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भूला

भूल हुआ, भटका हुआ

भोला

(कथन या बात) जो ऊपर से देखने में बहुत ही सरल तथा ठीक प्रतीत होती हो परन्तु प्रस्तुत प्रसंग में अनुपयुक्त या अव्यवहार्य हो उदा०-आहा ! यह परमार्थ कथन है कैसा भोला भाला।-मैथिली शरण।

भोला-बादशाह

رک : بھولا معنی نمبر ۱ .

भोला-पन

भोला होने की अवस्था, गुण या भाव, सादगी, सरलता, निश्छलता

भोला बनना

अंजान बनना

भोला-भोला

بھولا (رک) کی تکرار .

भूला फिरे किसान जो कातिक माँगे मेंह

मूर्ख है वह व्यक्ति जो असंभव बात की आशा करे

भोला-भाला

निश्छल और निरीह, सरल हृदय का, सरल और सज्जन, दिल को लुभाने वाला, प्यारा, सीधा-सादा, निश्छल

भोला बाला

सीधा-साधा, साधारण

भूला-चेता

a forgetful or bad memory

भूला-बिसरा

बहुत समय से भुला हुआ, भुलाया हुआ

भूला-चूका

رک : بھولا بھٹکا .

भूला-भटका

भूला हुआ, जो रास्ता भूल गया हो, जो कभी-कभार कसी से मुलाक़ात करे, भटका हुआ, अधर्मी

भूलाना

भूलना, भूल जाना, भुला देना, मन से उतरना

भूलाट

भूल जाने की अवस्था या हालत, भुलावट

भूला भाट दीवाली गाए

बिना अवसर काम करने पर बोलते हैं

भूला जोगी, दूनी लाभ

उस अवसर पर बोलते हैं जहाँ कोई लाभ उठाने के लिए भूल कर ग़लती करे

भोलानाथ

शिव, महादेव

भूलाऊ

भूल में डालने वाला, भुलाने वाला

भूल उठना

भूलना, भूल जाना, भुलाना, मन से उतर जाना, याद न रहना

किस बात पर भोला है

۔کس گھمنڈ میں ہے۔ کس برتے پر اتراتا ہے۔ کس وہم و خیال میں ہے۔ ؎

क्या भोला है

कितना कम फ़ह्म है (ताज्जुब के वास्ते भी कहते हैं यानी भोला नहीं है चालाक है

बन्ना-भोला

نادان ، کم عقل

बट-भोला

one who has lost his way

नन्हा-भोला

नादान, कम अक़्ल

नन्ना-भोला

۔ صفت۔ نادان۔ کم عقل۔

सुब्ह का भोला शाम को घर आ जाए तो उसे भोला नहीं कहना चाहिए

better late than never

घर का भोला

अपने परिवार में सबसे ज़्यादा बेवक़ूफ़, सीधा

बाला भोला

सीधा सादा, साफ़ दिल, बेरिया (निष्कपट), जो छल फ़रेब से ख़ाली हो

रत्ती दे कर माँगे तोला, वा को कौन बतावे भोला

जो थोड़ा दे कर बहुत माँगे उसे कौन मूर्ख कह सकता है

दिन का भूला रात को घर आया तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

तड़के का भूला साँझ को आए तो भूला नहीं कहलाता

रुक : सुबह का भोला शाम को आए, अगर कोई शख़्स थोड़ा सा भटक कर राह रास्त पर आजाए तो उसे गुमराह नहीं समझना चाहिए

फ़ज्र का भूला शाम को घर आवे तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति बिना कारण अनुचित काम करे और फिर उससे आलग हो जाए तो उस पर गुनाह साबित नहीं होता

शाम का भूला सुब्ह को आए तो उसे भूला नहीं कहते

जो आदमी थोड़ी सी ठोकर खाकर सँभल जाए तो उसे रास्ते से भटका हुआ नहीं समझना चाहिए

सुब्ह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

सवेरे का भूला साँझ को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर ग़लती करने वाला जल्द ही उस की तलाफ़ी कर दे तो काबिल-ए-माफ़ी है, इंसान गुनाह करके तौबा करे तो ग़नीमत है, अगर बिगड़ने के बाद सुधर जाये तो बुरा नहीं

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

अत का भोला सोंझना डाल पात से जाए

जो हद से गुज़रता है नुक़्सान उठाता है

दिन का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

दिन का भूला रात को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे एहसास हो जाए और वह ग़लती छोड़ दे तो क्षमा के योग्य है

सहर का भूला शाम आया

अगर कोई व्यक्ति किसी प्रकार की ग़लती या अपराध करने के पश्चात, शीघ्र उस काम से तौबा (पाश्चाताप) कर ले और सुधर जाये तो कहते हैं

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सावन मास करेला फूला, नानी देख नवासा भूला

पक्षधर के भरोसे पर प्रबलता दिखाने वाले के संबंध में कहते हैं

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बद-अतवार के अर्थदेखिए

बद-अतवार

bad-atvaarبَد اَطْوار

वज़्न : 2221

बद-अतवार के हिंदी अर्थ

फ़ारसी, अरबी - विशेषण

  • जिसका व्यवहार अच्छा न हो, दुराचारी, दुश्चरित, आवारा, दुष्ट

शे'र

English meaning of bad-atvaar

Persian, Arabic - Adjective

  • of evil ways, ill-mannered

بَد اَطْوار کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فارسی، عربی - صفت

  • جس کے طور طریقے برے ہوں، برے ڈھنگوں کا، بُرے چلن والا، بُری وضع کا، اوباش، آوارہ، بدمعاش

Urdu meaning of bad-atvaar

  • Roman
  • Urdu

  • jis ke taur tariiqe bure huu.n, bure Dhango.n ka, bure chalan vaala, burii vazaa ka, obaash, badmaa sha

खोजे गए शब्द से संबंधित

भूला

भूल हुआ, भटका हुआ

भोला

(कथन या बात) जो ऊपर से देखने में बहुत ही सरल तथा ठीक प्रतीत होती हो परन्तु प्रस्तुत प्रसंग में अनुपयुक्त या अव्यवहार्य हो उदा०-आहा ! यह परमार्थ कथन है कैसा भोला भाला।-मैथिली शरण।

भोला-बादशाह

رک : بھولا معنی نمبر ۱ .

भोला-पन

भोला होने की अवस्था, गुण या भाव, सादगी, सरलता, निश्छलता

भोला बनना

अंजान बनना

भोला-भोला

بھولا (رک) کی تکرار .

भूला फिरे किसान जो कातिक माँगे मेंह

मूर्ख है वह व्यक्ति जो असंभव बात की आशा करे

भोला-भाला

निश्छल और निरीह, सरल हृदय का, सरल और सज्जन, दिल को लुभाने वाला, प्यारा, सीधा-सादा, निश्छल

भोला बाला

सीधा-साधा, साधारण

भूला-चेता

a forgetful or bad memory

भूला-बिसरा

बहुत समय से भुला हुआ, भुलाया हुआ

भूला-चूका

رک : بھولا بھٹکا .

भूला-भटका

भूला हुआ, जो रास्ता भूल गया हो, जो कभी-कभार कसी से मुलाक़ात करे, भटका हुआ, अधर्मी

भूलाना

भूलना, भूल जाना, भुला देना, मन से उतरना

भूलाट

भूल जाने की अवस्था या हालत, भुलावट

भूला भाट दीवाली गाए

बिना अवसर काम करने पर बोलते हैं

भूला जोगी, दूनी लाभ

उस अवसर पर बोलते हैं जहाँ कोई लाभ उठाने के लिए भूल कर ग़लती करे

भोलानाथ

शिव, महादेव

भूलाऊ

भूल में डालने वाला, भुलाने वाला

भूल उठना

भूलना, भूल जाना, भुलाना, मन से उतर जाना, याद न रहना

किस बात पर भोला है

۔کس گھمنڈ میں ہے۔ کس برتے پر اتراتا ہے۔ کس وہم و خیال میں ہے۔ ؎

क्या भोला है

कितना कम फ़ह्म है (ताज्जुब के वास्ते भी कहते हैं यानी भोला नहीं है चालाक है

बन्ना-भोला

نادان ، کم عقل

बट-भोला

one who has lost his way

नन्हा-भोला

नादान, कम अक़्ल

नन्ना-भोला

۔ صفت۔ نادان۔ کم عقل۔

सुब्ह का भोला शाम को घर आ जाए तो उसे भोला नहीं कहना चाहिए

better late than never

घर का भोला

अपने परिवार में सबसे ज़्यादा बेवक़ूफ़, सीधा

बाला भोला

सीधा सादा, साफ़ दिल, बेरिया (निष्कपट), जो छल फ़रेब से ख़ाली हो

रत्ती दे कर माँगे तोला, वा को कौन बतावे भोला

जो थोड़ा दे कर बहुत माँगे उसे कौन मूर्ख कह सकता है

दिन का भूला रात को घर आया तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

तड़के का भूला साँझ को आए तो भूला नहीं कहलाता

रुक : सुबह का भोला शाम को आए, अगर कोई शख़्स थोड़ा सा भटक कर राह रास्त पर आजाए तो उसे गुमराह नहीं समझना चाहिए

फ़ज्र का भूला शाम को घर आवे तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति बिना कारण अनुचित काम करे और फिर उससे आलग हो जाए तो उस पर गुनाह साबित नहीं होता

शाम का भूला सुब्ह को आए तो उसे भूला नहीं कहते

जो आदमी थोड़ी सी ठोकर खाकर सँभल जाए तो उसे रास्ते से भटका हुआ नहीं समझना चाहिए

सुब्ह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

सवेरे का भूला साँझ को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर ग़लती करने वाला जल्द ही उस की तलाफ़ी कर दे तो काबिल-ए-माफ़ी है, इंसान गुनाह करके तौबा करे तो ग़नीमत है, अगर बिगड़ने के बाद सुधर जाये तो बुरा नहीं

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

अत का भोला सोंझना डाल पात से जाए

जो हद से गुज़रता है नुक़्सान उठाता है

दिन का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

दिन का भूला रात को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे एहसास हो जाए और वह ग़लती छोड़ दे तो क्षमा के योग्य है

सहर का भूला शाम आया

अगर कोई व्यक्ति किसी प्रकार की ग़लती या अपराध करने के पश्चात, शीघ्र उस काम से तौबा (पाश्चाताप) कर ले और सुधर जाये तो कहते हैं

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सावन मास करेला फूला, नानी देख नवासा भूला

पक्षधर के भरोसे पर प्रबलता दिखाने वाले के संबंध में कहते हैं

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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