

शादीशुदा औरत

मियाँ-बीवी होना

साथ होना, साथ सोना

मियाँ मोधू हैं

बे-ओ-क्विफ, नाफ़हम है

मियाँ जिस को चाहे वही सोहागन

रुक : जिसे पिया चाहे वही सुहागन जो फ़सीह है

मियाँ-पन

آقا ہونا ، مالک ہونے کی حالت ، سرداری ، بزرگی نیز امیری ۔

मियाँ-मार

पति को मारने वाली (पत्नी), डराने-धमकाने वाली, मियाँ पर रोब जमाने वाली, मर्द-मार स्त्री

मियाँ-बंद

पटका, कमर की पेटी, कटिबंध।

मियाँ-आदमी

a good-natured man, a respectable person, a gentleman

मियाँ का जूता हो और मियाँ ही का सर

अपने ही हाथों लाचार होना, किसी की बेइज़्ज़ती इस के अपने ही कारिंदों के हाथों कराना

मियाँ-बाला

दरमियानी क़द का, न ठिगना न लंबा।।

मियाँ-साहब

सम्मान में कहना, श्रीमान

मियाँ-गीरी

نامہ بری ، پیغام رسانی کا کام ، قاصد پن

मियाँ-आदमी

भलामानस, भला व्यक्ति, शरीफ़ इंसान

मियाँ-मिठ्ठू

मधुर-भाषी, मीठी मीठी बातें करने वाला, जो आत्म-प्रशंसा करता है, प्यारे तोते को कहते हैं, भोला भाला

मियाँ-मोधू

बेवक़ूफ़, बुद्धू, नासमझ आदमी

मियाँ-नज्जार

बढ़ई; (व्यंग्यात्मक) ब्रिटिश शासक

मियाँ की टोडी

(موسیقی) ٹوڈی ٹھاٹھ کا ایک صبح کا کھاڈو سمپورن راگ جو میاں تان سین کی اختراع مانا گیا ہے ، شدھ ٹوڈی ۔

मियाँ-जी-गरी

the profession of schoolmaster, teaching

मियाँ की मलार

(موسیقی) کافی ٹھاٹھ کا چھ سروں کا راگ جو میاں تان سین کی اختراع مانا گیا ہے اور عموماً برسات کے موسم میں گایا جاتا ہے

मियाँ का सारंग

(संगीतशास्त्र) काफ़ी ठाठ का छः सुरों का एक दोपहर का राग जो मियाँ की मल्हार से समानता रखता है और तानसेन की आविष्कार है

मियाँ ही की जूती, मियाँ ही का सर

रुक : मियां का जूता हो और मियां ही का सर

मियाँ मिट्ठू बनाना

۲۔ बे-ओ-क़ौफ़ बनाना

मियाँ मिट्ठू बनना

मियां मट्टहूओ बनाना(रुक) का लाज़िम , अपनी तारीफ़ ख़ुद करना

मियाँ मारते ख़ान

(व्यंग्यात्मक) बहुत मारने वाला, बिना सोचे-समझे हत्या करने वाला, किसी क्रूर व्यक्ति का भाषण, हत्या और लूटमार की शेख़ी बघारने वाला

मियाँ घर नहीं, बीवी को डर नहीं

ख़ावंद घर मौजूद ना हो और बीवी खुल खेले तो कहा जाता है

मियाँ की जूती मियाँ का सर

आदमी अपने अथवा अपनों के हाथों के किए से लाचार है, उसी के साधनों से उसी की हानि

मियाँ फिरे लाल-गलाल बीवी के रहें बुरे अहवाल

पति बाहर भोग विलास कर रहा है, पत्नी घर में कष्ट झेल रही है

मियां नाक काटने को फिरें, बीवी कहे मुझे नथ घड़ा दो

एक कुछ कहे दूसरा कुछ, एक का कुछ मतलब हो दूसरा कुछ समझे

मियाँ के मियाँ गए, बुरे बुरे सपने आए

मुसीबत पर मुसीबत पड़े तो कहते हैं

मियाँ कमाऊ बीबी उड़ाऊ

एक कमाए दूसरा ख़र्च करे

मियाँ की दाढ़ी वाह वाह में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

मियाँ बाहर पंज हज़ारी , बीवी घर में क़हत की मारी

(अविर) मियां बाहर ऐश कररहे हैं बीवी घर में मुसीबत झील रही है , रुक : बाहर मियां हफ़तहज़ारी, घर में बीवी फ़ाक़ों मारी जो ज़्यादा मुस्तामल है

मियाँ मेरा घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

रुक : मियां घर नहीं बीवी को डर नहीं, जो चाहे करूं जो चाहे ना करूं (औरतों में मुस्तामल)

मियाँ बावले, ऊपर से पी भंग

रुक : एक तो था ही दीवाना इस पर आई बिहार

मियाँ आवे 'अली 'अली , फूल बखेरों गली गली

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

मियाँ बीवी राज़ी क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में एकता हो तो दूसरा किस प्रकार अच्छी एवं बुद्धि की बातों में हस्तक्षेप कर सकता है

मियाँ का दम और किवाड़ की जोड़ी

अत्यधिक निर्धनता प्रकट करने को कहते हैं, घर में कुछ नहीं है, बहुत ग़रीब है

मियाँ-बीवी की लड़ाई दूध की मलाई

मियाँ बीवी का झगड़ा थोड़ी देर के लिए होता है, आज लड़ाई तो कल मेल

मियाँ गए रवंद , बीवी गईं पट रवंद

ख़ावंद घर से बाहर जाएं तो बीवी भी चल देती है इस औरत के मुताल्लिक़ कहते हैं जो बहुत फुर्ती रहे

मियाँ ने टोई, सब काम से खोई

मालिक यदि लौंडी से भोग-विलास करे तो वो काम नहीं करती

मियाँ मिट्ठू पढ़ो तो पढ़ो नहीं पिंजरा ख़ाली करो

काम करना है तो करो नहीं तो जाओ

मियाँ आवें क्यों कर जानों घोड़े की टाप पहचानिए

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

मियाँ बी बी राज़ी क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में इत्तिफ़ाक़ हो तो दूसरा कुछ नहीं करसकता

मियाँ आवें क्यों कर जानिए घोड़े की टाप पहचानिए

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

मियाँ की चुल्हिया कहीं, बीवी की हंडकुल्हिया कहीं

(ओ) बाहमी नाचाक़ी या बे इलतिफ़ाती ''ऐसे रूखे फीके रहते हैं जैसे कभी मेल ही ना था वही मिसल हुई कि मियां की चलहया कहीं बीवी की हिंड कुल्हिया कहीं '

मियाँ बिवी दो जने ,किस लिये जौ चने

इस मौके़ पर कहा करते हैं जब किसी के लड़के लड़की ना हो और फिर वो ख़िस्त करे यानी जब सिर्फ़ मियां बीवी ही खाने वाले हैं और ख़र्च ज़्यादा नहीं है तो फिर ख़िस्त करना और जमा करके मरना बेकार है

मियाँ-बीवी की लड़ाई जैसे सावन-भादों की झड़ेक

मियाँ बीवी का झगड़ा थोड़ी देर के लिए होता है, आज लड़ाई तो कल मेल

मियाँ आवे दाैड़ के , दुश्मन की छाती तोड़ के

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

मियाँ बीवी दो जने , किस के लिये पीसें जौ चने

घर के दो आदमी हूँ तो ख़िस्त (या ज़्यादा मेहनत) करना बेफ़ाइदा है

मियाँ कमाते क्या हो एक से दस, सास नंद को छोड़ दो, हमें तुम्हें बस

जो कुछ तुम कमाते हो वो हमारे लिए बहुत है, सास-नंद को छोड़ कर अलग हो जाओ

मियाँ हाथ अंगूठी बीवी के कान पात, लौंडी के दाँत मिस्सी तीनों की एक बात

घर में सब शौक़ीन मिज़ाज हैं

मू-ए-मियाँ

(फ) मुज़क्कर। पतली कमर।

भाई-मियाँ

بھائی سے خطاب کا کلمہ.

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बजावे ख़ुनिया ढोलकी मियाँ ख़ैर से आए के अर्थदेखिए

बजावे ख़ुनिया ढोलकी मियाँ ख़ैर से आए

bajaave KHuniyaa Dholkii miyaa.n KHair se aa.eبَجاوے خُنْیا ڈھولْکی مِیاں خَیر سے آئے

कहावत

बजावे ख़ुनिया ढोलकी मियाँ ख़ैर से आए के हिंदी अर्थ

  • (तंज़न) इस नाअहल शख़्स के लिए मुस्तामल जिस के हाथ से इत्तिफ़ाक़न कोई बड़ा काम सरअंजाम पाए, या निखटू् को छेड़ने के लिए

بَجاوے خُنْیا ڈھولْکی مِیاں خَیر سے آئے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • (طنزاً) اس نااہل شخص کے لیے مستعمل جس کے ہاتھ سے اتفاقاً کوئی بڑا کام سرانجام پائے ، یا نکھٹو کو چھیڑںے کے لیے

Urdu meaning of bajaave KHuniyaa Dholkii miyaa.n KHair se aa.e

  • Roman
  • Urdu

  • (tanzan) is naaahal shaKhs ke li.e mustaamal jis ke haath se ittifaaqan ko.ii ba.Daa kaam saranjaam pa.e, ya nikhTuuX ko chhe.Dne ke li.e

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मियाँ

स्त्री का पति, स्वामी, मालिक सादात यानी सय्यद बिरादरी के पुरुषों के नाम के बाद लगाया जानेवाला आदरसूचक शब्द

मियाँ-भाई

बड़ा भाई

मियाँ-जी

पाठशाला में पढ़ाने वाला आचार्य, अध्याप, गुरु, उस्ताद

मियाँ अल्लाह

फ़क़ीरों का कलमा-ए-ख़िताब , रुक : अल्लाह मियां

मियाँ-तिही

जिसका बीच खाली हो, वह बिस्तर जिसके बीच में रूई न हो।

मियाँ की मलहार

(موسیقی) کافی ٹھاٹھ کا چھ سروں کا راگ جو میاں تان سین کی اختراع مانا گیا ہے اور عموماً برسات کے موسم میں گایا جاتا ہے

मियाँ-तबी'अत

good-natured, courteous

मियाँ वाली

शादीशुदा औरत

मियाँ-बीवी होना

साथ होना, साथ सोना

मियाँ मोधू हैं

बे-ओ-क्विफ, नाफ़हम है

मियाँ जिस को चाहे वही सोहागन

रुक : जिसे पिया चाहे वही सुहागन जो फ़सीह है

मियाँ-पन

آقا ہونا ، مالک ہونے کی حالت ، سرداری ، بزرگی نیز امیری ۔

मियाँ-मार

पति को मारने वाली (पत्नी), डराने-धमकाने वाली, मियाँ पर रोब जमाने वाली, मर्द-मार स्त्री

मियाँ-बंद

पटका, कमर की पेटी, कटिबंध।

मियाँ-आदमी

a good-natured man, a respectable person, a gentleman

मियाँ का जूता हो और मियाँ ही का सर

अपने ही हाथों लाचार होना, किसी की बेइज़्ज़ती इस के अपने ही कारिंदों के हाथों कराना

मियाँ-बाला

दरमियानी क़द का, न ठिगना न लंबा।।

मियाँ-साहब

सम्मान में कहना, श्रीमान

मियाँ-गीरी

نامہ بری ، پیغام رسانی کا کام ، قاصد پن

मियाँ-आदमी

भलामानस, भला व्यक्ति, शरीफ़ इंसान

मियाँ-मिठ्ठू

मधुर-भाषी, मीठी मीठी बातें करने वाला, जो आत्म-प्रशंसा करता है, प्यारे तोते को कहते हैं, भोला भाला

मियाँ-मोधू

बेवक़ूफ़, बुद्धू, नासमझ आदमी

मियाँ-नज्जार

बढ़ई; (व्यंग्यात्मक) ब्रिटिश शासक

मियाँ की टोडी

(موسیقی) ٹوڈی ٹھاٹھ کا ایک صبح کا کھاڈو سمپورن راگ جو میاں تان سین کی اختراع مانا گیا ہے ، شدھ ٹوڈی ۔

मियाँ-जी-गरी

the profession of schoolmaster, teaching

मियाँ की मलार

(موسیقی) کافی ٹھاٹھ کا چھ سروں کا راگ جو میاں تان سین کی اختراع مانا گیا ہے اور عموماً برسات کے موسم میں گایا جاتا ہے

मियाँ का सारंग

(संगीतशास्त्र) काफ़ी ठाठ का छः सुरों का एक दोपहर का राग जो मियाँ की मल्हार से समानता रखता है और तानसेन की आविष्कार है

मियाँ ही की जूती, मियाँ ही का सर

रुक : मियां का जूता हो और मियां ही का सर

मियाँ मिट्ठू बनाना

۲۔ बे-ओ-क़ौफ़ बनाना

मियाँ मिट्ठू बनना

मियां मट्टहूओ बनाना(रुक) का लाज़िम , अपनी तारीफ़ ख़ुद करना

मियाँ मारते ख़ान

(व्यंग्यात्मक) बहुत मारने वाला, बिना सोचे-समझे हत्या करने वाला, किसी क्रूर व्यक्ति का भाषण, हत्या और लूटमार की शेख़ी बघारने वाला

मियाँ घर नहीं, बीवी को डर नहीं

ख़ावंद घर मौजूद ना हो और बीवी खुल खेले तो कहा जाता है

मियाँ की जूती मियाँ का सर

आदमी अपने अथवा अपनों के हाथों के किए से लाचार है, उसी के साधनों से उसी की हानि

मियाँ फिरे लाल-गलाल बीवी के रहें बुरे अहवाल

पति बाहर भोग विलास कर रहा है, पत्नी घर में कष्ट झेल रही है

मियां नाक काटने को फिरें, बीवी कहे मुझे नथ घड़ा दो

एक कुछ कहे दूसरा कुछ, एक का कुछ मतलब हो दूसरा कुछ समझे

मियाँ के मियाँ गए, बुरे बुरे सपने आए

मुसीबत पर मुसीबत पड़े तो कहते हैं

मियाँ कमाऊ बीबी उड़ाऊ

एक कमाए दूसरा ख़र्च करे

मियाँ की दाढ़ी वाह वाह में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

मियाँ बाहर पंज हज़ारी , बीवी घर में क़हत की मारी

(अविर) मियां बाहर ऐश कररहे हैं बीवी घर में मुसीबत झील रही है , रुक : बाहर मियां हफ़तहज़ारी, घर में बीवी फ़ाक़ों मारी जो ज़्यादा मुस्तामल है

मियाँ मेरा घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

रुक : मियां घर नहीं बीवी को डर नहीं, जो चाहे करूं जो चाहे ना करूं (औरतों में मुस्तामल)

मियाँ बावले, ऊपर से पी भंग

रुक : एक तो था ही दीवाना इस पर आई बिहार

मियाँ आवे 'अली 'अली , फूल बखेरों गली गली

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

मियाँ बीवी राज़ी क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में एकता हो तो दूसरा किस प्रकार अच्छी एवं बुद्धि की बातों में हस्तक्षेप कर सकता है

मियाँ का दम और किवाड़ की जोड़ी

अत्यधिक निर्धनता प्रकट करने को कहते हैं, घर में कुछ नहीं है, बहुत ग़रीब है

मियाँ-बीवी की लड़ाई दूध की मलाई

मियाँ बीवी का झगड़ा थोड़ी देर के लिए होता है, आज लड़ाई तो कल मेल

मियाँ गए रवंद , बीवी गईं पट रवंद

ख़ावंद घर से बाहर जाएं तो बीवी भी चल देती है इस औरत के मुताल्लिक़ कहते हैं जो बहुत फुर्ती रहे

मियाँ ने टोई, सब काम से खोई

मालिक यदि लौंडी से भोग-विलास करे तो वो काम नहीं करती

मियाँ मिट्ठू पढ़ो तो पढ़ो नहीं पिंजरा ख़ाली करो

काम करना है तो करो नहीं तो जाओ

मियाँ आवें क्यों कर जानों घोड़े की टाप पहचानिए

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

मियाँ बी बी राज़ी क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में इत्तिफ़ाक़ हो तो दूसरा कुछ नहीं करसकता

मियाँ आवें क्यों कर जानिए घोड़े की टाप पहचानिए

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

मियाँ की चुल्हिया कहीं, बीवी की हंडकुल्हिया कहीं

(ओ) बाहमी नाचाक़ी या बे इलतिफ़ाती ''ऐसे रूखे फीके रहते हैं जैसे कभी मेल ही ना था वही मिसल हुई कि मियां की चलहया कहीं बीवी की हिंड कुल्हिया कहीं '

मियाँ बिवी दो जने ,किस लिये जौ चने

इस मौके़ पर कहा करते हैं जब किसी के लड़के लड़की ना हो और फिर वो ख़िस्त करे यानी जब सिर्फ़ मियां बीवी ही खाने वाले हैं और ख़र्च ज़्यादा नहीं है तो फिर ख़िस्त करना और जमा करके मरना बेकार है

मियाँ-बीवी की लड़ाई जैसे सावन-भादों की झड़ेक

मियाँ बीवी का झगड़ा थोड़ी देर के लिए होता है, आज लड़ाई तो कल मेल

मियाँ आवे दाैड़ के , दुश्मन की छाती तोड़ के

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

मियाँ बीवी दो जने , किस के लिये पीसें जौ चने

घर के दो आदमी हूँ तो ख़िस्त (या ज़्यादा मेहनत) करना बेफ़ाइदा है

मियाँ कमाते क्या हो एक से दस, सास नंद को छोड़ दो, हमें तुम्हें बस

जो कुछ तुम कमाते हो वो हमारे लिए बहुत है, सास-नंद को छोड़ कर अलग हो जाओ

मियाँ हाथ अंगूठी बीवी के कान पात, लौंडी के दाँत मिस्सी तीनों की एक बात

घर में सब शौक़ीन मिज़ाज हैं

मू-ए-मियाँ

(फ) मुज़क्कर। पतली कमर।

भाई-मियाँ

بھائی سے خطاب کا کلمہ.

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